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'कोचिंग सेंटर्स के टीचर कराएंगे सरकारी स्कूलों में गणित के बोर्ड एग्जाम की तैयारी'

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Published : Sep 28, 2019, 2:12 PM IST

Updated : Sep 28, 2019, 3:13 PM IST

इस बार सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों के दसवीं बोर्ड रिजल्ट को सुधारने के लिए शिक्षक बाहर से बुलाए जाएंगे. जिसके लिए निजी कोचिंग सेंटर्स में कॉन्पिटिटिव एग्जाम की तैयारी करा रहे शिक्षकों को प्राथमिकता दी जाएगी.

10th बोर्ड एग्जाम ETV BHARAT

नई दिल्ली: सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों के दसवीं बोर्ड रिजल्ट को सुधारने के लिए इस बार शिक्षा निदेशालय गणित के विषय पर सबसे ज्यादा ध्यान दे रहा है. यही कारण है कि शिक्षा निदेशालय ने अब निर्णय लिया है कि आगामी बोर्ड परीक्षा के लिए दसवीं के छात्रों को गणित सिखाने के लिए बाहर से शिक्षक बुलाए जाएंगे. इसके लिए सभी निजी कोचिंग सेंटर्स में कॉन्पिटिटिव एग्जाम की तैयारी करा रहे शिक्षकों को प्राथमिकता दी जाएगी. हालांकि यह स्पष्ट किया गया है कि निजी कोचिंग संस्थानों से बुलाए गए शिक्षक केवल उन्हीं स्कूलों में भेजे जाएंगे. जहां पर गणित के शिक्षकों की संख्या कम है.

कोचिंग सेंटर्स के टीचर कराएंगे गणित की तैयारी

31,255 छात्रों की दसवीं में कंपार्टमेंट
शिक्षा निदेशालय के अंतर्गत आने वाले कई सरकारी स्कूल ऐसे हैं. जिनमें गणित के शिक्षकों का अभाव है. जिसके चलते छात्रों का काफी नुकसान होता है. वहीं पिछले साल दसवीं के रिजल्ट का निरीक्षण करने के बाद शिक्षा निदेशालय के सामने जो आंकड़े आए हैं. उन आंकड़ो के मुताबिक सत्र 2018-19 में दिल्ली के सरकारी स्कूलों के 31,255 छात्रों की दसवीं की परीक्षा में कंपार्टमेंट आई थी. जिसमें से 24,502 छात्र गणित में फेल हुए थे.

गणित का परिणाम सबसे खराब
इन आंकड़ों से यह स्पष्ट हुआ है कि दसवीं की सभी विषयों में सबसे ज्यादा खराब परीक्षा परिणाम गणित में ही देखने को मिले है. इसलिए इस बार दिल्ली शिक्षा निदेशालय ने गणित विषय पर ही सबसे ज्यादा ध्यान देने का फैसला किया है.

गणित के पर्याप्त शिक्षक नहीं
कई स्कूल ऐसे हैं, जहां गणित के पर्याप्त शिक्षक नहीं हैं. जिसका खामियाजा बच्चों को उनके परीक्षा परिणाम में चुकाना पड़ता है. इस तरह की स्थिति से निपटने के लिए शिक्षा निदेशालय ने पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर प्राइवेट कोचिंग सेंटर से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराने वाले शिक्षकों को सरकारी स्कूल में तैनात करने का निर्णय लिया है. जो दसवीं के छात्रों को बोर्ड परीक्षा के लिए तैयार करा सकें.

सरकारी स्कूलों के शिक्षकों ने किया विरोध
बता दें कि शिक्षा निदेशालय के निर्णय का कई सरकारी स्कूलों के शिक्षकों ने विरोध किया है. वहीं सरकारी स्कूल के गणित के एक शिक्षक ने कहा कि जब भी बच्चा परीक्षा में कम अंक लाता है तो उसके लिए उस विषय के शिक्षक को दोषी ठहराया जाता है. लेकिन यदि निजी संस्थानों के शिक्षक केवल कुछ अवधि के लिए छात्रों को पढ़ाने आएंगे तो क्या वह छात्रों के कम अंक आने की जिम्मेदारी ले सकेंगे.

रिजल्ट से शिक्षकों का प्रमोशन
वहीं दूसरे शिक्षकों का कहना है कि छात्रों के परीक्षा परिणाम के आधार पर ही शिक्षक योग्यता का आंकलन दिल्ली सरकार करती है. यहां तक कि शिक्षकों का प्रमोशन भी अब छात्रों के परीक्षा परिणाम के आधार पर ही तय होता है. ऐसे में निजी शिक्षकों को तैनात कर उन्हें बोर्ड के लिए तैयार करना कहीं से भी उचित नहीं है और ना ही कोई निजी संस्थान का शिक्षक छात्रों के कम अंक आने की जिम्मेदारी लेगा.

CBSE ने की गणित के 2 पेपर कराने की पहल
सभी सरकारी स्कूलों के एचओएस को यह निर्देश दिया गया है कि वह उन बच्चों को बेसिक गणित लेने की सलाह दें जिनकी गणित औसतन कमजोर है. ज्ञात हो कि पहली बार सीबीएसई ने गणित के 2 पेपर कराने की पहल की है. जिसके तहत बेसिक गणित की परीक्षा के लिए वह छात्र बैठेंगे. जिन्हें दसवीं के बाद गणित विषय से पढ़ाई नहीं करनी. वहीं स्टैंडर्ड गणित की परीक्षा उन छात्रों को देनी होगी जो दसवीं के बाद 11वीं और 12वीं कक्षा में भी गणित लेने की इच्छुक है.

Intro:नई दिल्ली ।

सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों के दसवीं बोर्ड रिजल्ट को सुधारने के लिए इस बार शिक्षा निदेशालय गणित के विषय पर सबसे ज्यादा ध्यान दे रहा है. यही कारण है कि शिक्षा निदेशालय ने अब निर्णय लिया है कि आगामी बोर्ड परीक्षा के लिए दसवीं के छात्रों को गणित सिखाने के लिए बाहर से शिक्षक बुलाए जाएंगे. इसके लिए सभी निजी कोचिंग सेंटर्स में कॉन्पिटिटिव एग्जाम की तैयारी करा रहे शिक्षकों को प्राथमिकता दी जाएगी. हालांकि यह स्पष्ट किया गया है कि निजी कोचिंग संस्थानों से बुलाए गए शिक्षक केवल उन्हीं स्कूलों में भेजे जाएंगे जहां पर गणित के शिक्षकों की संख्या कम है.



Body:शिक्षा निदेशालय के अंतर्गत आने वाले कई सरकारी स्कूल ऐसे हैं जिनमें गणित के शिक्षकों का अभाव है जिसके चलते छात्रों का काफी नुकसान होता है. वहीं गत वर्ष दसवीं के रिजल्ट का निरीक्षण करने के बाद शिक्षा निदेशालय के सामने जो आंकड़े आए हैं उसके अनुसार सत्र 2018- 19 में दिल्ली के सरकारी स्कूलों के 31,255 छात्रों की दसवीं की परीक्षा में कंपार्टमेंट आई थी जिसमें से 24,502 छात्र गणित में फेल हुए थे. इन आंकड़ों से यह स्पष्ट हुआ है कि दसवीं की सभी विषयों में सबसे ज्यादा खराब परीक्षा परिणाम गणित में ही देखने को मिला है. इसलिए इस बार दिल्ली शिक्षा निदेशालय ने गणित विषय पर ही सबसे ज्यादा ध्यान देने का फैसला किया है.

वहीं कई स्कूल ऐसे हैं जहां गणित के पर्याप्त शिक्षक नहीं हैं जिसका खामियाजा बच्चों को उनके परीक्षा परिणाम में चुकाना पड़ता है. इस तरह की स्थिति से निपटने के लिए शिक्षा निदेशालय ने पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर प्राइवेट कोचिंग सेंटर से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराने वाले शिक्षकों को सरकारी स्कूल में तैनात करने का निर्णय लिया है जो दसवीं के छात्रों को बोर्ड परीक्षा के लिए तैयार करा सके.

बता दें कि शिक्षा निदेशालय के निर्णय का कई सरकारी स्कूलों के शिक्षकों ने विरोध किया है. वहीं सरकारी स्कूल के गणित के एक शिक्षक ने कहा कि जब भी बच्चा परीक्षा में कम अंक लाता है तो उसके लिए उस विषय के शिक्षक को दोषी ठहराया जाता है. लेकिन यदि निजी संस्थानों की शिक्षक केवल कुछ अवधि के लिए छात्रों को पढ़ आएंगे तो क्या वह छात्रों के कम अंक आने की जिम्मेदारी ले सकेंगे. वहीं दूसरे शिक्षकों का कहना है कि छात्रों के परीक्षा परिणाम के आधार पर ही शिक्षक योग्यता का आंकलन दिल्ली सरकार करती है. यहां तक कि शिक्षकों का प्रमोशन भी अब छात्रों के परीक्षा परिणाम के आधार पर ही तय होता है. ऐसे में निजी शिक्षकों को तैनात कर उन्हें बोर्ड के लिए तैयार करना कहीं से भी उचित नहीं है और ना ही कोई निजी संस्थान का शिक्षक छात्रों के कम अंक आने की जिम्मेदारी लेगा.



Conclusion:वहीं सभी सरकारी स्कूलों के एचओएस को यह निर्देश दिया गया है कि वह उन बच्चों को बेसिक गणित लेने की सलाह दें जिनकी गणित औसतन कमजोर है. ज्ञात हो कि पहली बार सीबीएसई ने गणित का 2 पेपर कराने की पहल की है जिसके तहत बेसिक गणित की परीक्षा के लिए वह छात्र बैठेंगे जिन्हें दसवीं के बाद गणित विषय से पढ़ाई नहीं करनी. वहीं स्टैंडर्ड गणित की परीक्षा उन छात्रों को देनी होगी जो दसवीं के बाद 11वीं और 12वीं कक्षा में भी गणित लेने की इच्छुक है.
Last Updated :Sep 28, 2019, 3:13 PM IST
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