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सुर्खियों में चांदनी चौक की मशहूर छुन्नामल हवेली, यहां जानें 'प्रॉपर्टी सेल' से जुड़ा पूरा सच

दिल्ली में मुगलों के राज (Mughal rule ) में बनी छुन्नामल हवेली (Chhunnamal Haveli) को लेकर आज भी लोगों में उत्सुकता रहती है. इन दिनों इसकी चर्चा का कारण बना है इसे बेचे जाना. हवेली के लिए एक डेडिकेटेड वेबसाइट (dedicated website) बनाकर इसे बेचने की बात कही गई है. क्या है सच्चाई. इस पर ईटीवी भारत (ETV BHARAT ) ने इसकी पड़ताल की.

chandni chowk delhi famous chunnamal haveli in limelight
छुन्नामल हवेली
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Published : Jun 12, 2021, 10:48 PM IST

नई दिल्ली: चांदनी चौक (Chandni Chowk) की शानदार और विश्व प्रसिद्ध छुन्नामल हवेली (Chhunnamal Haveli) सुर्खियों में है. कारण है, इसे बेचे जाने को लेकर हो रही बातें. जिसके लिए एक वेबसाइट भी बनाई गई है. मुगलों के राज में बनी इस निजी हवेली को क्या वाकई बेचा जा रहा है! ईटीवी भारत ने इसकी पड़ताल की.



चांदनी चौक मार्केट की मुख्य सड़क पर बनी यह हवेली किसी जमाने में दिल्ली शहर की शान और शौकत की पहचान हुआ करती थी. आज यहां देश विदेश से पर्यटक घूमने आते हैं. कुल 130 कमरों की इस हवेली में प्रसाद और मोहन फैमिली का मुख्य हिस्सा है. ये छुन्नामल के वंशज (Descendants) हैं. बीते साल तक हवेली के शेयर होल्डर अनिल प्रसाद (Anil Prasad) इसे नहीं बेचने की बात कहते थे. लेकिन हाल ही में जब हवेली के लिए एक डेडिकेटेड वेबसाइट (dedicated website) बनाकर इसे बेचने की बात कही गई तो लोग हैरान रह गए.

सुर्खियों में चांदनी चौक की मशहूर छुन्नामल हवेली
क्या बेची जा रही मशहूर छुन्नामल हवेली..!
इस सच को जानने के लिए सबसे पहले हमने वेबसाइट (website) पर दिए गए नम्बरों पर सम्पर्क करने की कोशिश की. कई प्रयास के बाद जब फोन उठा तो संबंधित व्यक्ति ने नाम तो नहीं बताया, लेकिन ये जरूर कहा कि वो ब्रोकर है और सुनील मोहन के कहने के बाद इसे बेचे जानी की प्रक्रिया पर काम कर रहा है. उसने कहा कि सुनील मोहन (Sunil Mohan) हवेली के मालिक हैं और उनका सबसे बड़ा शेयर है.
परिवार ने नकारा
इस बात की पुष्टि अब परिवार से करनी थी. बीते सालों में अनिल प्रसाद (Anil Prasad) ही हवेली के मालिक के तौर पर सामने आए हैं. लिहाजा, ईटीवी भारत की टीम (ETV BHARAT team) हवेली में प्रसाद परिवार से मिलने के लिए दाखिल हुई. यहां अनिल प्रसाद तो नहीं मिले, लेकिन परिवार के सदस्यों ने ऐसी किसी भी बात से मना कर दिया. यहां तक कि ऐसी अफवाह फैलाने वालों पर कानूनी कार्रवाई की बात भी कही. उन्होंने हवेली के अंदर कैमरा चलाने या कैमरे पर कुछ भी कहने से साफ इनकार कर दिया, लेकिन ये जरूर कहा कि वो हवेली नहीं बेचना चाहते.
क्या कहते हैं आसपास के लोग
वहीं आस पास काम करने वाले लोगों का भी यही कहना है कि हवेली नहीं बेची जा रही. पिछले 30 साल से इलाके में काम कर रहे दिनेश कहते हैं कि हवेली में लोग रहते भी हैं और दुकानों से किराया भी आता है. इसे बेचने का कोई कारण है नहीं किसी के पास. और न ही उन्होंने ऐसा सुना है. वो बताते हैं कि हवेली में बॉलीवुड की हस्तियों का भी आना जाना लगा रहता है. वहीं ठाकुर भी ऐसी किसी भी बात से मना करते हुए कहते हैं कि वो परिवार के सदस्यों को जानते हैं और ऐसा कुछ भी नहीं है.


ये भी पढ़ें-फूड फेस्टिवल में पुरानी दिल्ली के हर व्यंजन का स्वाद, मिर्जा गालिब की हवेली का भी दीदार

क्यों जरूरी है प्रॉपर्टी !
यूं तो छुन्नामल हवेली (Chhunnamal Haveli) अपने 130 कमरों, (आसपास के लोगों के लिए संख्या 200 से ज्यादा) के लिए ही इलाके में मशहूर है, लेकिन इसका इतिहास इसे और खास बनाता है.

ये भी पढ़ें-दिल्ली : कोरोना काल में 'चश्म ए तगाफुल' गालिब की हवेली

कहते हैं कि छुन्नामल (Chhunnamal) इतने अमीर थे कि वो मुगल बादशाहों को भी कर्जा दिया करते थे. उस जमाने में उनके पास कार और टेलीफोन थे, जबकि ये चीजें लोगों के लिए देखना ही जैसे बहुत बड़ी बात थी. इतनी बड़ी निजी संपत्ति को सहेज कर रखना किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है, लेकिन परिवार बिना किसी सरकारी मदद के ये कर पा रहा है.

ये भी पढ़ें-गाजियाबाद: वीरान पड़ी हवेली कभी करती थी अंग्रेजों की मेहमान नवाजी

नई दिल्ली: चांदनी चौक (Chandni Chowk) की शानदार और विश्व प्रसिद्ध छुन्नामल हवेली (Chhunnamal Haveli) सुर्खियों में है. कारण है, इसे बेचे जाने को लेकर हो रही बातें. जिसके लिए एक वेबसाइट भी बनाई गई है. मुगलों के राज में बनी इस निजी हवेली को क्या वाकई बेचा जा रहा है! ईटीवी भारत ने इसकी पड़ताल की.



चांदनी चौक मार्केट की मुख्य सड़क पर बनी यह हवेली किसी जमाने में दिल्ली शहर की शान और शौकत की पहचान हुआ करती थी. आज यहां देश विदेश से पर्यटक घूमने आते हैं. कुल 130 कमरों की इस हवेली में प्रसाद और मोहन फैमिली का मुख्य हिस्सा है. ये छुन्नामल के वंशज (Descendants) हैं. बीते साल तक हवेली के शेयर होल्डर अनिल प्रसाद (Anil Prasad) इसे नहीं बेचने की बात कहते थे. लेकिन हाल ही में जब हवेली के लिए एक डेडिकेटेड वेबसाइट (dedicated website) बनाकर इसे बेचने की बात कही गई तो लोग हैरान रह गए.

सुर्खियों में चांदनी चौक की मशहूर छुन्नामल हवेली
क्या बेची जा रही मशहूर छुन्नामल हवेली..!
इस सच को जानने के लिए सबसे पहले हमने वेबसाइट (website) पर दिए गए नम्बरों पर सम्पर्क करने की कोशिश की. कई प्रयास के बाद जब फोन उठा तो संबंधित व्यक्ति ने नाम तो नहीं बताया, लेकिन ये जरूर कहा कि वो ब्रोकर है और सुनील मोहन के कहने के बाद इसे बेचे जानी की प्रक्रिया पर काम कर रहा है. उसने कहा कि सुनील मोहन (Sunil Mohan) हवेली के मालिक हैं और उनका सबसे बड़ा शेयर है.
परिवार ने नकारा
इस बात की पुष्टि अब परिवार से करनी थी. बीते सालों में अनिल प्रसाद (Anil Prasad) ही हवेली के मालिक के तौर पर सामने आए हैं. लिहाजा, ईटीवी भारत की टीम (ETV BHARAT team) हवेली में प्रसाद परिवार से मिलने के लिए दाखिल हुई. यहां अनिल प्रसाद तो नहीं मिले, लेकिन परिवार के सदस्यों ने ऐसी किसी भी बात से मना कर दिया. यहां तक कि ऐसी अफवाह फैलाने वालों पर कानूनी कार्रवाई की बात भी कही. उन्होंने हवेली के अंदर कैमरा चलाने या कैमरे पर कुछ भी कहने से साफ इनकार कर दिया, लेकिन ये जरूर कहा कि वो हवेली नहीं बेचना चाहते.
क्या कहते हैं आसपास के लोग
वहीं आस पास काम करने वाले लोगों का भी यही कहना है कि हवेली नहीं बेची जा रही. पिछले 30 साल से इलाके में काम कर रहे दिनेश कहते हैं कि हवेली में लोग रहते भी हैं और दुकानों से किराया भी आता है. इसे बेचने का कोई कारण है नहीं किसी के पास. और न ही उन्होंने ऐसा सुना है. वो बताते हैं कि हवेली में बॉलीवुड की हस्तियों का भी आना जाना लगा रहता है. वहीं ठाकुर भी ऐसी किसी भी बात से मना करते हुए कहते हैं कि वो परिवार के सदस्यों को जानते हैं और ऐसा कुछ भी नहीं है.


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क्यों जरूरी है प्रॉपर्टी !
यूं तो छुन्नामल हवेली (Chhunnamal Haveli) अपने 130 कमरों, (आसपास के लोगों के लिए संख्या 200 से ज्यादा) के लिए ही इलाके में मशहूर है, लेकिन इसका इतिहास इसे और खास बनाता है.

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कहते हैं कि छुन्नामल (Chhunnamal) इतने अमीर थे कि वो मुगल बादशाहों को भी कर्जा दिया करते थे. उस जमाने में उनके पास कार और टेलीफोन थे, जबकि ये चीजें लोगों के लिए देखना ही जैसे बहुत बड़ी बात थी. इतनी बड़ी निजी संपत्ति को सहेज कर रखना किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है, लेकिन परिवार बिना किसी सरकारी मदद के ये कर पा रहा है.

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