ETV Bharat / state

गाजियाबादः जेल में 'हुनरमंद' बन रहे कैदी, रिहाई के बाद आसानी से मिलेगा रोजगार

author img

By

Published : Dec 9, 2022, 8:20 PM IST

Updated : Dec 9, 2022, 9:02 PM IST

गाजियाबाद के जिला कारागार में कैदियों को हुनरमंद बनाने की कवायद (Prisoners are being made skilled in jails of Ghaziabad) की जा रही है. जेल में आने वाले बंदियों से बातचीत कर पता लगाया जाता है कि उनमें क्या कुछ हुनर है या फिर किस क्षेत्र में उनकी रुचि है. कैदियों के हुनर और रूचि का पता लगाने के बाद उनको प्रशिक्षित किया जाता है.

Etv Bharat
Etv Bharat

नई दिल्ली/गाजियाबादः जिला कारागार गाजियाबाद में कैदियों को हुनरमंद बनाने की कवायद (Prisoners are being made skilled in jails of Ghaziabad) की जा रही है. जिला कारागार के जेल अधीक्षक आलोक सिंह द्वारा कैदियों को प्रशिक्षण मुहैया कराकर हुनरमंद बनाया जा रहा है. फिलहाल जेल में मौजूद दो दर्जन से अधिक कैदी मिट्टी के बर्तन बना रहे हैं. जबकि अन्य कैदी मिट्टी के बर्तन बनाने की कला को अभी सीख रहे हैं. जेल में ही बिजली से चलने वाला चाक मौजूद है. जहां पर कैदी मिट्टी को बर्तनों का आकार देते हैं.

कैदियों को बेहतर इंसान बनाने पर जोर: जिला कारागार गाजियाबाद के जेल अधीक्षक आलोक सिंह के मुताबिक जेल में आने वाले बंदियों से बातचीत कर पता लगाया जाता है कि उनमें क्या कुछ हुनर है या फिर किस क्षेत्र में उनकी रुचि है. कैदियों के हुनर और रूचि का पता लगाने के बाद उनको प्रशिक्षित किया जाता है. जिससे कैदी जब कारागार से छूटे तो समाज में एक अच्छे इंसान के रूप में पुनः स्थापित हो सके. इंडिया विजन फाउंडेशन, एचसीएल समेत कई संस्थाओं की सहयोग से बंदियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है.

कैदियों को मिल रहा प्रशिक्षण: जेल अधीक्षक ने बताया कैदियों से मिट्टी के बर्तन बनवाने की शुरुआत की गई है. शुरुआत करने से पहले कैदियों को मिट्टी के बर्तन बनाने के लिए प्रशिक्षित करने के लिए कारीगर बुलाया गया था. कारीगर के माध्यम से मिट्टी के बर्तन बनाने के क्षेत्र में रुचि रखने वाले कैदियों को बारीकियां समझाई गई.

कैदियों को हुनरमंद बनाने की कवायद

मिट्टी के बर्तन बनाना अब बंदी पूरी तरह से सीख चुके हैं. हमारा मूल उद्देश्य बंदियों को प्रशिक्षित करना है. जिससे कि जेल से छूटने के बाद वे इस काम को अपनी आजीविका के रूप में अपना सकें और अपने परिवार का भरण पोषण कर सकें.

कैदियों को होगी आमदनी: फिलहाल बंदियों द्वारा तैयार किए जा रहे मिट्टी के बर्तनों का जेल में मौजूद कैंटीन प्रयोग किया जा रहा है. जेल में कोऑपरेटिव सोसाइटी पहले से स्थापित है. सोसाइटी जीएसटी नंबर मिल चुका है. मुख्यालय को आउटलेट बनाने को लेकर एस्टीमेट भेजा गया है.

मुख्यालय से स्वीकृति मिलने के बाद आउटलेट तैयार कराया जाएगा. आउटलेट के माध्यम से सामान्य लोग कैदियों द्वारा बनाई गए मिट्टी के बर्तनों को खरीद सकेगें. जिससे अर्जित आय को कैदियों के बैंक एकाउंट में जमा कराया जा सकेगा.

ये भी पढ़ेंः MCD चुनाव: 250 में से 86 पार्षद युवा तो 167 पार्षद करोड़पति, जानें कैसे हैं आपके पार्षद

बढ़ रहा कैदियों का आत्मविश्वास: आलोक सिंह बताते हैं कि जब कोई भी कैदी किसी काम में खुद को व्यस्त रखता है और कुछ सीखता है तब उस कैदी में सकारात्मक बदलाव आना शुरू हो जाता है. हुनरमंद बनने के बाद कैदी का आत्मविश्वास बढ़ता है.

Last Updated : Dec 9, 2022, 9:02 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.