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...और इस तरह कंटेनमेंट जोन की पाबंदियों से आजाद हो गए करीब ढाई लाख लोग

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Published : Aug 2, 2020, 1:18 PM IST

केजरीवाल सरकार की ओर से कंटेनमेंट जोन्स को री-डिजाइन किए जाने के बाद करीब ढाई लाख लोगों को कंटेनमेंट जोन्स की पाबंदियों से छुटकारा मिल गया है. पढिए इससे जुड़े जिलावार आंकड़े.

Delhi Containment zones
कंटेनमेंट जोन

नई दिल्ली: घटती कोरोना संक्रमण की दर के साथ दिल्ली में कंटेनमेंट जोन्स की संख्या में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिल रही थी. 27 जुलाई को ये संख्या 716 तक पहुंच गई. इसका कारण था, केंद्र सरकार की बनाई गई एक समिति की सिफारिशों को लागू किया जाना. दिल्ली में जब कोरोना संक्रमण उच्चत्तम स्तर पर था, तब वीके पॉल कमेटी की सिफारिशों के मुताबिक कंटेनमेंट जोन्स को रिडिजाइन किया गया था.

कंटेनमेंट जोन्स को रिडिजाइन किया



रातों-रात बढ़ गए थे 175 हॉट स्पॉट

तब री-मैपिंग और री-डिजाइनिंग के बाद रातों-रात 175 नए कंटेनमेंट जोन बन गए. तब फोकस इस बात पर था कि छोटे छोटे कंटेनमेंट जोन बनाए जाएं, ताकि वहां कड़ाई से कोरोना हॉट स्पॉट्स के नियमों का पालन हो सके और संक्रमण पर रोकथाम हो सके. लेकिन कम होते संक्रमण दर और अनलॉक होती दिल्ली पर ये माइक्रो-लेवल कंटेनमेंट जोन हावी होने लगे. फिर लोगों ने इसे लेकर शिकायत की जिसपर दिल्ली सरकार ने कार्रवाई की.

पाबंदियों में थे साढ़े 3 लाख लोग

सरकार ने इन कंटेनमेंट जोन्स को फिर से री-डिजाइन करने का फैसला किया. इसके तहत, कंटेनमेंट जोन्स की संख्या 716 से घटकर 496 पर आ चुकी है. दिल्ली सरकार के आंकड़ों के मुताबिक कुल मिलाकर 2,41,888 लोग अब कंटेनमेंट जोन्स की पाबंदी से आजाद हो गए हैं. अब तक 716 कंटेनमेंट जोन्स में 3,48,099 लोग एक तरह से पाबंदियों में जी रहे थे, लेकिन अब 496 कंटेनमेंट जोन्स में ये संख्या घटकर महज 1,06,211 रह गई है.

सेंट्रल दिल्ली में अब 8 हजार पर असर

जिलावार आंकड़ों की बात करें, तो सेंट्रल दिल्ली में 27 जुलाई को 59 कंटेनमेंट जोन्स थे. जिनमें 53,747 लोग रह रहे थे. लेकिन अब इस जिले में कंटेनमेंट जोन्स की संख्या 39 हो गई है. इससे प्रभावित होने वालों की तादाद 8,013 तक सिमट गई है. इसी तरह, पूर्वी दिल्ली में कंटेनमेंट जोन्स की संख्या 27 जुलाई के 54 से घटकर 80 हो गई है. वहीं प्रभावित होने वालों की आबादी 8772 से कम होकर 8179 पर पहुंच गई है.

नई दिल्ली में 50 से घटकर 39

नई दिल्ली जिले में 27 जुलाई को 50 कंटेनमेंट जोन थे और तब 6604 लोगों पर इसका असर था, लेकिन अब कंटेनमेंट जोन हो गए हैं. 39 और इससे प्रभावित लोगों की संख्या हो गई है, 5083. उत्तरी जिले के 81 कंटेनमेंट जोन्स में 27 जुलाई को 25,884 लोग प्रभावित थे. लेकिन 1 अगस्त को री-डिजाइनिंग के बाद ये संख्या घटकर क्रमशः 59 और 17,088 हो गई है.

उत्तर पूर्वी और उत्तर पश्चिमी

जिस उत्तर पूर्वी दिल्ली में कभी 40 कंटेनमेंट जोन्स हुआ करते थे, वहां अब ये संख्या घटकर 24 हो गई है. वहीं प्रभावितों की संख्या 4352 से कम होकर 1535 हो चुकी है. उत्तर पश्चिमी दिल्ली में भी ऐसी ही कमी आई है और यहां वर्तमान में 28 कंटेनमेंट जोन्स हैं. जिनकी संख्या 27 जुलाई को 49 थी. वहीं वर्तमान में कंटेनमेंट जोन्स के अंदर 11,215 लोग रह रहे हैं, जबकि 27 जुलाई को ये आबादी 15,991 थी.

सबसे ज्यादा राहत शाहदरा वालों को

कंटेनमेंट जोन के दायरे से सबसे ज्यादा लोग दूर हुए हैं शाहदरा जिले में. यहां ये संख्या 13,566 से हटकर महज 1327 रह गई है. ऐसा इसलिए क्योंकि कंटेनमेंट जोन्स की संख्या इस जिले में 43 से कम होकर महज 7 पर सिमट गई है. कुछ ऐसा ही अंतर दक्षिणी जिले में भी देखने की मिला है. जहां कंटेनमेंट जोन्स की संख्या 77 से घटकर 50 और प्रभावितों की संख्या 79,130 से घटकर 27,940 हो गई है.

दक्षिण के दो जिलों का आंकड़ा

दक्षिण पूर्वी दिल्ली की बात करें, तो यहां 27 जुलाई को 31 कंटेनमेंट जोन्स थे, जिससे 73,612 लोग प्रभावित थे. यहां कंटेनमेंट जोन्स की संख्या में तो मात्र एक की कमी आई है. लेकिन प्रभावितों की संख्या मात्र 7517 रह गई है. इसी तरह दक्षिण पश्चिमी दिल्ली में कंटेनमेंट जोन्स की संख्या 127 से हटकर 109 हो गई है और प्रभावित आबादी 55,918 से कम होकर 12,533 पर आ गई है.


पश्चिमी दिल्ली में 5781 प्रभावित

अब दिल्ली के अंतिम और 11वें जिले पश्चिमी दिल्ली की बात करते हैं. यहां 27 जुलाई को कंटेनमेंट जोन्स की संख्या 104 थी. तब इसका असर 10,523 लोगों पर हो रहा था. लेकिन री-डिजाइनिंग के बाद यहां कंटेनमेंट जोन्स की संख्या मात्र 62 ही रह गई. वहीं इससे प्रभावित होने वालों का आंकड़ा घटकर 5781 हो गया.

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