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देश में सबसे प्रदूषित शहर दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद का एक्यूआई भी 300 के पार

दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण स्तर बेहद ही खराब स्थिति में है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Central Pollution Control Board) द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली का AQI 374 जो कि 'अत्यंत खराब' श्रेणी में है. वहीं गाजियाबाद का AQI 333, नोएडा का AQI 342, ग्रेटर नोएडा में 339 है जो कि 'अत्यंत खराब' श्रेणी में है. इसके अलावा दिल्ली एनसीआर के कई इलाकों में AQI 'अत्यंत खराब' और 'गंभीर' श्रेणी में पहुंच चुका है.

Delhi NCR Pollution
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Published : Nov 2, 2022, 11:07 AM IST

Updated : Nov 2, 2022, 11:31 AM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण लगातार बढ़ रहा है. एनसीआर (Delhi pollution level rises) के कई इलाकों का प्रदूषण स्तर रेड जोन (Red Zone 300-400 AQI) में और डार्क रेड जोन (Dark Red Zone 400-500 AQI) में दर्ज किया गया है. सुबह एनसीआर के कई इलाकों धुंध की चादर भी देखने को मिली है. प्रदूषण में हुई बढ़ोतरी के कारण लोगों को सांस से संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, जिन इलाक़ों में प्रदूषण का स्तर 400 के पार है, वहां लोगों को आंखों में जलन महसूस करनी पड़ रही है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली आज देश में सबसे प्रदूषित शहर है.

दिल्ली एनसीआर के हालात मौजूदा समय में बेहद खराब नजर आ रहे हैं. दिल्ली के नेहरू नगर, पटपड़गंज, अशोक विहार, सोनिया विहार, जहांगीरपुरी, विवेक विहार, नरेला, वजीरपुर, बवाना इलाके का प्रदूषण स्तर डार्क रेड जोन में बना हुआ है. यानी कि यहां का प्रदूषण स्तर 400 के पार है. वहीं एनसीआर के अन्य तमाम इलाकों का प्रदूषण स्तर रेड जोन यानी कि 300 के पार है जो कि लोगों के लिए बेहद खतरनाक है.

Delhi NCR Pollution
दिल्ली के विभिन्न इलाकों का प्रदूषण स्तर
Delhi NCR Pollution
दिल्ली के विभिन्न इलाकों का प्रदूषण स्तर

एनसीआर के प्रमुख इलाकों का प्रदूषण स्तर-

एनसीआर के इलाकेप्रदूषण स्तर
लोनी, गाज़ियाबाद348
इंदिरापुरम, गाज़ियाबाद308
संजय नगर, गाजियाबाद357
वसुंधरा, गाजियाबाद318
सेक्टर 62, नोएडा391
सेक्टर 116, नोएडा370
सेक्टर 125, नोएडा267
सेक्टर 1, नोएडा341

वहीं दिल्ली में प्रदूषण के ख़तरनाक स्तर के कारण स्कूली बच्चों की सुरक्षा चिंता का विषय है. दिल्ली की सरकार अभी तक इस पर कोई निर्णय नहीं ले पाई है कि स्कूल ऐसे ही चलते रहेंगे या छुट्टी दी जाएगी. क्योंकि प्रदूषण का स्तर 'अत्यंत खराब' से 'गंभीर' की श्रेणी में है. ऐसे में ये बच्चों के लिए बेहद ही खतरनाक साबित हो सकती है.

  • दिल्ली में प्रदूषण के ख़तरनाक स्तर के कारण स्कूली बच्चों की सुरक्षा चिंता का विषय है,अभी तक दिल्ली की राज्य सरकार ने इस पर कोई निर्णय नहीं लिया है।
    बच्चे स्कूल आने जाने में,खेल के मैदानों में ज़हरीली हवा के प्रकोप में हैं।
    ये लापरवाही ग़लत है,इस पर @NCPCR_ नोटिस जारी कर रहा है।

    — प्रियंक कानूनगो Priyank Kanoongo (@KanoongoPriyank) November 2, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

एयर क्वालिटी इंडेक्स (Air Quality Index) जब 0-50 होता है तो इसे 'अच्छी' श्रेणी में माना जाता है. 51-100 को 'संतोषजनक', 101-200 को 'मध्यम', 201-300 को 'खराब', 301-400 को 'अत्यंत खराब', 400-500 को 'गंभीर' और 500 से ऊपर एयर क्वालिटी इंडेक्स को 'बेहद गंभीर' माना जाता है. विशेषज्ञों के मुताबिक हवा में मौजूद बारीक कण (10 से कम पीएम के मैटर), ओजोन, सल्फर डायऑक्साइड, नाइट्रिक डायऑक्साइड, कार्बन मोनो और डायआक्साइड सभी सांस की नली में सूजन, एलर्जी और फेफड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं.

घर पर तैयार करें कॉटन मास्क: जो लोग अधिकतर समय खुले में बिताते हैं उन्हें प्रदूषण काफी नुकसान पहुंचाता है. ऐसे में प्रदूषण से बचने के लिए उपाय करना भी बेहद जरूरी है. खुले भी अधिकतर समय बिताने वाले लोग घर में कॉटन का 4 लेयर का मास्क तैयार कर सकते हैं. जिसे गीला करके वह अपने चेहरे पर लगा सकते हैं. जिससे कि पार्टिकुलेट मैटर सास के रास्ते शरीर में प्रवेश नहीं कर पाते हैं. गीला होने के चलते पार्टिकुलेट मैटर मास्क में चिपक जाते हैं. हालांकि मार्च को समय-समय पर धोने की आवश्यकता होती है.

प्रदूषण बढ़ने पर बरते ये सावधानियां बरतें-

  • बच्चे, बुजुर्ग और दमा रोगी सुबह और शाम न टहलें.
  • घर से मास्लगाकर ही बाहर निकलें.
  • दमे के रोगी इन्हेलर का नियमित इस्तेमाल करें.
  • दमे के रोगी दवा का नियमित सेवन करें.
  • शाम को गर्म पानी का भाप लें.
  • गले में खराश होने पर गुनगुने पानी से गरारा करें.

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नई दिल्ली/गाजियाबाद: दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण लगातार बढ़ रहा है. एनसीआर (Delhi pollution level rises) के कई इलाकों का प्रदूषण स्तर रेड जोन (Red Zone 300-400 AQI) में और डार्क रेड जोन (Dark Red Zone 400-500 AQI) में दर्ज किया गया है. सुबह एनसीआर के कई इलाकों धुंध की चादर भी देखने को मिली है. प्रदूषण में हुई बढ़ोतरी के कारण लोगों को सांस से संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, जिन इलाक़ों में प्रदूषण का स्तर 400 के पार है, वहां लोगों को आंखों में जलन महसूस करनी पड़ रही है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली आज देश में सबसे प्रदूषित शहर है.

दिल्ली एनसीआर के हालात मौजूदा समय में बेहद खराब नजर आ रहे हैं. दिल्ली के नेहरू नगर, पटपड़गंज, अशोक विहार, सोनिया विहार, जहांगीरपुरी, विवेक विहार, नरेला, वजीरपुर, बवाना इलाके का प्रदूषण स्तर डार्क रेड जोन में बना हुआ है. यानी कि यहां का प्रदूषण स्तर 400 के पार है. वहीं एनसीआर के अन्य तमाम इलाकों का प्रदूषण स्तर रेड जोन यानी कि 300 के पार है जो कि लोगों के लिए बेहद खतरनाक है.

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दिल्ली के विभिन्न इलाकों का प्रदूषण स्तर
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दिल्ली के विभिन्न इलाकों का प्रदूषण स्तर

एनसीआर के प्रमुख इलाकों का प्रदूषण स्तर-

एनसीआर के इलाकेप्रदूषण स्तर
लोनी, गाज़ियाबाद348
इंदिरापुरम, गाज़ियाबाद308
संजय नगर, गाजियाबाद357
वसुंधरा, गाजियाबाद318
सेक्टर 62, नोएडा391
सेक्टर 116, नोएडा370
सेक्टर 125, नोएडा267
सेक्टर 1, नोएडा341

वहीं दिल्ली में प्रदूषण के ख़तरनाक स्तर के कारण स्कूली बच्चों की सुरक्षा चिंता का विषय है. दिल्ली की सरकार अभी तक इस पर कोई निर्णय नहीं ले पाई है कि स्कूल ऐसे ही चलते रहेंगे या छुट्टी दी जाएगी. क्योंकि प्रदूषण का स्तर 'अत्यंत खराब' से 'गंभीर' की श्रेणी में है. ऐसे में ये बच्चों के लिए बेहद ही खतरनाक साबित हो सकती है.

  • दिल्ली में प्रदूषण के ख़तरनाक स्तर के कारण स्कूली बच्चों की सुरक्षा चिंता का विषय है,अभी तक दिल्ली की राज्य सरकार ने इस पर कोई निर्णय नहीं लिया है।
    बच्चे स्कूल आने जाने में,खेल के मैदानों में ज़हरीली हवा के प्रकोप में हैं।
    ये लापरवाही ग़लत है,इस पर @NCPCR_ नोटिस जारी कर रहा है।

    — प्रियंक कानूनगो Priyank Kanoongo (@KanoongoPriyank) November 2, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

एयर क्वालिटी इंडेक्स (Air Quality Index) जब 0-50 होता है तो इसे 'अच्छी' श्रेणी में माना जाता है. 51-100 को 'संतोषजनक', 101-200 को 'मध्यम', 201-300 को 'खराब', 301-400 को 'अत्यंत खराब', 400-500 को 'गंभीर' और 500 से ऊपर एयर क्वालिटी इंडेक्स को 'बेहद गंभीर' माना जाता है. विशेषज्ञों के मुताबिक हवा में मौजूद बारीक कण (10 से कम पीएम के मैटर), ओजोन, सल्फर डायऑक्साइड, नाइट्रिक डायऑक्साइड, कार्बन मोनो और डायआक्साइड सभी सांस की नली में सूजन, एलर्जी और फेफड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं.

घर पर तैयार करें कॉटन मास्क: जो लोग अधिकतर समय खुले में बिताते हैं उन्हें प्रदूषण काफी नुकसान पहुंचाता है. ऐसे में प्रदूषण से बचने के लिए उपाय करना भी बेहद जरूरी है. खुले भी अधिकतर समय बिताने वाले लोग घर में कॉटन का 4 लेयर का मास्क तैयार कर सकते हैं. जिसे गीला करके वह अपने चेहरे पर लगा सकते हैं. जिससे कि पार्टिकुलेट मैटर सास के रास्ते शरीर में प्रवेश नहीं कर पाते हैं. गीला होने के चलते पार्टिकुलेट मैटर मास्क में चिपक जाते हैं. हालांकि मार्च को समय-समय पर धोने की आवश्यकता होती है.

प्रदूषण बढ़ने पर बरते ये सावधानियां बरतें-

  • बच्चे, बुजुर्ग और दमा रोगी सुबह और शाम न टहलें.
  • घर से मास्लगाकर ही बाहर निकलें.
  • दमे के रोगी इन्हेलर का नियमित इस्तेमाल करें.
  • दमे के रोगी दवा का नियमित सेवन करें.
  • शाम को गर्म पानी का भाप लें.
  • गले में खराश होने पर गुनगुने पानी से गरारा करें.

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Last Updated : Nov 2, 2022, 11:31 AM IST
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