नई दिल्ली/ग्रेटर नोएडाः ग्रेटर नोएडा की उपलब्धियों और स्वच्छता के प्रति जागरुकता पर आधारित थीम सॉन्ग को मशहूर बॉलीवुड सिंगर कैलाश खेर (famous bollywood singer kailash kher) अपनी आवाज दे सकते हैं. इस पर चर्चा करने के लिए बुधवार को कैलाश खेर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण दफ्तर पहुंचे और प्राधिकरण की एसीईओ प्रेरणा शर्मा और एसीईओ आनंद वर्धन से मुलाकात की. जहां एक तरफ प्राधिकरण वाहवाही लूटने के लिए थीम सॉन्ग बनवा रहा है. वहीं, ग्रेटर नोएडा में पर्याप्त हरियाली होने के बाद भी प्रदूषण के मामले में गंभीर श्रेणी में है. इसका प्रमुख कारण यहां पर होने वाले निर्माण कार्य में नियमों की अनदेखी है.
दरअसल, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी के निर्देश पर ग्रेटर नोएडा की खूबियों पर आधारित एक थीम सॉन्ग बनवाने की तैयारी है, जिसमें ग्रेटर नोएडा के इंफ्रास्ट्रक्चर, एनसीआर में सबसे हरा-भरा शहर, बेहतरीन कनेक्टीविटी आदि का जिक्र रहेगा. इसी सिलसिले में बुधवार को गायक कैलाश खेर ग्रेटर नोएडा दफ्तर पहुंचे और एसीईओ प्रेरणा शर्मा और आनंद वर्धन से मुलाकात की.
कैलाश खेर की आवाज में थीम सॉन्ग तैयार करने का प्रस्ताव दिया गया. कैलाश खेर ने भी ग्रेटर नोएडा के इंफ्रास्ट्रक्चर की खूब सराहना की. वे यहां की चौड़ी सड़कें और हरियाली से बहुत प्रभावित हुए. उन्होंने ग्रेटर नोएडा से जुड़ने की इच्छा जाहिर की. थीम सॉन्ग बनाने पर हुई बातचीत से प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी को अवगत कराया जाएगा. सीईओ इस पर अंतिम निर्णय लेंगी.
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बेशक ग्रेटर नोएडा की हरियाली को देखकर बॉलीवुड सिंगर से थीम सॉन्ग बनवा रहा है, लेकिन वर्तमान समय में ग्रेटर नोएडा प्रदूषण में शीर्ष स्तर पर है. प्राधिकरण हरियाली को लेकर पीठ थपथपा रहा है. वहीं बाहर से आकर रहने वाले लोगों को बढ़ते पर्यावरण से अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. हालांकि, ग्रेटर नोएडा में हरियाली ज्यादा होने के बावजूद प्रदूषण का स्तर कम नहीं हो रहा है. इसके लिए कहीं ना कहीं प्राधिकरण ही जिम्मेदार है. प्राधिकरण फिर भी वाहवाही लूटने के लिए थीम सॉन्ग बनवा रहा है.
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ग्रेटर नोएडा में सोमवार को उत्तर प्रदेश नियंत्रण बोर्ड की तरफ से आयोजित एक सेमिनार में वायु प्रदूषण की समस्याओं पर मंथन किया गया, जिसमें शहर में हरियाली को बढ़ावा देने पर बल दिया गया. हालांकि, ग्रेटर नोएडा शहर में हरियाली उचित मात्रा में है लेकिन फिर भी यहां पर प्रदूषण का स्तर अति गंभीर श्रेणी में रहता है. इसका कारण यहां पर निर्माण कार्यों के दौरान नियमों का पालन नहीं हो रहा है. जिसके कारण लगातार प्रदूषण बढ़ता है. इसके लिए किसी हद तक ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण व उसके अधिकारी जिम्मेदार है.