नई दिल्ली: राजधानी के सरकारी कार्यालयों का समय बदलने को लेकर आज मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक बैठक बुलाई है. जिसमें तय किया जाएगा कि 4 से 15 नवंबर के बीच लागू होने जा रहे ऑड इवन के मद्देनजर सरकारी दफ्तरों के समय में बदलाव किया जाए या नहीं. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस बैठक में वर्ल्ड रिसोर्सेज इंस्टिट्यूट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ओपी अग्रवाल को भी आमंत्रित किया है. उन्होंने यातायात सुगम करने तथा वायु प्रदूषण कम करने के लिए सरकारी दफ्तरों के कामकाज के समय को अलग-अलग पालियों में बदलने के विषय में सुझाव दिया था.
सरकार कार्यालयों के समय पर कर रही है विचार
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार आने वाले सर्दियों के मौसम के हिसाब से हर संभव कदम उठा रही है. जब पराली जलाने के मामले सामने आएं हैं और प्रदूषण बढ़ा है, तब एक साथ राजधानी में मोटर वाहन सड़कों पर ना हो इसे सुनिश्चित करने के लिए ही सरकार सरकारी कार्यालयों के शुरू और बंद होने के समय को बदलने पर विचार कर रही है.
आज हो सकती है मीटिंग
आज इस पर फैसला लिया जा सकता है. ओपी अग्रवाल परिवहन और शहरी नीतियों के मुद्दे पर जाने-माने विशेषज्ञ हैं. वर्ल्ड रिसोर्सेज इंस्टिट्यूट पहले भी कई तरह के उपाय करने में दिल्ली सरकार को सुझाव दे चुका है. इसमें ऑड इवन योजना के दौरान दफ्तरों के समय को बांटने या बदलने पर विचार भी शामिल है.
4 हजार का लगेगा जुर्माना
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार दिल्ली के सरकारी कार्यालयों का कामकाज का समय और अवधि के दौरान सुबह 11 बजे से शाम 7 बजे तक किया जा सकता है. 4 से 15 नवंबर तक लागू होने जा रहे हैं ऑड इवन का समय सुबह 8 से शाम 8 बजे तक रखा गया है. इस दौरान नियम का पालन नहीं करने वालों को 4000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा. सरकार का मानना है कि कार्यालयों के कामकाज का समय बदलने से रोड पर एक साथ निकलने वाले वाहनों में कमी आएगी और ट्रैफिक जाम की समस्या भी नहीं होगी.