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'कमिश्नर पुलिस सचिवालय' से अपराध में आयेगी कमी !

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Published : Aug 4, 2021, 11:15 AM IST

दिल्ली पुलिस के इतिहास में पहली बार 'कमिश्नर पुलिस सचिवालय' बनाया जा रहा है. अभी तक 'रॉ' या 'पैरामिलिट्री फोर्स' में ही इस तरह के सचिवालय या डायरेक्टरेट बनाए जाते थे.

Commissioner Secretariat
कमिश्नर सचिवालय

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस के इतिहास में पहली बार कमिश्नर पुलिस सचिवालय (Commissioner Police Secretariat) बनाया जा रहा है. दिल्ली पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना (Rakesh Asthana) की पहल पर इसे बनाया जा रहा है. अभी तक रॉ (Raw) या पैरामिलिट्री फोर्स (Paramilitary Force) में ही इस तरह के सचिवालय (Secretariat) या डायरेक्टरेट (Directorate) बनाए जाते थे.

बता दें कि, अपराध पर लगाम लगाने के लिए पुलिस कमिश्नर (Police Commissioner) इसी सचिवालय के जरिए पूरी प्लानिंग करेंगे. यह माना जा रहा है कि इससे अपराध में कमी आएगी और लोगों को काफी लाभ मिलेगा. जानकारी के मुताबिक राकेश अस्थाना दिल्ली में अपराध को कम करने के लिए बेहतर प्लान बनाना चाहते हैं, लेकिन इसके लिए उन्हें अपराध की वास्तविक स्थिति पता होनी चाहिए. इसीलिए उन्होंने दिल्ली पुलिस मुख्यालय में कमिश्नर सचिवालय बनाने के निर्देश दिये हैं.

पहली बार बन रहा है कमिश्नर सचिवालय

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जानकारी के अनुसार गृह मंत्रालय ने अपराध पर लगाम लगाने के लिए AGMUT कैडर को दरकिनार करते हुए गुजरात कैडर से राकेश अस्थाना को दिल्ली का पुलिस कमिश्नर बनाया गया है. राकेश अस्थाना दिल्ली में अपराध को कम करने के मकसद से पहली बार दिल्ली पुलिस में कमिश्नर सचिवालय बनाने के निर्देश दिए हैं. यह सचिवालय पुलिस मुख्यालय की 17वीं मंजिल पर बनाया जा रहा है. इसके तैयार होने के बाद दूसरी मंजिल पर स्थित कमिश्नर का ऑफिस भी 17वीं मंजिल पर शिफ्ट हो जाएगा. इस बिल्डिंग के नक्शे में 17वीं मंजिल पर ही पुलिस कमिश्नर का दफ्तर बनाया गया था. लेकिन तत्कालीन कमिश्नर अमूल्य पटनायक दूसरी मंजिल पर ही दफ्तर बनाकर बैठते थे.

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पुलिस सूत्रों का कहना है कि, राकेश अस्थाना के आदेश पर बन रहे इस सचिवालय की कमान एक डीआईजी (Deputy Inspector General) को सौंपी जाएगी. वहीं दो अन्य डीसीपी (Deputy Commissioner of Police) भी यहां तैनात किए जाएंगे. इस सचिवालय में दिल्ली के किसी भी क्षेत्र में होने वाले अपराध की जानकारी आएगी और उसे लगातार अपडेट किया जाएगा. इसका सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि कमिश्नर मिनट भर में किसी भी क्षेत्र या अपराध के आंकड़ों से अवगत हो जाएंगे. इसके अलावा अपराध की स्थिति के बारे में जानकारी के लिए उन्हें अलग-अलग पुलिस अधिकारियों से जानकारी नहीं जुटानी पड़ेगी. अपराध के इन आंकड़ों को ध्यान में रखते हुए ही वह उस क्षेत्र को लेकर प्लान तैयार करेंगे ताकि अपराध में कमी आ सके.

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पुलिस सूत्रों का कहना है कि, अभी तक किसी भी अपराध या उसके आंकड़े के लिए कमिश्नर विशेष आयुक्त पर निर्भर रहते हैं. लेकिन इस सचिवालय के बनने पर सभी आंकड़े एवं तथ्य उनके दफ्तर में मौजूद रहेंगे. वह इन आंकड़ों को लेकर विशेष आयुक्त से जवाब मांगने की स्थिति में होंगे. इसके अलावा उनके द्वारा बनाये गए प्लान पर चल रहे काम को लेकर भी वह विशेष आयुक्त से जानकारी ले सकेंगे. कमिश्नर पुलिस सचिवालय में प्रत्येक जानकारी को अपडेट किया जाएगा ताकि जब कमिश्नर अगली बार उस टॉपिक पर बात करें तो वह अपडेट हो जाएं.

पुलिस अधिकारियों का मानना है कि यह एक बेहतर प्रयास है जिसके जरिये अपराध पर लगाम लगाई जाएगी. सचिवालय के इनपुट पर अपराध रोकने के लिए प्लानिंग होगी तो वह ज्यादा असरदार भी साबित होगी. खासतौर से दिल्ली की सड़कों पर होने वाली झपटमारी, लूट, महिला अपराध को रोकने के लिए प्लान यहां से तैयार किया जाएगा.

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