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दिल्ली: 2030 तक सभी एग्रीगेटर को चलाने होंगे इलेक्ट्रिक वाहन, केजरीवाल सरकार ने तय की समयसीमा

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Nov 29, 2023, 3:30 PM IST

2030 तक सभी एग्रीगेटर को चलाने होंगे इलेक्ट्रिक वाहन
2030 तक सभी एग्रीगेटर को चलाने होंगे इलेक्ट्रिक वाहन

Transport Minister Kailash Gahlot: राजधानी दिल्ली में प्रदूषण की रोकथाम को लेकर दिल्ली मोटर व्हीकल एग्रीगेटर एंड डिलीवरी सर्विस प्रोवाइडर स्कीम को लागू कर दिया है. इसके तहत सभी एग्रीगेटर को 2030 तक अपने वाहनों को इलेक्ट्रिक करना होगा.

नई दिल्लीः प्रदूषण की रोकथाम को लेकर दिल्ली सरकार ने दिल्ली मोटर व्हीकल एग्रीगेटर एंड डिलीवरी सर्विस प्रोवाइडर स्कीम को लागू कर दिया है. बुधवार को सचिवालय में प्रेस वार्ता कर परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि जितने भी एग्रीगेटर हैं, चाहे वह पैसेंजर ट्रांसपोर्ट, डिलीवरी या ई-कार्मस सर्विस से जुड़े हैं सभी को 2030 तक पूरी तरह अपने वाहनों को इलेक्ट्रिक करना होगा.

पैसेंजर एग्रीगेटर्स को सिर्फ इलेक्ट्रिक दो पहिया वाहन की खरीदने की अनुमति है. छह माह, एक, दो, तीन और चार साल में कितने इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने हैं यह भी निर्धारित किया गया है. 2030 के बाद एग्रीगेटर द्वारा गैर इलेक्ट्रिक वाहन चलाने पर एक वाहन पर पांच हजार से एक लाख तक जुर्माना किया जाएगा. दूसरी बार में लाइसेंस भी निरस्त किया जा सकता है.

  • 🤳 Delhi Motor Vehicle Aggregator and Delivery Service Provider Scheme – Notified by Kejriwal Govt. 🤳

    ▪️First of its kind policy to combat Pollution.
    ▪️All aggregator vehicles will be Electric by 2030.
    ▪️Will be applicable on
    👉 Passenger Transport
    👉 Delivery Service Provider… pic.twitter.com/TvR7n2svTm

    — AAP (@AamAadmiParty) November 29, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

परिवहन मंत्री ने कहा कि पहले बड़ी संख्या में इलेक्ट्रिक बसें चलाई गई. और अब कैब एग्रीगेटर स्कील को नोटीफाई किया गया है. इसका दिल्ली मोटर वीकल एग्रीगेटर एंड डिलीवरी सर्विस प्रोवाइडर स्कीम नाम है. यह स्कीम तीन कैटेगरी पर लागू होगी. नंबर वन पैसेंजर ट्रांसपोर्ट जैसे कि ओला, उबर. नंबर टू डिलीवरी सर्विस प्रोवाइडर– स्वीगी, जोमैटो आदि डिलीवरी वाले. नंबर तीन ई-कामर्स फ्लिप कार्ट, अमाजोन आदि, बसों पर यह स्कीम नहीं लागू होगी. किसी भी एग्रीगेटर के पास 25 से कम वाहन होने पर यह नियम लागू नहीं होगा. 25 से अधिक वाहन होने पर यह नियम लागू होगा. आज से यह स्कीम नोटीफाई की जा रही है. इसके 90 दिन के अंदर नए ऑपरेटर या पुराने ऑपरेटर को लाइसेंस लेना पड़ेगा, लाइसेंस की पांच साल की वैलीडिटी होगी, इसका वार्षिक भुगतान भी करना होगा.

एग्रीगेटर को कमांड सेंटर का ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट को देना होगा एक्सेस: इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को और बढ़ावा देने के लिए कोई भी फीस नहीं है. यदि किसी ग्रीगेटर के पास इलेक्ट्रिक वाहन हैं तो उसपर कोई फीस नहीं है. जो ऑपरेटर होगा उसे एनसीआर के अंदर कमांड सेंटर बनान होगा. यदि एनसीआर से बाहर से कमांड सेंटर चलाया जा रहा है तो उस एग्रीगेटर को कमांड सेंटर का एक्सेस ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट को देना होगा.

कितने समय में कितने प्रतिशत वाहनों को इलेक्ट्रिक करना: ऐसे एग्रीगेटर जिनके पास पहले से कुछ वाहन हैं और वह कुछ और वाहन लेना चाह रहे हैं तो दो पहिया (बाइक टैक्सी) इलेक्ट्रिक ही लेना पड़ेगा. अगर तीन पहिया वाहन हैं तो अगले छह माह में 10 प्रतिशत तक इलेक्ट्रिक करना है. एक साल में 25 प्रतिशत, दो साल में 50 प्रतिशत, तीन साल में 75, चार और पांच साल में 100 प्रतिशत इलेक्ट्रिक वाहन ही चलाना है. वहीं, अगर चार पहिया वाहन है तो पहले छह माह में 5 प्रतिशत, एक साल में 15 प्रतिशत, दो साल में 25, तीन साल में 50 चार साल में 75 और पांच साल में 100 प्रतिशत इलेक्ट्रिक वाहन ही चलाने हैं.

उल्लंघन करने पर लगेगा जुर्माना: परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि यदि कोई एग्रीगेटर नियमों का उल्लंघन करता है और बिना रजिस्टर किए कोई एग्रीगेटर डीजल या पेट्रोल के वाहन चला रहा है तो परिवह विभाग उसपर कार्रवाई करेगा. पहली बार में एक वाहन पर पांच हजार से एक लाख रुपये तक जुर्माना किया जा सकता है. दूसरी बार में लाइसेंस भी रद्द किया जा सकता है.

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