नई दिल्ली: हज़ार शब्दों की किसी बात को एक तस्वीर के जरिए कैसे कहा जा सकता है. यह स्ट्रीट आर्टिस्ट योगेश सैनी की टीम में काम करने वाले युवा भी बखूबी समझते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस तरह 'मन की बात' कार्यक्रम में योगेश सैनी के नाम और काम का ज़िक्र किया. इससे उनकी टीम के युवा भी खासे उत्साहित हैं.
सजाने-संवारने में जुटी योगेश सैनी की टीम
इन दिनों दिल्ली स्ट्रीट आर्ट के संस्थापक योगेश सैनी और उनकी टीम मंदिर मार्ग स्थित हरकोर्ट बटलर सीनियर सेकेंडरी स्कूल की दीवारों पर पेंटिंग करने में मशगूल है. इस स्कूल ने अभी हाल ही में 100 साल पूरे किए हैं. दिल्ली सरकार की ओर से दिल्ली स्ट्रीट आर्टिस्ट को जब इसे पेंट करने का प्रस्ताव मिला तो योगेश सैनी की टीम तुरंत ही स्कूल की दीवारों को सजाने में जुट गई.
'शीला दीक्षित खुद आईं थी पेंटिंग देखने'
योगेश सैनी की टीम में काम कर रही गीता वैष्णवी ने बताया कि वह उनके साथ छह वर्षों से जुड़ी हुई हैं. वो अपने हरेक काम को काफी गंभीरता से लेते हैं. शुरुआत उन्होंने लोधी गार्डन में लगे डस्टबिन्स को पेंट कर आकर्षक बनाने के साथ की थी. गीता बताती हैं कि शुरुआत में इसका विरोध भी हुआ था. लेकिन तब की तत्कालीन दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को जब योगेश सैनी सर के काम के बारे में पता चला तो वे खुद देखने आईं. उसके बाद उन्हें कई जगहों पर काम करने का ऑफर मिला.
![Yogesh Saini the Engineer Turned Artist Who Transformed Delhi govt school](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/del-ndl-01-yogesh-saini-street-art-team-vis-7201354_29072019130337_2907f_1564385617_1063.jpg)
हालत देख कर तय होती हैं पेंटिंग की जगह
काम करने के लिए जो भी विकल्प मिलते उनमें हम लोग सबसे पहले यही तय करते हैं कि कहां हालत बदतर हैं. क्या उसे पेंटिंग के जरिए ठीक किया जा सकता है? वसंत विहार के पास एक स्लम कॉलोनी है.
हम लोगों की टीम ने वहां की दीवारों पर कॉलोनी वालों की मदद से पेंटिंग की. इसके बाद दीवारें साफ-सुथरी रहने लगीं. दिल्ली की कई मार्केट में जहां भी ज्यादा गंदगी होती थी. वहां पेंटिंग कर उसे साफ और सुंदर बनाया.
'बहुत कुछ सीखने को मिला'
योगेश सैनी की टीम में याशिका पिछले 2 वर्षों से काम कर रही हैं. उन्होंने बताया कि वैसे तो कई जगहों पर सर के साथ कई दिनों तक लगातार काम किया. लेकिन इलाहाबाद में कुंभ के दौरान पेंटिंग करने का जो मौका मिला. वह काफी दिलचस्प रहा. उससे बहुत कुछ सीखने को मिला.
स्वच्छता और सुंदरता की मुहिम से जोड़ा
योगेश सर ने स्ट्रीट आर्ट पेंटिंग को शुद्ध व्यवसाय नहीं बनाया बल्कि इसे स्वच्छता और सुंदरता की मुहिम से जोड़ा है. इसलिए हम लोगों को भी काम करने में गर्व होता है. जहां कहीं भी पेंटिंग करते हैं वहां के लोगों को उसमें जरूर शामिल करते हैं और थीम, रंग बगैरह सब का चयन करते हैं.
आकर्षक बनाने के लिए हो रही पेंटिंग
हरकोर्ट बटलर सीनियर सेकेंडरी स्कूल सरकार से वित्त पोषित स्कूल है. इसकी दीवार जर्जर हो चुकी थी. उसे बचाने और आकर्षक बनाने के लिए यहां पेंटिंग करने का फैसला लिया गया. पेंटिंग में जिन स्कूली छात्रों की रुचि है वे भी इसमें शामिल होकर काम कर रहे हैं.