नई दिल्ली: दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने एमसीडी कमिश्नर को नोटिस जारी किया है. उन्होंने दरियागंज के एक एमसीडी टॉयलेट में 50 लीटर एसिड मिलने पर नोटिस जारी किया है, साथ ही संबंधित अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर की मांग भी की. स्वाति ने इस संबंध में ट्वीट किया. उन्होंने लिखा कि हमने दरियागंज के एमसीडी
टॉयलेट में 50 लीटर एसिड पकडा था. अफ़सरों को तलब कर पता चला एमसीडी ने 2017 में एजेंसी को टॉयलेट का ठेका दिया. कॉंट्रैक्ट में एमसीडी ने ख़ुद एजेंसी को निर्देश दिये हर हफ़्ते टॉयलेट की सफ़ाई एसिड से न की तो एक हजार का जुर्माना होगा. एमसीडी कमिश्नर को नोटिस कर एफआईआर की मांग की है.
उन्होंने सार्वजनिक शौचालयों में तेजाब के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए एमसीडी अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया. डीसीडब्ल्यू प्रमुख स्वाति मालीवाल ने कहा, "यह बहुत चौंकाने वाला है. एमसीडी खुद अपने शौचालयों में तेजाब के इस्तेमाल को बढ़ावा दे रही है. सर्वोच्च न्यायालय ने एसिड के उपयोग, बिक्री और भंडारण के खिलाफ कड़े निर्देश जारी किए हैं. लेकिन एमसीडी तेजाब के इस्तेमाल को रोकने के बजाय जानबूझकर अपनी एजेंसियों को शौचालय की सफाई के लिए तेजाब का इस्तेमाल करने को कह रही है, जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है.
क्या है पूरा मामल?: दरअसल, आयोग ने 6 अप्रैल को जीबी पंत अस्पताल के गेट नंबर 8, दरियागंज के सामने एक एमसीडी महिला शौचालय का निरीक्षण किया और शौचालय के अंदर खुले में एसिड से भरा 50 लीटर का डिब्बा मिला. पूछताछ करने पर, आयोग को सफाई कर्मचारी के साथ-साथ श्री राम ग्रामीण विकास संस्थान (जिसे एमसीडी द्वारा शौचालय परिसर के रखरखाव और संचालन के लिए अनुबंध दिया गया है) के एक कर्मचारी ने सूचित किया कि शौचालयों को साफ करने के लिए वे हर महीने एसिड खरीदते हैं.
आयोग एमसीडी के शौचालय में इतनी बड़ी मात्रा में खुले में तेजाब पाकर हैरान रह गया. यह गैरकानूनी और बेहद खतरनाक है क्योंकि कोई भी इस एसिड को एक्सेस कर सकता था और एसिड हमले के लिए इसका इस्तेमाल कर सकता था. तेजाब को दिल्ली पुलिस ने तुरंत जब्त कर लिया जाए और एमसीडी के अधिकारियों को शौचालयों में तेजाब की मौजूदगी के बारे में स्पष्टीकरण देने के लिए समन जारी किया जाए.
आयोग ने एमसीडी कमिश्नर से स्पष्टीकरण मांगा: आयोग ने एमसीडी के उन शौचालयों का ब्योरा मांगा है, जिसमें संचालन और रखरखाव करने वाली एजेंसियों को शौचालयों की सफाई के लिए तेजाब का इस्तेमाल करने का निर्देश दिया गया है, साथ ही उनके संपर्क दस्तावेज भी मांगे हैं. आयोग ने उन अधिकारियों का विवरण भी मांगा है जो शौचालयों को साफ करने के लिए तेजाब का उपयोग करने के लिए एजेंसियों को निर्देश देने के इस अवैध कार्य के लिए जिम्मेदार हैं, साथ ही उनके खिलाफ की गई कार्रवाई के बारे में भी जानकारी मांगी है.आयोग ने यह भी पूछा है कि क्या उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 188 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है या नहीं.इसके अलावा आयोग ने एमसीडी द्वारा अपने शौचालयों में एसिड के उपयोग को रोकने के लिए अब उठाए गए कदमों की मांग की है.
इसे भी पढ़ें: LG Handed Over Appointment Letter: उपराज्यपाल ने 1500 लोगों को सौंपा नियुक्ति पत्र, दिल्ली सरकार पर साधा निशाना