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ग्रेटर नोएडा: एनटीपीसी से प्रभावित 24 गांव के किसानों ने किया प्रदर्शन

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Published : Feb 12, 2023, 8:44 PM IST

एनटीपीसी दादरी के क्षेत्र के 24 गांव के किसानों से एनटीपीसी का प्लांट बनाने के लिए जमीन अधिग्रहित की गई थी. पिछले साल में नवंबर में जब किसानों के प्रदर्शन करते हुए एनटीपीसी के मुख्य प्रवेश मार्ग को जाम कर दिया था तब पुलिस ने वाटर कैनन से पानी की बौछार और लाठी चार्ज कर उन्हें तितर-बितर कर दिया था. इस बार पुलिस ने बैरिकेटिंग कर इलाके को छवनी में बदल दिया, जिसके बाद किसानों ने एनटीपीसी से आ रही नहर में उतर कर नारेबाजी और प्रदर्शन करना शुरू कर दिया.

एनटीपीसी से प्रभावित 24 गांवों के किसानों का प्रदर्शन
एनटीपीसी से प्रभावित 24 गांवों के किसानों का प्रदर्शन

एनटीपीसी से प्रभावित 24 गांवों के किसानों का प्रदर्शन

नई दिल्ली/ग्रेटर नोएडा: एक समान मुआवजा, नौकरी और अन्य सुविधाओं की मांग को लेकर एनटीपीसी दादरी क्षेत्र के 24 गांव के किसान परिवार एनटीपीसी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. सैकड़ों किसान एनटीपीसी के खिलाफ रविवार को सड़कों पर उतरे लेकिन पुलिस ने किसानों को रोकने के लिए एनटीपीसी के मुख्य मार्ग को छावनी में तब्दील कर दिया. जिसके बाद किसानों ने एनटीपीसी से आ रही नहर में उतर कर नारेबाजी और प्रदर्शन करना शुरू कर दिया.

एनटीपीसी दादरी के क्षेत्र के 24 गांव के किसानों से एनटीपीसी का प्लांट बनाने के लिए जमीन अधिग्रहित की गई थी. पिछले साल में नवंबर में जब किसानों के प्रदर्शन करते हुए एनटीपीसी के मुख्य प्रवेश मार्ग को जाम कर दिया था तब पुलिस ने वाटर कैनन से पानी की बौछार और लाठी चार्ज कर उन्हें तितर-बितर कर दिया था. इस बार पुलिस ने बैरिकेटिंग कर इलाके को छवनी में बदल दिया, जिसके बाद किसानों ने एनटीपीसी से आ रही नहर में उतर कर नारेबाजी और प्रदर्शन करना शुरू कर दिया.

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इन किसानों का आरोप है कि एनटीपीसी का प्लांट बनने के समय ये वादा किया गया था कि यहां के क्षेत्रीय युवाओं को नौकरी में तवज्जो दी जाएगी. बच्चों की पढ़ाई के लिए अच्छे स्कूल, अस्पताल और सामुदायिक भवन बनेंगे लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ. किसानों का कहना है कि 30 साल में एक भी वादा पूरा नहीं किया गया.

इस आंदोलन का नेतृत्व कर रहे सुखबीर पहलवान ने बताया कि एनटीपीसी में करीब 24 गांवों की जमीन का अधिग्रहण वर्ष 1986 में किया था. जिसके लिए एनटीपीसी ने किसानों को 6 रुपये प्रति गज के हिसाब से मुआवजा दिया था. वहीं इस वित्तीय वर्ष में कुछ किसानों को 120 रुपये प्रति गज के हिसाब से मुआवजा दिया गया था. दोनों मुआवजे की दर में बहुत अंतर होने के चलते किसान आंदोलन करने को मजबूर हो गए.

सुखबीर पहलवान का कहना है कि किसान एक समान मुआवजा दर की मांग कर रहे हैं. इसके साथ प्रभावित किसानों के परिवार से एक व्यक्ति को एनटीपीसी में नौकरी और अन्य सुविधाएं दी जाएं.

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