नई दिल्ली: जामताड़ा में बैठकर साइबर ठग राजधानी समेत देश के अलग-अलग शहरों में हजारों लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं. दिल्ली पुलिस को लगातार इसकी शिकायत आ रही हैं. बढ़ते साइबर अपराधों को देखते हुए ही लेकर दिल्ली पुलिस ने दिसंबर 2021 में राजधानी के प्रत्येक जिले में एक साइबर थाना शुरू किया था. इन थानों में 2022 में 1,400 मामले दर्ज हुए.
पुलिस ने 600 से अधिक मामलों को सुलझाते हुए 1500 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया. इन मामलों का पर्दाफाश करते हुए पुलिस को यह पता चला कि साइबर ठग गरीब से लेकर अमीर तक को अपना शिकार बनाते हैं. जिससे जितना मिल जाए उतना वसूलते हैं. क्योंकि इसके लिए उन्हें न तो किसी पीड़ित के पास जाना है और न ही अपना कोई पैसा खर्च करना पड़ता है. उन्हें तो बस एक कॉल करना है और शिकार खुद ब खुद फंस जाता है.
साइबर बुलीइंग, सेक्सटॉर्शन का शिकार भी बन जाते हैं लोगः साइबर पुलिस थानों में ईमेल और सोशल मीडिया के जरिए होने वाली धोखाधड़ी, डेटा चोरी, एटीएम, क्रेडिट कार्ड धोखाधड़ी, बीमा पॉलिसी के नाम पर ठगी, सेक्सटॉर्शन कैसे मामले सामने आए हैं.
आउटर नॉर्थ जिले के डीसीपी रवि कुमार सिंह ने बताया कि साइबर ठग लोगों के नाम पर फर्जी सिम कार्ड ले लेते हैं और उससे लोगों को ठगते हैं. इसके बाद वे सिम को फेंक देते हैं. जिस कारण उसे ट्रेस करना मुश्किल हो जाता है. सेक्सटॉर्शन के लिए भी इन्हीं तरीकों का इस्तेमाल किया जाता है.
साइबर अपराधियों से ऐसे बचेंः पुलिस अधिकारी ने बताया कि साइबर फ्रॉड या सेक्सटॉर्शन का शिकार होने की आशंका पर स्थानीय पुलिस को इसकी सूचना दें. अपराधियों को अपनी निजी जानकारियां जैसे बैंक अकाउंट, पैन नम्बर, आधार नंबर आदि न दें. सोशल मीडिया पर अनजान लोगों से दोस्ती न करें.