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Delhi Tourism Food Festival: तिहाड़ जेल बेकरी प्रोडक्ट्स बने लोगों के आकर्षक का केंद्र

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Published : Mar 12, 2023, 8:33 PM IST

दिल्ली टूरिज्म फूड फेस्टिवल में लोगों को देश के विभिन्न राज्यों के साथ ही विदेशी व्यंजनों का स्वाद चखने का मौका मिल रहा है. फूड फेस्टिवल में लगे दर्जनों स्टॉलों में से एक स्टॉल तिहाड़ बेकरी का भी है, जहां लोग कैदियों द्वारा तैयार किये गए स्वादिष्ट व्यंजनों का लुत्फ उठा रहे हैं.

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तिहाड़ जेल बेकरी प्रोडक्ट्स बने लोगों के आकर्षक का केंद्र

नई दिल्ली: दिल्ली के मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में लगे तीन दिवसीय दिल्ली टूरिज्म फूड फेस्टिवल में तिहाड़ जेल के कैदियों द्वारा तैयार किये गए फूड प्रोडक्ट्स की धूम है. तिहाड़ जेल बेकरी के नाम से तैयार इन प्रोडक्ट्स में गरम मसाला, मीट मसाला, पानी पूरी मसाला, पाव भाजी मसाला, आम का अचार, मिर्च का अचार, नींबू का अचार, पनीर पेटीज, बर्गर, मक्के की रोटी और सरसों का साग के अलावा तिहाड़ जेल की स्पेशल थाली शामिल है.

राजधानी दिल्ली के मेजर ध्यान चंद स्टेडियम में लगे दिल्ली टूरिज्म फूड फेस्टिवल में देश के अलग-अलग राज्यों के व्यंजनों के स्टॉल आकर्षक का केंद्र बने हुए हैं. लेकिन दिल्ली के तिहाड़ जेल के कैदियों द्वारा तैयार किये गए बेकरी के प्रोडक्ट्स की इस फूड फेस्टिवल में खासा पूछ है. तिहाड़ जेल के असिस्टेंट सुपरिटेंडेंट राजीव सिंह ने बताया कि दिल्ली टूरिज्म फूड फेस्टिवल में तिहाड़ जेल की तरफ से स्टाल लगाई गई है. पहले भी फूड फेस्टिवल में G20 के तहत हमारी स्टॉल लग चुकी है. तिहाड़ जेल के सजायाफ्ता कैदियों द्वारा तैयार किये गए बेकरी के आइटम्स यहां उपलब्ध हैं.

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बताया कि तिहाड़ जेल में सजा काट रहे कैदियों को इस बेकरी की मदद से कुछ नया सीखने, कुकिंग करने और बाहरी दुनिया से जुड़ने का मौका मिलता है. कोई कैदी अगर कुकिंग से जुड़ा हुआ है, तो इस बेकरी में काम कर सकता है. बेकरी में बनाए गए प्रोडक्ट्स को बाहर बेचा जाता है. यहां हमारे तिहाड़ जेल के कैदियों द्वारा तैयार किये गए बेकरी के बहुत सारे आइटम्स हैं. इनमें मक्के की रोटी, बाजरे की रोटी, पनीर पेटीज, बर्गर, नमकीन बिस्किट आदि शामिल हैं.

असिस्टेंट सुपरिटेंडेंट राजीव सिंह ने बताया कि तिहाड़ जेल की तरफ से लंबी सजा काट रहे कैदियों को सुधरने का मौका भी दिया जाता है. उनसे काम लिया जाता है और इसके बदले में उन्हें वेतन दिया जाता है. पूरी तरह से काम सीख चुके कैदियों को 308 रुपये रोजाना का वेतन दिया जाता है. जिन कैदियों को काम नहीं आता उनको थोड़ा कम वेतन दिया जाता है, उन्हें काम सिखाया जाता है.

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