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दिल्ली हाईकोर्ट में बोले जुबैर, पुलिस ने मनगढ़ंत बयान दिखाकर घर से जब्त किए मोबाइल और लैपटॉप

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Published : Oct 31, 2022, 4:22 PM IST

हाईकोर्ट में ऑल्ट न्यूज़ संस्थापक ज़ुबैर
हाईकोर्ट में ऑल्ट न्यूज़ संस्थापक ज़ुबैर

पुलिस हिरासत में भेजने, लैपटॉप और मोबाइल जब्त करने की अनुमति देने के आदेश को ऑल्ट न्यूज के सह संस्थापक मोहम्मद जुबैर ने दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी है. सोमवार को उन्होंने अपना बयान दर्ज कराया, जिसमें कहा है कि मैं फैक्ट चेक करता हूं. पुलिस ने मनगढ़ंत बयान दिखाकर घर से मोबाइल और लैपटॉप जब्त किए हैं.

नई दिल्ली: ऑल्ट न्यूज के सह संस्थापक मोहम्मद जुबैर ने सोमवार को दिल्ली हाई कोर्ट में अपना जवाब दाखिल किया. कहा कि दिल्ली पुलिस और उसके जांच अधिकारी ने हमारे आवास पर अवैध रूप से छापेमारी करने और लैपटॉप इत्यादि को जब्त करने के लिए 2018 के ट्वीट से संबंधित मामले में मनगढ़ंत बयान शामिल किया था.

जुबेर ने कहा कि हम फैक्ट चेकिंग का काम करते हैं. जांच के दौरान किसी भी समय किसी भी अधिकारी को कोई बयान नहीं दिया. जांच को बनाए रखने के लिए झूठे और मनगढ़ंत प्रकटीकरण बयान बनाने में जांच अधिकारी की कार्रवाई कानून के शासन का उल्लंघन है और उचित प्रक्रिया का मजाक बनाती है.

बता दें, उन्होंने पटियाला हाउस कोर्ट के एक आदेश को पुलिस हिरासत में भेजने और उसके लैपटॉप की जांच और जब्ती की अनुमति देने के आदेश को चुनौती देते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है.

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दिल्ली पुलिस ने पिछले महीने इस मामले में एक स्थिति रिपोर्ट दर्ज की थी. उसमें कहा गया था कि जुबैर ने 1983 की हिंदी फिल्म की एक तस्वीर साझा की थी, जो एक विशेष धार्मिक समुदाय के खिलाफ थी और बेहद उत्तेजक थी. पुलिस ने कहा था कि जुबैर ने उन्हें बताया कि ट्वीट पोस्ट करने के लिए उनके द्वारा इस्तेमाल किया गया लैपटॉप और मोबाइल फोन बेंगलुरु में उनके आवास पर था.

हालांकि, तथ्य-जांचकर्ता ने दिल्ली पुलिस द्वारा किए गए दावों को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि उसने 2018 के प्रश्न तारीखों में ट्वीट के रूप में ऐसा कोई जानकारी साझा नहीं किया था और उसने स्पष्ट और विशेष रूप से पुलिस को बताया था कि उसके पास अब वह मोबाइल फोन नहीं है, जो उसके पास है. तब इस्तेमाल कर रहे थे. ज़ुबैर ने कहा कि वही खो गया था और स्थानीय पुलिस के पास एक रिपोर्ट भी दर्ज की गई थी. इसके अलावा, विचाराधीन ट्वीट में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि यह एक एंड्रॉइड डिवाइस (मोबाइल फोन) से पोस्ट किया गया था, इसलिए इसका किसी भी लैपटॉप से ​​​​कोई संबंध नहीं है.

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जुबैर ने पुलिस के इन आरोपों का भी खंडन किया कि वह लोकप्रियता हासिल करने के लिए धार्मिक भावनाओं को भड़काने वाली सामग्री पोस्ट करता है. कहा कि मैं एक फैक्ट चेकर हूं और मैं सोशल मीडिया पर फेक न्यूज, गलत सूचना और हर तरह की गलत सूचनाओं को खारिज करने वाली सामग्री पोस्ट करता हूं. मेरा काम किसी विशेष प्रकार के पोस्ट तक सीमित नहीं है, न ही मैं लोकप्रियता या किसी अन्य भौतिक लाभ के लिए सामग्री पोस्ट करता हूं.

वहीं, मामले में दिल्ली पुलिस की तरफ से पेश वकील ने कहा कि जुबैर के मोबाइल व लैपटॉप रोहिणी स्थित एफएसएल लैब में है. इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज की जांच की जा रही है. हालांकि, जुबैर यह चाहते हैं तो वह निचली अदालत में अपने मोबाइल व लैपटॉप की प्राप्ति के लिए आवेदन कर सकते हैं.

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