ETV Bharat / state

Shahnawaz Hussain: भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन को राहत, दिल्ली हाईकोर्ट ने FIR दर्ज करने का निर्देश किया निरस्त

author img

By

Published : Mar 6, 2023, 2:49 PM IST

Updated : Mar 6, 2023, 4:40 PM IST

दिल्ली हाईकोर्ट से बीजेपी नेता शहनवाज हुसैन को बड़ी राहत मिली है. कोर्ट ने उनके खिलाफ FIR दर्ज करने के निर्देश को निरस्त कर दिया है. ट्रायल कोर्ट ने हुसैन पर भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 376, 295a, 493, 496, 506, 509, 511 और 120बी के तहत मुकदमा दर्ज किए जाने का निर्देश दिया था.

Delhi High Court
Delhi High Court

नई दिल्ली: भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. दिल्ली हाईकोर्ट ने शाहनवाज हुसैन के खिलाफ FIR दर्ज करने का निर्देश देने वाले ट्रायल कोर्ट के आदेश को निरस्त कर दिया है. ट्रायल कोर्ट ने शहनवाज हुसैन और उनके भाई के खिलाफ एक एनजीओ चलाने वाली महिला पर दुष्कर्म करने की शिकायत के मामले में मुकदमा दर्ज करने का निर्देश दिया था. ट्रायल कोर्ट ने हुसैन पर भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 376, 295a, 493, 496, 506, 509, 511 और 120बी के तहत मुकदमा दर्ज किए जाने का निर्देश दिया था.

न्यायमूर्ति अमित महाजन ने उस आदेश को पलट दिया, जिसमें कहा गया था कि यदि शिकायत संज्ञेय अपराध का खुलासा करती है तो पुलिस अधिकारियों को प्रारंभिक जांच करने की आवश्यकता नहीं है. अदालत ने इस तर्क पर विचार किया कि अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (एएसजे) द्वारा अभियुक्तों को कोई नोटिस जारी नहीं किया गया था और अगर सुनवाई का अवसर दिया जाता, तो वे कानून और तथ्यों को सही तरीके से रखते. यह स्पष्ट है कि एक पुनरीक्षण अदालत की शक्तियों का प्रयोग करते हुए, किसी अभियुक्त या किसी अन्य व्यक्ति के पूर्वाग्रह के लिए अदालत द्वारा कोई आदेश नहीं दिया जा सकता है, जब तक कि उक्त अभियुक्त या उक्त व्यक्ति को सुनवाई का अवसर नहीं दिया जाता है. इसे देखते हुए याचिकाकर्ताओं को सुनवाई का अवसर देने के बाद मामले को नए सिरे से विचार करने के लिए सत्र न्यायालय को भेज दिया गया था.

हाई कोर्ट के समक्ष यह मुद्दा तब उठा जब ASJ ने एक रिव्यू पिटिशन में पुलिस को प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश देने से इनकार करने वाले मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट के एक आदेश को रद्द कर दिया. ASJ ने धोखाधड़ी और बेईमानी से संपत्ति के वितरण, बलात्कार, धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने, एक व्यक्ति द्वारा धोखे से वैध विवाह का विश्वास दिलाने के लिए सहवास, धोखाधड़ी के माध्यम से विवाह समारोह, आपराधिक धमकी, अपमान के अपराधों के लिए प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया था.

शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि एक एनजीओ चलाने के दौरान उसका सामना शाहनवाज हुसैन के भाई से हुआ जिसने शादी का झांसा देकर उसके साथ दुष्कर्म किया. हालांकि, उसने दावा किया कि उसने उसके साथ शादी का झांसा दिया और भाग गया. उसने यह भी आरोप लगाया कि उस पर गोमांस खाने, धर्म बदलने और इस्लाम अपनाने के लिए दबाव डाला गया. मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने स्थिति रिपोर्ट मांगी थी और इसकी जांच करने पर पाया कि पुलिस जांच की कोई आवश्यकता नहीं थी. इस आदेश को एएसजे ने हुसैन और उनके भाई को नोटिस जारी किए बिना पलट दिया था. उच्च न्यायालय इस तर्क से सहमत था कि आरोपी को सुना जाना चाहिए था. याचिकाकर्ताओं का प्रतिनिधित्व अधिवक्ता सुबोध पाठक और आकाश स्वामी ने किया, जबकि अतिरिक्त लोक अभियोजक पी प्रियंका दलाल राज्य के लिए उपस्थित हुए और अधिवक्ता संजीव कुमार सिंह ने शिकायतकर्ता का प्रतिनिधित्व किया.

ये भी पढ़ें: Delhi Excise Policy Scam: आज खत्म हो रही मनीष सिसोदिया की रिमांड, दोपहर 2 बजे कोर्ट में पेश करेगी CBI

Last Updated :Mar 6, 2023, 4:40 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.