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उन्नाव रेप कांड: आईफोन के पास नहीं है कुलदीप सिंह सेंगर के लोकेशन का डाटा

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Published : Oct 10, 2019, 8:54 AM IST

उन्नाव रेप कांड की सुनवाई के दौरान कुलदीप सिंह सेंगर ने कोर्ट को बताया था कि वो घटना वाले दिन घटनास्थल पर मौजूद नहीं था. उसके बाद कोर्ट ने एप्पल कंपनी से कुलदीप सिंह सेंगर की लोकेशन मांगी थी.

उन्नाव रेप कांड: आईफोन के पास नहीं है कुलदीप सिंह सेंगर के लोकेशन का डाटा

नई दिल्ली: उन्नाव रेप कांड मामले में आईफोन निर्माता कंपनी एप्पल ने दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट को बताया कि घटना के दिन आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के लोकेशन का कोई डाटा उपलब्ध नहीं है. एप्पल के वकील ने डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज धर्मेश शर्मा की कोर्ट को ये जानकारी दी.

पेशी के दौरान कुलदीप सिंह सेंगर

कोर्ट ने मांगी थी जानकारी
पिछले 29 सितंबर को कोर्ट ने एप्पल कंपनी से घटना वाले दिन कुलदीप सिंह सेंगर के लोकेशन की जानकारी मांगी थी. दरअसल कुलदीप सिंह सेंगर ने कोर्ट को बताया था कि वो घटना वाले दिन घटनास्थल पर मौजूद नहीं था. उसके बाद कोर्ट ने एप्पल कंपनी से कुलदीप सिंह सेंगर की लोकेशन मांगी थी.

Intro:नई दिल्ली। उन्नाव रेप मामले में आईफोन निर्माता कंपनी एपल ने दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट को बताया कि घटना के दिन आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के लोकेशन का कोई डाटा उपलब्ध नहीं है। एपल के वकील ने डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज धर्मेश शर्मा की कोर्ट को ये जानकारी दी। 



Body:पिछले 29 सितंबर को कोर्ट ने एपल कंपनी से घटना वाले दिन कुलदीप सिंह सेंगर के लोकेशन की जानकारी मांगी थी। दरअसल कुलदीप सिंह सेंगर ने कोर्ट को बताया था कि वो घटना वाले दिन घटनास्थल पर मौजूद नहीं था। उसके बाद कोर्ट ने एपल कंपनी से कुलदीप सिंह सेंगर की लोकेशन मांगी थी।
पिछले 1 अक्टूबर को कोर्ट ने उन्नाव के ज्युडिशियल मजिस्ट्रेट का बयान दर्ज किया था। उन्नाव के ज्युडिशियल मजिस्ट्रेट ने रेप पीड़िता की चाची का बयान दर्ज किया था। इस मामले में डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज धर्मेश शर्मा की कोर्ट ने पीड़िता की मां का भी बयान दर्ज किया।
पिछले 25 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने उन्नाव रेप पीड़िता के साथ हुए एक्सीडेंट मामले की जांच के लिए सीबीआई को 15 दिनों का और वक्त दे दिया था। पिछले 24 अक्टूबर को कोर्ट ने पीड़िता और उसके परिवार के सदस्यों को दिल्ली में रहने की व्यवस्था करने का आदेश दिया था। कोर्ट ने दिल्ली महिला आयोग को इसके इंतजाम करने का निर्देश दिया था।
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पीड़िता को पिछले 28 जुलाई को लखनऊ से दिल्ली एम्स में इलाज के लिए शिफ्ट किया गया था। पिछले 11 और 12 सितंबर को जज धर्मेश शर्मा ने एम्स के ट्रॉमा सेंटर जाकर बने अस्थायी कोर्ट में पीड़िता का बयान दर्ज किया था। पीड़िता का बयान इन-कैमरा दर्ज किया गया । बयान दर्ज करने के दौरान आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को भी ट्रामा सेंटर में बनाए गए अस्थायी कोर्ट में पेश किया गया था।
पिछले 6 सितंबर को जज धर्मेश शर्मा ने ट्रायल पूरा करने के लिए 45 दिन की समयसीमा को बढ़ाये जाने की मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट ने इसकी इजाजत देते हुए कहा था कि आगे भी समयसीमा बढ़ाये जाने की ज़रूरत महसूस होने पर वो सुप्रीम कोर्ट का रुख कर सकते हैं।



Conclusion:पिछले 2 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने तीस हजारी कोर्ट से पूछा था कि मामले की सुनवाई करने में कितना समय लगेगा। दरअसल इस मामले के एक आरोपी शशि सिंह ने कोर्ट को बताया कि इस केस से जुड़े दुर्घटना मामले में सीबीआई की ओर से अभी तक आरोपपत्र दाखिल नहीं किया गया है।
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