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दिल्ली के शिक्षकों पर 90 ड्यूटी का अतिरिक्त बोझ, 8 साल में बढ़ी 60 ड्यूटी

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Published : Jan 13, 2023, 12:40 PM IST

2014 के बाद शिक्षकों पर 90 ड्यूटी का अतिरिक्त बोझ
2014 के बाद शिक्षकों पर 90 ड्यूटी का अतिरिक्त बोझ

छात्रों का जीवन संवारने वाले शिक्षकों पर पढ़ाई के अलावा 90 ड्यूटी का अतिरिक्त बोझ है. पिछले 8 साल में शिक्षकों के उपर 60 ड्यूटी बढ़ी है. 2014 से पहले ये आंकड़ा 30 ड्यूटियों का था, लेकिन उसके बाद ये बढ़ते-बढ़ते 90 तक पहुंच गया. इन अतिरिक्त ड्यूटियों के चलते शिक्षकों को शिक्षण कार्य में परेशानी उठानी पड़ रही है या फिर ये कहें कि उन्हें समय ही नहीं मिल रहा है.

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के सरकारी स्कूलों में छात्रों का जीवन संवारने वाले शिक्षकों पर पढ़ाई के अलावा 90 ड्यूटी का अतिरिक्त बोझ है. इससे शिक्षक को शिक्षण कार्य के लिए समय ही नहीं बच रहा है. कभी कोविड की ड्यूटी तो कभी राशन वितरण के काम में शिक्षकों की ड्यूटी लगा दी जाती है. इस तरह की अतिरिक्त 90 ड्यूटी शिक्षकों से ली जा रही है.

साल 2014 से पहले तक शिक्षकों पर पढ़ाई के अलावा 30 ड्यूटी लगाई गई थी. लेकिन साल 2014 के बाद शिक्षकों की ड्यूटी में 60 ड्यूटी और जोड़ दी गई, जिसके बाद शिक्षकों की कुल 90 ड्यूटी तय की गई है. हालांकि इन ड्यूटी के खिलाफ शिक्षक संघ भी हैं और अपना विरोध भी जता रहे हैं. इस संबंध में जब ईटीवी भारत ने गवर्मेंट स्कूल टीचर एसोसिएशन (जीएसटीए) के वेस्ट ए के सचिव संत राम से बात की तो उन्होंने बताया कि, दिल्ली के सरकारी विद्यालयों में आधारभूत ढांचा सुधरा है, लेकिन पढ़ाई की बुनियाद हिल चुकी है, क्योंकि शिक्षक के पास शिक्षण कार्य के लिए ही समय नहीं बचा है. रोज के नए फरमान, अनावश्यक सूचना की जानकारी, प्रशिक्षण में जाना, गतिविधि में भाग लेना और लगभग 73 तरह के चार्ज को खुद ही संभालना, इसलिए दिल्ली की शिक्षा में गिरावट आई है.

आइए जानते हैं कि साल 2014 तक कौन-कौन सी ड्यूटी थी: अब तक जारी एक डाटा के अनुसार साल 2014 तक शिक्षकों के पास 30 ड्यूटी थी, जिसमें स्कूलों में 24 विषय की क्लास लगाई जाती थी. जिनमें हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत, गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, ड्राइंग/संगीत विषय, गृह विज्ञान सहित अन्य विषय. इन विषय की क्लास के साथ ही 30 अलग ड्यूटी भी लेनी होती थी. जैसे कि एसएमसी (वीकेएस), पीडब्ल्यूएफ, एसएसए, एमडीएम, सीबीएसई बोर्ड/होम परीक्षा, इको क्लब, सहित 30 ड्यूटी थी.

साल 2014 के बाद बढी ड्यूटी की संख्या: दिल्ली में जब केजरीवाल की सरकार बनी तो जहां एक तरफ स्कूलों की नई-नई बिल्डिंग का निर्माण हुआ तो वहीं दूसरी तरफ शिक्षकों को अतिरिक्त चार्ज भी दिए गए. आंकड़ों के अनुसार, हैप्पीनेस पाठ्यक्रम, मिशन बुनियाद, देशभक्ति पाठ्यक्रम, ईएमसी, बिजनेस ब्लास्टर, मेंटर टीचर्स, जीवन विद्या शिविर, एकेडमिक कोर यूनिट, प्लांटेशन ड्राइव, दिल्ली शिक्षा मैगजीन, परीक्षा पे चर्चा, लाइव स्ट्रीमिंग, फिट इंडिया मूवमेंट, रोबोटिक्स सहित 90 ड्यूटी का भार शिक्षकों पर लाद दिया गया.

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