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केजरीवाल सरकार ने फर्जी श्रमिकों को बांटे 900 करोड़ रुपये, एंटी करप्शन ब्रांच की जांच में खुलासा

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Published : Nov 30, 2022, 10:12 PM IST

भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (Anti Corruption Branch) (एसीबी) की प्रारंभिक जांच में पाया गया है कि फर्जी श्रमिकों को आप सरकार के श्रम विभाग ने 900 करोड़ रुपये की धनराशि वितरित कर दी है. दिल्ली बिल्डिंग एंड अदर कंस्ट्रक्शन वर्कर्स वेलफेयर बोर्ड ने इसकी शिकायत उपराज्यपाल से की थी, जिसके बाद उन्होंने मुख्य सचिव को इस संबंध में जांच करने के आदेश दिए थे.

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नई दिल्ली: दिल्ली की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (Anti Corruption Branch) की प्रारंभिक जांच में पाया गया है कि फर्जी श्रमिकों को आप सरकार के श्रम विभाग ने 900 करोड़ रुपये की धनराशि वितरित कर दी है. दिल्ली बिल्डिंग एंड अदर कंस्ट्रक्शन वर्कर्स वेलफेयर बोर्ड (DBOCWWB) के तहत कर्मचारियों का फर्जी पंजीकरण पाए जाने के बाद 2018 में एसीबी ने मामला दर्ज किया था.

22 सितंबर को DBOCWWB के सदस्यों ने बोर्ड में कथित अनियमितताओं को लेकर उपराज्यपाल वीके सक्सेना को एक आवेदन प्रस्तुत किया था. इसके बाद एलजी ने मुख्य सचिव को इस संबध में जांच करने और एक रिपोर्ट देने का निर्देश दिया था.

एंटी करप्शन ब्रांच के सूत्रों ने बताया कि दिल्ली सरकार की एसीबी द्वारा प्रारंभिक जांच में श्रम विभाग द्वारा फर्जी श्रमिकों को 900 करोड़ रुपये के धन की गड़बड़ी पाई गई है. दिल्ली बिल्डिंग एंड अदर कंस्ट्रक्शन वर्कर्स वेलफेयर बोर्ड (DBOCWWB) द्वारा ऐसे श्रमिकों के रूप में पंजीकृत कुल 17 लाख व्यक्तियों में से निर्माण श्रमिकों के रूप में शामिल व्यक्तियों के केवल 800 रैंडम पंजीकरण फॉर्मों की जांच में 424 फॉर्मों में त्रुटियां पाई गई हैं.

इसमें कहा गया है कि बीटेक और एमकॉम की डिग्री हासिल करने वाले व्यक्ति खुद को निर्माण श्रमिकों के रूप में पंजीकृत करवाया और 15,000 रुपए की रकम अपने खाते में ले लिए. सूत्रों ने बताया कि इसी तरह गोरखपुर, संतकबीर नगर, मुजफ्फरपुर, जौनपुर और बाड़मेर जिलों में रहने वाले सैकड़ों लोग (जो कभी दिल्ली नहीं आए) ने खुद को पंजीकृत कराया और DBOCWWB से वित्तीय हस्तांतरण का लाभ उठाया.

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जांच में 800 पंजीकरण में से 424 पंजीकरण फर्जी पाए गए, जिनमें से 206 के मोबाइल नंबर और पते संदिग्ध थे. पंजीकरण प्रपत्रों के सत्यापन के बाद लाभार्थियों से संपर्क किया गया, जो अन्य राज्यों, विभिन्न व्यवसायों और आर्थिक रूप से अच्छी पृष्ठभूमि के थे. अधिकांश पंजीकृत श्रमिकों का निर्माण कार्य से कोई लेना-देना नहीं था.

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