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VIVO इंडिया से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कोर्ट ने तीनों आरोपी को किया रिहा, गिरफ्तारी को बताया अवैध

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Dec 31, 2023, 10:01 AM IST

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money laundering case : चीनी स्मार्टफोन निर्माता कंपनी वीवो इंडिया से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पटियाला हाउस कोर्ट ने तीनों आरोपियों को दो-दो लाख रुपये की निजी मुचलके पर रिहा कर दिया है. कोर्ट ने तीनों की गिरफ्तारी को अवैध करार दिया है.

नई दिल्ली: दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने चीनी स्मार्टफोन कंपनी वीवो से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार वीवो इंडिया के अंतरिम सीईओ हांग शुकुआन ऊर्फ टेरी समेत तीन आरोपियों की गिरफ्तारी को अवैध करार दिया है. कोर्ट ने तीनों को दो-दो लाख रुपये के मुचलके पर रिहा करने का आदेश दिया है. इन तीनों ने अपनी गिरफ्तारी को चुनौती दी थी. कोर्ट ने वीवो कंपनी के जिन अधिकारियों को रिहा करने का आदेश दिया था, उनमें वीवो इंडिया के अंतरिम सीईओ हांग शुकुआन ऊर्फ टेरी के अलावा सीएफओ हरिंदर दहिया और कंसल्टेंट हेमंत मुंजाल शामिल हैं. तीनों 23 दिसंबर से ईडी हिरासत में थे.

बता दें कि 20 दिसंबर को कोर्ट ने ईडी की ओर से चार्जशीट दाखिल पर संज्ञान लिया था. एडिशनल सेशंस जज किरण गुप्ता ने इस मामले के चार आरोपियों के खिलाफ प्रोडक्शन वारंट जारी कर 19 फरवरी 2024 को पेश होने का आदेश दिया है. कोर्ट ने आरोपियों हरि ओम राय, नितिन गर्ग, राजन मलिक और गोंगवेन कुआंग को पेश होने का आदेश दिया था. चारों आरोपी फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं.

ईडी ने 7 दिसंबर को चार्जशीट दाखिल किया था. ईडी ने चार्जशीट में वीवो के मैनेजिंग डायरेक्टर हरि ओम राय समेत उन चार लोगों को आरोपी बनाया है जिन्हें 10 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था. ईडी ने इस मामले में हरिओम राय के अलावा जिन्हें गिरफ्तार किया है उनमें चीनी नागरिक गोंगवेन कुआंग, सीए नितिन गर्ग और राजन मलिक शामिल हैं. ईडी ने इन आरोपियों के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत आरोपी बनाया है.

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ईडी के मुताबिक वीवो इंडिया ने गलत तरीके से धन हासिल किया, जो भारत की आर्थिक संप्रभुता के लिए खतरा है. ईडी ने वीवो और उससे जुड़े लोगों पर जुलाई 2022 देश भर के 48 स्थानों पर छापा मारा था. ईडी ने वीवो कंपनी से जुड़ी 23 कंपनियों पर भी छापा मारा था. ईडी का दावा है कि छापे के दौरान मनी लॉन्ड्रिंग के बड़े रैकेट का पर्दाफाश हुआ था. ईडी के मुताबिक इस मामले में कई चीनी नागरिक और भारतीय कंपनियां शामिल है. ईडी के मुताबिक करीब 62476 करोड़ रुपये की रकम वीवो ने गैरकानूनी रुप से चीन ट्रांसफर किए थे. ये रकम भारत में टैक्स से बचने के लिए चीन ट्रांसफर किए गए थे.

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