नई दिल्ली/कोटा. महाराष्ट्र के पुणे के बाद कोटा शहर में भी एक व्यक्ति ने वैक्सीन लगने के बाद लोहे और स्टील की वस्तुएं चिपकने का दावा कर दिया था. हालांकि इस दावे की पोल ईटीवी भारत ने मौके पर पहुंचकर खोल दी.
ईटीवी भारत की टीम दावे की पड़ताल करने मौके पर पहुंची. दावा करने वाले सज्जन सिंह के शरीर पर पाउडर लगाकर लोहे की वस्तुएं चिपकाने के लिए दीं, तो दावे की हवा निकल गई. वस्तुएं शरीर से चिपकाने की सज्जन ने कोशिश की लेकिन वे नहीं चिपकी. जाहिर है कि शरीर से लोहे की चीजें पसीने के कारण चिपक रही थी.
चिकित्सकों ने भी इस दावे को सिरे से खारिज कर दिया. उनका कहना है कि पसीने में मौजूद मैटेलिक और मिनरल्स होते हैं. अभी उमस काफी बढ़ी हुई है. इसके चलते पसीना भी शरीर से नहीं सूख रहा है. जिससे लोहे के आइटम चिपक रहे हैं. लेकिन इस तरह के मनगढ़ंत दावों का गलत असर वैक्सीनेशन पर पड़ेगा. लिहाजा लोगों को किसी अफवाह या झांसे में नहीं आना चाहिए.
इस तरह से किया ईटीवी भारत ने मामले का खुलासा
दरअसल आरकेपुरम निवासी सज्जन सिंह ने दावा किया कि 24 मई को कोवैक्सीन लगवाने के बाद उनके शरीर से लोहे और स्टील की चीजें चिपक रही हैं. एक महिला लता ने भी इसी तरह का दावा किया. ईटीवी भारत की टीम मौके पर पहुंची और युवक का वीडियो बनाया. वाकई उस वक्त अधिकांश वस्तुएं सज्जन के शरीर से चिपक रही थी. ईटीवी भारत संवाददाता ने मौके पर मौजूद शिवपुरा निवासी संजय के शरीर पर भी सिक्के चिपकाने की प्रयोग किया. संजय के शरीर पर भी सिक्के चिपकने लगे.
पढ़ें- दिल्ली के शख्स का दावा: वैक्सीन लगाते ही शरीर बन गया चुंबक
जबकि संजय ने वैक्सीन की एक भी डोज नहीं लगवाई थी. ऐसे में सज्जन के दावे पर शक हुआ. शक दूर करने के लिए ईटीवी भारत संवाददाता ने सज्जन के शरीर पर पाउडर लगा दिया. ऐसा करने से उसके शरीर से पसीने का चिपचिपापन दूर हो गया. इसके बाद तो एक सैंकेड के लिए भी लोहे की कोई वस्तु उसके शरीर से नहीं चिपकी. जाहिर था कि कमी वैक्सीन में नहीं, बल्कि पसीने में थी.
चौराहे पर लोगों के शरीर पर किया प्रयोग
आरकेपुरम सर्किल स्थित रावण चौक पर मौजूद तेजकरण सोनी और लोकेश मीणा के भी सिक्के और चम्मच चिपका कर देखा. पसीने के कारण ये सभी चीजें चिपक रही थीं. वैक्सीनेशन का इस तरह के 'जादू' से किसी भी तरह का कोई संबंध नहीं था. तेजकरण और लोकेश ने माना कि सिक्के पसीने के कारण चिपक रहे हैं. इसमें वैक्सीन का कोई रोल नहीं है.
ये भी पढ़ें- Vaccination: शरीर में चुंबकीय शक्ति का दावा कितना सच? जानिए क्या कहते हैं एक्सपर्ट
वैक्सीन के बारे ने फैलाएं भ्रम
मेडिकल कॉलेज में चर्म रोग विभागाध्यक्ष और सीनियर प्रोफेसर डॉ देवेंद्र यादव का कहना है कि इस तरह की चीजें अंधविश्वास के चलते 0होती है. वैक्सीन के संबंध में इस तरह के दावे कई लोग कर रहे हैं. सभी दावों को सरकार खारिज कर चुकी है. साथ ही डॉ देवेंद्र यादव ने कहा कि वैक्सीन में ऐसा कोई मटेरियल या मेटल नहीं है जिससे चुंबकीय प्रभाव शरीर पर आ जाए.
पसीने के कंपोनेंट में होते हैं मिरल्स और मेटलिक
डॉ यादव ने कहा कि हमारे शरीर से निकलने वाले पसीने में कई कंपोनेंट होते हैं. जिसमें मेजर है पानी. इसके अलावा कुछ मैटेलिक और मिनरल्स भी निकलते हैं. इनमें सोडियम पोटेशियम, जिंक और कॉपर भी होते हैं. साथ ही यूरिक एसिड और यूरिया भी शरीर से निकलता है. इसी के चलते पसीना चिपचिपा होता है. गर्मी के मौसम में पसीना आकर शरीर से उड़ जाता है, लेकिन उमस के कारण पसीने का चिपचिपापन शरीर पर रह जाता है. इसी कारण लोहे और स्टील की वस्तुएं शरीर पर चिपक जाती हैं.