नई दिल्ली: दिल्ली सरकार का बजट मार्च महीने में आने वाला है इस बार का बजट खास होने की भी उम्मीद है और वहीं निगम के चुनाव अप्रैल में होने हैं. लेकिन विपक्षी दलों ने भी सरकार के बजट और उसके कामों को लेकर कई कमी खोज निकाले हैं. हालांकि दिल्ली सरकार ने कई मुद्दों पर इसबार के बजट में जनता की राय मांगी है. वहीं कांग्रेस ने भी इन सब को लेकर अपनी राय भी तैयार करने को लेकर कार्यकताओं को लगा दिया है. सरकार के दिये हुए हर मुद्दे पर कई सवालों के साथ कांग्रेस आज प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाली है जहां पर वो दिल्ली सरकार को घेरते हुए नजर आएगी.
पूर्व एमएलए अनिल भारद्वाज ने बताया कि पार्टी के कार्यकर्ताओं को सुझाव तलाशने के लिए बोला गया है और उसके बाद पार्टी के द्वारा आज प्रेस वार्ता की जाएगी. जिसमें दिल्ली के कई मुद्दों को उजागर किया जाएगा और सरकार के द्वारा अब तक नहीं किए गए कामों को बता जाएगा.
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दिल्ली कांग्रेस के कार्यालय में सालों बाद पिछले तीन-चार दिनों से कतार देखने को मिल रही है. यह कतार है एमसीडी चुनाव में टिकट के दावेदारों की जो वहां आवेदन फार्म लेने पहुंच रहे हैं. लेकिन इसे अगर 'उम्मीद' की कतार कहा जाए तो शायद गलत नहीं होगा. यह कतार एक उम्मीद तो जगाती ही है. फार्म लेने वालों को उम्मीद है चुनाव जीतकर पार्षद बनने की, फार्म दे रहे पार्टी स्टाफ को उम्मीद है.
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हाल फिलहाल आर्थिक रूप से भी काफी कमजोर कांग्रेस पार्टी ने चुनावी गणित के बीच दांव खेला कि आवेदन शुल्क के बहाने कम से कम पार्टी के 'खजाने' में ही कुछ वृद्धि हो जाए. एमसीडी चुनाव के लिए प्रदेश कांग्रेस ने जो आवेदन फार्म निकाला है, उसके साथ पांच हजार रुपये आवेदन शुल्क जमा कराना भी अनिवार्य है. यह है भी नॉन रिफंडेबल. 2002 में यह शुल्क तीन हजार रुपये था. 2007, 2012 और 2017 में टिकट मांगने वालों से कोई शुल्क नहीं लिय गया था. जबकि इस बार सीधे पांच हजार रुपये तय कर दिया गया. पार्टी का तर्क है कि यह शुल्क इसलिए रखा गया है ताकि अगंभीर लोग न आएं.
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