नई दिल्लीः दिल्ली के अंदर 72 लाख से ज्यादा राशन कार्ड धारकों के साथ प्रवासी मजदूरों को जिनके पास वन नेशन वन राशन कार्ड योजना के तहत राशन कार्ड है, उन्हें समय से राशन नहीं मिल रहा है. इसके चलते लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. पूरे मामले को लेकर बीजेपी विधायक दल के नेता रामवीर सिंह बिधूड़ी के द्वारा बीते दिनों प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आप की दिल्ली सरकार पर कई गंभीर आरोप भी लगाए गए थे. (Delhi BJP demands a CBI inquiry from LG VK Saxena)
बीजेपी नेता रामवीर सिंह बिधूड़ी और प्रवीण शंकर कपूर ने प्रदेश कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि केंद्र सरकार के द्वारा 7.5 लाख मैट्रिक टन अनाज दिल्ली के 72 लाख से ज्यादा राशन कार्ड धारकों के लिए मुहैया कराया जाता है. वहीं, दो लाख मैट्रिक टन अनाज अलग से प्रवासी मजदूरों के लिए मुहैया कराया जाता है, लेकिन अनाज को गोदामों से उठाकर राशन की दुकानों पर ले जाने की व्यवस्था अभी तक दिल्ली सरकार द्वारा नहीं की गई है. इसके चलते लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है.
बिधूड़ी ने कहा कि गोदामों से राशन को ले जाकर स्टोर पर डिलीवर करने को लेकर दिल्ली सरकार द्वारा बड़े स्तर पर ना सिर्फ बड़े स्तर पर अनियमितताएं बरती गई है. बल्कि भ्रष्टाचार भी किया गया है. जब दिल्ली में बड़े ट्रक जो डीजल से चलते हैं उनके रजिस्ट्रेशन और चलने पर पाबंदी लगी है, तब किस तरह से 1 जोन में डीजल के ट्रकों को अनुमति दी गई. दिल्ली में कुल 16 कॉन्ट्रेक्टर से जिनके पास सीएनजी के ट्रक है, जिनमें से एक कांट्रेक्टर को फायदा पहुंचा कर डीजल पर ट्रक चलाने की अनुमति दी गई.
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जुलाई 2022 में दिल्ली सरकार ने कोर्ट में खुद एफिडेविट देते हुए बताया था कि दिल्ली में डीजल के ट्रक चलाने की अनुमति नहीं है. साथ ही जुलाई 2022 में डीजल से चलने वाले ट्रकों के मद्देनजर टेंडर किया गया, जबकि सिर्फ सीएनजी से चलने वाले ट्रक की दिल्ली में चल सकते थे. दोनों मामलों में ना सिर्फ बड़ा मतभेद है बल्कि स्पष्ट तौर पर भ्रष्टाचार दिखाई दे रहा है. पूरे मामले की दिल्ली बीजेपी द्वारा एलजी को ना सिर्फ शिकायत की जाएगी बल्कि एजेंसी से जांच की मांग की जाएगी. साथ ही बीजेपी राष्ट्रपति से मांग करेगी कि दिल्ली सरकार के अलग-अलग विभागों में हर रोज जो भ्रष्टाचार सामने आ रहे हैं, उसको देखते हैं दिल्ली सरकार को तुरंत प्रभाव से भंग किया जाए.
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