नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा में आज कृषि कानूनों के मुद्दे पर सत्ताधारी आम आदमी पार्टी का आक्रामक रुख देखने को मिला. सदन की कार्यवाही के दौरान सीएम अरविंद केजरीवाल और मंत्री गोपाल राय सहित कुल चार विधायकों ने तीनों कृषि कानूनों की कॉपियां फाड़ी. वहीं, सत्ताधारी विधायकों के भारी हंगामे के बाद जब सदन को कल तक के लिए स्थगित कर दिया गया, उसके बाद भी विरोध खत्म नहीं हुआ.
'केंद्र व कानूनों के खिलाफ नारेबाजी'
सदन से बाहर निकलकर आम आदमी पार्टी के सभी विधायक विधानसभा परिसर में इकट्ठा हुए और सामूहिक रूप से तीनों कृषि कानूनों की कॉपियां फाड़ी. इसके बाद सौरभ भारद्वाज ने माचिस जलाकर इनमें आग लगा दी. जलती हुई कृषि कानूनों को कॉपियों के बीच आम आदमी पार्टी विधायक लगातार कृषि कानूनों और केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते रहे.
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'अंग्रेजों के कानून से तुलना'
ईटीवी भारत से बातचीत में कई विधायकों ने इसे काला कानून करार दिया. पार्टी विधायक रोहित मेहरोलिया ने कहा कि ये तीनों कानून किसानों के हितों के खिलाफ हैं, इसलिए केंद्र को इन्हें वापस लेना ही होगा. वहीं, सोमनाथ भारती ने इन कानूनों की तुलना अंग्रेजों के जमाने की कृषि कानूनों से की और कहा कि अंग्रेजों ने विरोध के बाद कानून वापस ले लिए थे, लेकिन आज की केंद्र सरकार किसानों की आवाज नहीं सुन रही.
'कल एमसीडी मामले पर चर्चा'
दिल्ली विधानसभा में चीफ व्हिप विधायक दिलीप पांडेय का कहना था कि बीते 20 दिनों से बॉर्डर पर किसान आवाज उठा रहे हैं, लेकिन सरकार को कोई फर्क नहीं पड़ रहा, यह सरकार कॉरपोरेट का हित देख रही है. दिलीप पांडेय ने कहा कि जब तक कानून वापस नहीं होते, हम आवाज उठाते रहेंगे. आपको बता दें कि एमसीडी किराया माफी मामले पर सदन का विशेष सत्र बुलाया गया था, लेकिन आज का दिन कृषि कानूनों के नाम रहा, एमसीडी मामले पर कल चर्चा होगी.