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दिल्ली हाई कोर्ट ने निमिषा प्रिया की मां को ब्लड मनी का हलफनामा दाखिल करने का दिया निर्देश

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Dec 11, 2023, 8:34 PM IST

Delhi High Court: दिल्ली हाईकोर्ट ने यमन में मौत की सजा पा चुकी केरल की नर्स निमिषा प्रिया की मां को निर्देश दिया है कि वह इस बात का हलफनामा दाखिल करे कि यमन की कोर्ट ने उसे मृत यमनी नागरिक के परिवार से ब्लड मनी देकर समझौते का विकल्प दिया है.

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नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने यमन में मौत की सजा पा चुकी केरल की नर्स निमिषा प्रिया की मां को ब्लड मनी का हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने कहा है कि वह इस बात का हलफनामा दाखिल करे कि यमन की कोर्ट ने उसे मृत यमनी नागरिक के परिवार से ब्लड मनी देकर समझौते का विकल्प दिया है. जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की बेंच ने निमिषा प्रिया की मां को निर्देश दिया कि वह 12 दिसंबर तक ये हलफनामा दाखिल करें. मामले की सुनवाई 12 दिसंबर को होगी.

सुनवाई के दौरान निमिषा प्रिया की मां की ओर से पेश वकील सुभाष चंद्रन ने कहा कि यमन में शरिया का कानून चलता है और इस कानून में ब्लड मनी का प्रावधान है. उन्होंने कहा कि यमन की सुप्रीम कोर्ट ने 13 नवंबर को निमिषा प्रिया को फांसी से बचने का अंतिम अवसर देते हुए कहा कि वह मृतक के परिजनों को ब्लड मनी देकर समझौता करे. उसके बाद कोर्ट ने निमिषा प्रिया को 12 दिसंबर तक इस संबंध में हलफनामा देने को कहा कि यमन की सुप्रीम कोर्ट ने उसे ब्लड मनी देकर समझौते का विकल्प दिया है.

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बता दें कि 5 दिसंबर को निमिषा प्रिया की मां ने हाईकोर्ट में एक हलफनामा दायर कर बताया कि तीन लोग जो पहले से यमन में अपना व्यवसाय करते हैं और उसके साथ यमन जाने को सहमत हैं. निमिषा प्रिया की मां ने जिन लोगों के बारे में हलफनामा में सूचना दी है उनमें कुन्हाम्मद नादुविलाक्कांडी, सैमुअल जेरोम भास्करन और के संजीव कुमार शामिल हैं.

कुन्हाम्मद पिछले 30 वर्षों से मध्य-पूर्व में व्यवसाय करते हैं. वे यमन की स्थानीय भाषा और अरबी बोल व समझ सकते हैं. सैमुअल जेरोम भास्करन यमन में वैध पासपोर्ट के आधार पर पिछले 24 सालों से काम कर रहे हैं. भास्करन फिलहाल फेलिक्स एयरवेज के सीईओ हैं. वहीं के संजीव कुमार यमन में पिछले 10 सालों से कार्य कर रहे हैं. संजीव ने निमिषा प्रिया की मां के साथ यमन जाने को सहमति जताई है.

दरअसल 4 दिसंबर को हाईकोर्ट ने निमिषा प्रिया की मां को निर्देश दिया था कि वह हलफनामा दाखिल कर बताएं कि उनके साथ यमन कौन-कौन जाना चाहता है. सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने कहा था कि वह निमिषा प्रिया को यमन जाने की इजाजत नहीं दे सकती है क्योंकि यमन में भारतीय दूतावास बंद हो चुका है. केंद्र सरकार ने कहा था कि मध्य-पूर्व की स्थिति नाजुक है और कुछ भी अनहोनी होने पर भारत सरकार मदद करने की स्थिति में नहीं है.

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निमिषा प्रिया की मां ने दिल्ली हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल कर अपनी बेटी को फांसी से बचाने के लिए यमन जाने की अनुमति देने की मांग की है. 2 दिसंबर को विशेष सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा था कि क्या निमिषा की मां को यमन जाने की इजाजत दी जा सकती है. निमिषा प्रिया की मां प्रेमा कुमारी की ओर से पेश वकील सुभाष चंद्रन ने कहा था कि याचिकाकर्ता ने केंद्र सरकार से यमन जाने की अनुमति मांगी थी लेकिन केंद्र सरकार ने 1 दिसंबर को यमन जाने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था.

केंद्र सरकार ने कहा था कि यमन में सत्ता बदलने के बाद वहां फिलहाल भारत की कोई राजनयिक उपस्थिति नहीं है, इसलिए केंद्र निमिषा प्रिया की मां की सुरक्षा की जिम्मेदारी नहीं ले सकता. सुनवाई के दौरान निमिषा प्रिया की मां की ओर से पेश वकील ने कहा था कि केंद्र सरकार यमन में मारे गए परिवार से समझौते की कोशिश करे. लेकिन केंद्र सरकार ने कहा कि वे ऐसा समझौता नहीं कर सकते हैं. ऐसे में निमिषा के परिवार के पास यमन जाकर खुद उसकी जान बचाने की कोशिश करना चाहता है.

उसके बाद हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार के वकील पवन नारंग से कहा था कि वे केंद्र सरकार से इस बात पर निर्देश लेकर बताएं कि क्या निमिषा प्रिया के परिवार को यमन जाने की अनुमति दी जा सकती है?

बता दें कि 7 मार्च 2022 को यमन की अदालत ने निमिषा प्रिया की अपील खारिज कर दी थी. निमिषा प्रिया पर 2017 में यमन के नागरिक तलल आब्दो माहदी की हत्या का आरोप है. निमिषा पर आरोप है कि उसने माहदी को नशीला पदार्थ पिलाया जिसके ओवरडोज से उसकी मौत हो गई थी. निमिषा एक प्रशिक्षित नर्स है. उसने 2014 में यमन की राजधाना सना में अपना क्लिनिक स्थापित करने के लिए माहदी से मदद ली थी.

यमनी कानून के मुताबिक केवल उसके नागरिकों को ही क्लीनिक और व्यावसायिक फर्म स्थापित करने की अनुमति है. बाद में दोनों के संबंध बिगड़ गए और महादी उसे प्रताड़ित करने लगा. महादी ने निमिषा का पासपोर्ट अपने कब्जे में ले लिया. आरोप है कि महादी के चंगुल से बचने के लिए एक यमनी नर्स के साथ योजना बनाकर निमिषा ने उसे नशीला इंजेक्शन दिया जिसके ओवरडोज से उसकी मौत हो गई.

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