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आउटकम बजट: नए बजट से पहले दिल्ली सरकार ने दिया पिछले बजट का लेखा-जोखा

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Published : Mar 8, 2021, 8:55 PM IST

Updated : Mar 9, 2021, 9:24 AM IST

दिल्ली की विधान सभा
दिल्ली की विधान सभा

9 मार्च को दिल्ली विधानसभा में बजट पेश होना है. उससे पहले आज वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने पिछले साल के बजट का लेखा जोखा सदन के पटल पर रखा. सिसोदिया ने विभिन्न विभागों के उन प्रस्तावित कार्यों और योजनाओं की रिपोर्ट दी, जिनका जिक्र पिछले बजट में था.

नई दिल्ली: बजट सत्र के पहले दिन सदन के पटल पर आर्थिक सर्वेक्षण रखने के बाद वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि बीते 4 साल से हम लगातार बजट से पहले आउटकम बजट पेश करते हैं. यह सरकार को जवाबदेह बनाने की बेहतर प्रक्रिया है. उन्होंने कहा कि हम बजट में आउटपुट भी बताते हैं और आउटकम भी. मनीष सिसोदिया ने एक उदाहरण के जरिए इसे समझाया भी. सीएम केजरीवाल ने इसकी तारीफ की कि दिल्ली सरकार बीते साल के बजट का लेखा जोखा दे रही है.

नए बजट से पहले पुराने बजट का लेखा-जोखा
जानें क्या है आउटकम बजट

सिसोदिया ने कहा कि जैसे, किसी अस्पताल में कोई मशीन खरीदने के लिए 10 करोड़ का प्रस्ताव रखा गया. तो खरीद हुई कि नहीं, यह आउटपुट है, लेकिन उस मशीन को खरीदने का उद्देश्य पूरा हुआ कि नहीं, उससे जांच हुई कि नहीं यह आउटकम है. वित्त मंत्री ने कहा कि बीते पूरे साल कोरोना को छोड़कर ज्यादातर गतिविधियां बाधित रहीं. सरकार का रेवेन्यू कम हुआ, उसकी वजह से कुछ योजनाओं में खर्च नहीं हो पाया.

कोरोना से प्रभावित हुए विभागों के काम

मनीष सिसोदिया ने कहा कि राजस्व विभाग, खाद्य आपूर्ति, शिक्षा, यातायात और श्रम विभाग ने स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर महामारी में काम किया. उस अभूतपूर्व संकट के बीच भी सरकारी विभागों ने अपनी मूल जिम्मेदारियों का निर्वहन किया. वित्त मंत्री ने सभी विभागों का अलग अलग आउटकम बजट सदन के सामने रखा और बताया कि किस विभाग में कितने काम होने थे, कितने हुए, कितने हो रहे हैं और कितने नहीं हो सके.

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लॉकडाउन के बावजूद 229 दिन क्लास

शिक्षा क्षेत्र को लेकर सिसोदिया ने कहा कि कोरोना काल में शिक्षा निदेशालय ने पैरेंटिंग इन द टाइम ऑफ कोरोना नाम से कार्यक्रम शुरू किया. ऑनलाइन ऑफलाइन क्लासेज में शिक्षकों ने शानदार काम किया. आम दिनों में होने वाली 220 दिन की क्लासेज लॉक डाउन के बावजूद ऑनलाइन और ऑफलाइन तरीके से 229 दिन लगीं. सिसोदिया ने बताया कि 2020-21 के लिए शिक्षा निदेशालय के आउटकम बजट में 37 कार्यक्रम शामिल किए गए हैं.

शिक्षा निदेशालय का आउटकम

शिक्षा निदेशालय के इन 37 कार्यक्रमों में 182 इंडिकेटर चिन्हित किए गए हैं. आपको बता दें कि विभिन्न योजनाओं में काम का पैमाना देखने के लिए ये इंडिकेटर तय किए गए हैं. शिक्षा निदेशालय के लिए 182 इंडिकेटर हैं, जिनमें से 44 महत्वपूर्ण हैं.

शिक्षा निदेशालय के कार्यों की बात करें तो शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के 35,275 विद्यार्थियों का निजी स्कूलों में दाखिल कराया गया. सरकारी स्कूलों ने 12वीं के स्तर पर शिक्षा सत्र 2019-20 में 97.92 प्रतिशत का उत्तीर्णता प्रतिशत दर्ज किया, जबकि पिछले वर्ष यह 94.24 प्रतिशत था. वहीं 10वीं कक्षा के स्तर पर सरकारी स्कूलों का उत्तीर्णता प्रतिशत 82.61 रहा, जबकि पिछले वर्ष यह 71.58 प्रतिशत था.

सरकारी स्कूलों के प्राइमरी और अपर प्राइमरी कक्षाओं के 7.87 लाख विद्यार्थी वर्ष 2020-21 के दौरान मिड-डे मील योजना से लाभान्वित हुए. 728 सरकारी स्कूल भवनों में से 459 में सीसीटीवी कैमरा लगाने का काम पूरा हो गया है.

उच्च शिक्षा निदेशालय का काम

2020-21 के दौरान उच्च शिक्षा निदेशालय के आउटकम बजट में 13 कार्यक्रम शामिल हैं, जिनमें 234 इंडिकेटर तय किए गए हैं. इनमें से 61 महत्वपूर्ण हैं. उच्च शिक्षा निदेशालय के कार्यों की बात करें, तो गुरू गोविन्द सिंह इन्द्रप्रस्थ विश्वविद्यालय के पूर्वी कैंपस का निर्माण कार्य अगस्त 2017 में शुरू किया गया था.

लोक निर्माण विभाग ने दिसंबर 2020 तक इसकी 80 प्रतिशत प्रगति की रिपोर्ट दी है. दिल्ली सरकार द्वारा पूरी तरह वित्त पोषित दिल्ली विश्वविद्यालय के 12 कॉलेजों में वर्ष 2020-21 में कुल 8,248 नए विद्यार्थी नामांकित किए गए. वर्ष 2019-20 के दौरान 7539 विद्यार्थियों का नामांकन हुआ था. वर्ष 2020-21 के दौरान मेरिट कम मीन्स लिंक्ड फाइनेंशियल असिसटेंस स्कीम के तहत 3760 विद्यार्थियों को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई गई.

प्रशिक्षण और तकनीकी शिक्षा निदेशालय

इसके आउटकम बजट 2020-21 में 26 कार्यक्रम शामिल हैं, जिनमें 331 इंडिकेटर हैं और 129 महत्वपूर्ण इंडिकेटर हैं. इसके अंतर्गत, सत्र 2021 में यूजी और पीजी तकनीकी कॉलेजों व विश्वविद्यालयों में विद्यार्थियों के प्रवेश की संख्या बढकर 9591 हो गई, जबकि वर्ष 2019-20 में यह संख्या 8423 थी. 2020-21 के दौरान दिसंबर तक पॉलिटेक्निक डिप्लोमा पाठ्यक्रम में 4100 विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया, जबकि वर्ष 2019-20 में नए प्रवेश की संख्या 4600 थी. 2020-21 में दिसंबर तक पीएचडी कार्यक्रम में 393 विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया और 106 विद्यार्थियों को पीएचडी डिग्री प्रदान की गई.

पिछले शिक्षा सत्र में पीएचडी कार्यक्रम में 268 विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया था, 80 विद्यार्थियों को डिग्री दी गई थी. 2020-21 में दिसंबर तक विभिन्न तकनीकी कॉलेज और विश्वविद्यालयों में अध्ययन कर रहे 2798 विद्यार्थियों को कैंपस प्लेसमेंट मिला. 2019-20 में यह संख्या 3008 थी. 2020-21 में दिसंबर महीने तक 530 फैकल्टी के 1581 शोध पत्र प्रकाशित हुए. 2019-20 में 494 फैकल्टी के 985 शोध पत्र प्रकाशित हुए थे.

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स्वास्थ्य विभाग का आउटकम

2020-21 के वित्त वर्ष के लिए स्वास्थ्य विभाग के आउटकम बजट में 56 कार्यक्रम शामिल किए गए हैं. इनकी प्रगति देखने के लिए 1616 इंडिकेटर तय हैं, जिनमें से 499 महत्वपूर्ण हैं. इस क्षेत्र में, दिसंबर 2020 तक 496 आम आदमी मोहल्ला क्लिनिक स्थापित किए गए, जबकि लक्ष्य 750 क्लिनिक का था.

औसतन प्रत्येक आम आदमी मोहल्ला क्लिनिक प्रतिदिन 97 रोगियों को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराता है. वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान 9 से 11 महीने की आयु वर्ग के लगभग 1.82 लाख बच्चों का पूर्ण टीकाकरण किया गया. वार्षिक लक्ष्य 2.96 लाख बच्चों के टीकाकरण का था.

आशा कार्यकर्ताओं ने 1.20 लाख संस्थागत प्रसव कराए. दिसंबर 2020 तक टीबी से ग्रस्त 59,646 रोगियों का उपचार किया गया. वहीं इस दौरान औषधि नियंत्रण विभाग ने लगभग 3073 बिक्री कंपनियों का निरीक्षण किया और नियमों का उल्लंघन करने वाले 397 के लाईसेंस निलंबित या रद्द किए.

समाज कल्याण विभाग की रिपोर्ट

इस विभाग के आउटकम बजट 2020-21 में 29 कार्यक्रम शामिल हैं. इनके लिए 187 इंडिकेटर हैं, जिनमें से 87 महत्वपूर्ण हैं. इस विभाग के तहत, वर्ष 2020-21 में लगभग 4.49 लाख वरिष्ठ नागरिकों को मासिक वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई गई.

2019-20 में यह संख्या लगभग 4.64 लाख थी. 2020-21 में 1.06 लाख दिव्यांगों को वित्तीय सहायता दी गई. 2019-20 में यह संख्या 95,324 थी. 2020-21 में ऐसे 11,145 परिवारों को एक बार की वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई गई, जिनके भरण-पोषण करने वाले परिवार के मुखिया की मौत हो गई थी. उससे पिछले वर्ष 10729 परिवारों को यह सहायता दी गई थी.

महिला और बाल विकास विभाग

2020-21 के लिए इस विभाग के आउटकम बजट में 25 कार्यक्रम शामिल हैं. इनके लिए 200 इंडिकेटर बनाए गए हैं, जिनमें से 151 महत्वपूर्ण हैं. इस विभाग ने 2020-21 में लगभग 2.75 लाख विपत्तिग्रस्त महिलाओं को मासिक वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई. 2019-20 में यह आंकड़ा 2.66 लाख था.

लाडली योजना में विभाग ने दिसंबर 2020 तक नए नामांकन,जन्म और विद्यालय स्तर के लिए 33,241 आवेदन प्राप्त किए. इसका वार्षिक लक्ष्य 65,000 था. लगभग 3304 का नामांकन दिसंबर 2020 तक किया गया. लगभग 13 लाख बच्चों और गर्भवती व स्तनपान कराने वाली माताओं को आईसीडीएस के तहत 10755 आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से पोषण, टीकाकरण, स्वास्थ्य सेवा और प्री स्कूल सुविधाएं उपलब्ध कराई गई.

परिवहन विभाग की आउटकम रिपोर्ट
परिवहन विभाग के आउटकम बजट में 2020-21 के लिए 24 कार्यक्रम शामिल हैं. इसके लिए 248 इंडिकेटर हैं, जिनमें से 34 महत्वपूर्ण हैं. इसकी रिपोर्ट देखें, तो लॉकडाउन के कारण 31 मार्च 2020 से 18 मई 2020 तक बस सेवाएं निलंबित रहीं. डीडीएमए के 18 मई 2020 के आदेश द्वारा राज्य के अंदर बसों को इस शर्त के साथ मंजूरी दी गई कि एक फेरे में यात्रियों की संख्या 20 से अधिक नहीं होगी. इस प्रकार सार्वजनिक परिवहन प्रणाली के काम पर असर पड़ा.

कलस्टर बसों का औसत फ्लीट उपयोग प्रतिशत बढ़कर 98.58 प्रतिशत हो गया, जबकि लक्ष्य 97 प्रतिशत का था. कलस्टर बसों का ऑनटाइम परफारमेन्स 50 प्रतिशत लक्ष्य की तुलना में बढकर 69.46 प्रतिशत हो गया. डीटीसी बसों का औसत फ्लीट उपयोग प्रतिशत घटकर 73.71 प्रतिशत पर आ गया, जबकि लक्ष्य 90 प्रतिशत का था.

डीटीसी बसों का ऑनटाइम परफारमेन्स घटकर 73 प्रतिशत के लक्ष्य की तुलना में 68.09 प्रतिशत पर आ गया. दिसंबर 2020 तक 47.78 लाख प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण-पत्र जारी किए गए, जबकि लक्ष्य 75 लाख का रखा गया था. परिवहन विभाग ने 7 अगस्त 2020 को इलेक्ट्रिक व्हीकल्स पॉलिसी अधिसूचित कर दी. इसके बाद से 4924 नए इलेक्ट्रिक से चलने वाले वाहन पंजीकृत किए गए.

दिसंबर 2020 तक इलेक्ट्रिक व्हीकल्स खरीददारों में से 76 प्रतिशत को प्रोत्साहन राशि का वितरण कर दिया गया है. 5200 डीटीसी और कलस्टर बसों में दिसंबर 2020 तक सीसीटीवी कैमरे लगा दिए गए थे. इस दौरान घुम्मनहेरा और मुंडेरा कला में दो बस डिपो का निर्माण किया गया है.

सड़क और पुल निर्माण का लेखाजोखा
आउटकम बजट 2020-21 में सड़क और पुल निर्माण से जुड़े 37 कार्यक्रम शामिल हैं और इनके लिए 446 इंडिकेटर हैं, जिनमें से 52 महत्वपूर्ण हैं. इसके तहत किए गए कार्यों की बात करें, तो विभिन्न विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में आम लोगों की सुरक्षा के लिए सार्वजनिक स्थलों पर 1.32 लाख सीसीटीवी कैमरे चरण बद्ध तरीके से लगाए गए, जिसका लक्ष्य भी 1.32 लाख का था. शास्त्री पार्क इंटरसैक्शन और सीलमपुर में फ्लाईओवर का काम पूरा कर लिया गया है और इसे 19 अक्टूबर 2020 को लोगों के लिए खोल दिया गया. बसई दारापुर में नजफगढ नाले पर पुल को चौड़ा करने का 65 प्रतिशत कार्य दिसंबर 2020 तक पूरा कर दिया गया था. वजीराबाद और जगतपुर के बीच दो ऑफ अंडर पास तथा आउटर रिंग रोड पर गांधी विहार के निकट एक पैदल पारपथ का 56 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है. आश्रम चौक पर अंडर पास के निर्माण का 40 प्रतिशत कार्य दिसंबर 2020 तक पूरा कर लिया गया है. दिल्ली में दिसंबर 2020 तक 7000 हॉटस्पाट बनाए गए हैं. पांच फुटओवर ब्रिज का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है. चार फुटओवर ब्रिज का 90 प्रतिशत से अधिक काम दिसंबर 2020 तक पूरा हो चुका है.

दिल्ली जल बोर्ड का आउटकम बजट
दिल्ली जल बोर्ड के आउटकम बजट 2020-21 के दौरान 21 कार्यक्रम शामिल रहे. इनकी स्टेटस रिपोर्ट जानने के लिए 204 इंडिकेटर तय थे, जिनमें से 68 महत्वपूर्ण हैं. जल बोर्ड के द्वारा दिसंबर 2020 तक 1571 अनाधिकृत कॉलोनियों को पानी की पाइप लाईन से जोडा गया. इससे पानी की आपूर्ति के लिए वाटर टैंकर की संख्या में कमी आई. दिसंबर 2020 तक अनाधिकृत कॉलोनियों में 4743 किलोमीटर पाइप लाईन बिछाई गई और कुल 2667.05 किलोमीटर की पुरानी व खराब पाइप लाइन को बदला गया, इससे 3 एमजीडी पानी की बचत हुई. प्रतिमाह 20 किलोलीटर निःशुल्क पानी देने की योजना 2020-21 में जारी रखी गई और लगभग 6.58 लाख उपभोक्ताओं को प्रतिमाह 44 करोड़ की सब्सिडी दी गई. दिसंबर 2020 तक अनाधिकृत कॉलोनियों में कुल 2735 किलोमीटर सीवर लाइन बिछाई गई और 602 अनाधिकृत कॉलोनियों को सीवर नेटवर्क से जोड़ा गया. दिसंबर 2020 तक नियमित अनाधिकृत कॉलोनियों में कुल 1221 किलोमीटर पुरानी सीवर लाइन बदली गई.

31 दिसम्बर तक विद्युत विभाग के काम
दिल्ली सरकार के विद्युत विभाग के 2020-21 के आउटकम बजट में 15 कार्यक्रम शामिल हैं. इनके लिए 108 इंडिकेटर तय हैं, जिनमें से 52 महत्वपूर्ण हैं. इस विभाग के कार्यों की सूची देखें, तो दिसम्बर 2020 में ट्रांसमिशन प्रणाली की उपलब्धता बढ़कर 99.26 प्रतिशत हो गई. अप्रैल से दिसंबर 2020 के दौरान दिल्ली ने 6314 मेगावॉट की पीक डिमांड पूरी की. 2019-20 में एटीएंडसी लॉस 8.66 प्रतिशत रही. बिजली विभाग ने 200 यूनिट प्रतिमाह बिजली की खपत करने वाले घरेलू उपभोक्ताओं को बिजली शुल्क में शत-प्रतिशत की सब्सिडी दी और 201 से 400 यूनिट तक की खपत वाले उपभोक्ताओं को 800 रुपए प्रतिमाह तक की सब्सिडी दी गई. इससे 36.50 लाख घरेलू उपभोक्ताओं को फायदा हुआ. ये संख्या कुल घरेलू बिजली उपभोक्ताओं का लगभग 89 प्रतिशत है. दिसंबर 2020 तक दिल्ली में 185 मेगावाट क्षमता का सौर ऊर्जा संयंत्र लगाया गया. लक्ष्य 300 मेगावाट का था. इन संयंत्रों से 501 मेगा यूनिट बिजली का उत्पादन हुआ, इसका वार्षिक लक्ष्य 500 मेगा यूनिट का था.

'पर्यावरण विभाग का आउटकम बजट'
आउटकम बजट 2020-21 में पर्यावरण विभाग के 19 कार्यक्रम शामिल रहे. इनके लिए 132 इंडिकेटर थे, जिनमें से 33 महत्वपूर्ण हैं. सभी 26 वायु गुणवत्ता निगरानी केंद्र सुचारू हैं. उद्योग, बिजली संयंत्र, होटल इत्यादि से होने वाले उत्सर्जन के 621 सैंपल का दिसंबर 2020 तक परीक्षण किया गया. 2020-21 के दौरान 700 नमूनों के परीक्षण का लक्ष्य था. दिसंबर 2020 तक बैटरी संचालित टू व्हीलर के लिए 1747 लाभार्थियों को सब्सिडी दी गई. वहीं बैटरी चालित फोर व्हीलर के लिए 771 लाभार्थियों को सब्सिडी दी गई.महात्मा गांधी जलवायु परिवर्तन रोकथाम संस्थान द्वारा 44 ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम दिसंबर 2020 तक चलाए गए, जिनमें 2768 प्रतिभागी शामिल हुए, लक्ष्य 3000 प्रतिभागियों का था.

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वन विभाग के कार्यों का लेखा-जोखा
वन विभाग के आउटकम बजट के लिए 2020-21 के दौरान 8 कार्यक्रम शामिल किए गए, जिनके लिए 115 इंडिकेटर रहे और इसमें से 89 महत्वपूर्ण हैं. दिसंबर 2020 तक ईटीएफ द्वारा तीन लाख पौधे लगाए गए. 2020-21 के दौरान 2.50 लाख पौध रोपण का लक्ष्य था. दिसंबर 2020 तक अभयारण्य से बाहर 1.91 लाख पौधे लगाए गए, लक्ष्य 1.93 लाख का है. दिसंबर 2020 तक 3.88 लाख पौधे निःशुल्क वितरित किए गए 2020-21 के दौरान 3.50 लाख पौधे वितरित करने का लक्ष्य है. शहरी वनों का सृजन और प्रबंधन योजना के अंतर्गत दिसंबर 2020 तक 05 शहर वन सृजित किए गए और प्रबंधित किए गए. वित्त वर्ष 2020-21 के लिए 5 शहरी वनों का ही लक्ष्य था.

Last Updated :Mar 9, 2021, 9:24 AM IST
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