ETV Bharat / state

Delhi NCR Pollution: एक दिन की बारिश से सुधरी दिल्ली की आबोहवा, 200 के निचे लुढ़का AQI

author img

By

Published : Jan 31, 2023, 11:09 AM IST

दिल्ली और एनसीआर में मंगलवार को एयर क्वालिटी इंडेक्स में थोड़ी गिरावट दर्ज की गई. इससे लोगों ने राहत की सांस ली है. वहीं, दिल्ली का सबसे प्रदूषित इलाका आईटीओ दिल्ली दर्ज किया गया, जहां का एक्यूआई 272के स्तर पर पहुंच गया. इसके बावजूद एक्यूआई खराब कैटेगरी में ही बरकरार है.

DELHI NCR POLLUTION UPDATE
DELHI NCR POLLUTION UPDATE

नई दिल्ली: मंगलवार को दिल्ली एनसीआर के लोगों को प्रदूषण से बड़ी राहत मिली है. बीते दो दिनों से हो रही बूंदाबांदी और हवा की रफ्तार बढ़ने से प्रदूषण छट गया है. बीते दिनों दिल्ली एनसीआर का प्रदूषण स्तर खराब कैटिगरी में बरकरार था. प्रदूषण में हुई बड़ी गिरावट के बाद लोगों ने राहत की सांस ली है. फिलहाल दिल्ली समेत गाजियाबाद और नोएडा का प्रदूषण स्तर 200 AQI के नीचे है.

दिल्ली के इलाकेवायु प्रदूषण स्तर
अलीपुर143
शादीपुर232
डीटीयू दिल्ली118
आईटीओ दिल्ली272
सिरी फोर्ट182
मंदिर मार्ग142
आरके पुरम151
पंजाबी बाग221
जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम136
नेहरू नगर210
द्वारका सेक्टर200
पटपड़गंज198
डॉक्टर कर्णी सिंह शूटिंग रेंज156
अशोक विहार179
सोनिया विहार187
जहांगीरपुरी222
रोहिणी199
विवेक विहार178
नजफगढ़113
मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम168
नरेला125
ओखला फेस टू171
मुंडका239
बवाना167
श्री औरबिंदो मार्ग157
आनंद विहार201
IHBAS दिलशाद गार्डन121

गाजियाबाद के इलाके में वायु प्रदूषण का स्तर

गाजियाबाद के इलाकेवायु प्रदूषण स्तर
वसुंधरा210
इंदिरापुरम132
संजय नगर129
लोनी199

नोएडा के इलाके में वायु प्रदूषण का स्तर

नोएडा के इलाकेवायु प्रदूषण स्तर
सेक्टर 62209
सेक्टर 125125
सेक्टर 1155
सेक्टर 116133

Air quality Index की श्रेणी: एयर क्वालिटी इंडेक्स (Air Quality Index) जब 0-50 होता है तो इसे 'अच्छी' श्रेणी में माना जाता है. 51-100 को 'संतोषजनक', 101-200 को 'मध्यम', 201-300 को 'खराब', 301-400 को 'अत्यंत खराब', 400-500 को 'गंभीर' और 500 से ऊपर एयर क्वालिटी इंडेक्स को 'बेहद गंभीर' माना जाता है. विशेषज्ञों के मुताबिक हवा में मौजूद बारीक कण (10 से कम पीएम के मैटर), ओजोन, सल्फर डायऑक्साइड, नाइट्रिक डायऑक्साइड, कार्बन मोनो और डायआक्साइड सभी सांस की नली में सूजन, एलर्जी और फेफड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं.

ये भी पढ़े: weather update: हिमपात और बारिश से उत्तर भारत में ठंड का प्रकोप जारी

(PM) 2.5 और (PM) 10 की बढ़ोतरी: वरिष्ठ सर्जन डॉ बीपी त्यागी बताते हैं कि हवा में मौजूद पार्टिकुलेट मैटर (PM) 2.5 और (PM) 10 समेत कई प्रकार की गैस (सल्फरडाइऑक्साइड, कार्बनडाइऑक्साइड, नाइट्रस ऑक्साइड) की मात्रा बढ़ने से हवा प्रदूषित हो जाती है. पार्टिकुलेट मैटर (PM) 2.5 और (PM) 10 नाक के रास्ते होते हुए साइनस (Sinus) में जाते हैं. साइनस द्वारा बड़े पार्टिकुलेट मैटर को फिल्टर कर लिया जाता है जबकि छोटे कण फेफड़ों के आखरी हिस्से (Bronchioles) तक पहुँच जाते हैं.

ये भी पढ़े: दिल्ली: एक बार फिर दिखी यमुना की बदहाल स्थिति, नजर आया नाले जैसा पानी

Sinusitis और Bronchitis का खतरा: डॉ त्यागी के मुताबिक पार्टिकुलेट मैटर साइनस में जब अधिक मात्रा में खट्टा होते हैं तब साइनोसाइटिस (Sinusitis) का खतरा बढ़ जाता है. जबकि यह कण फेफड़ों के आखिरी हिस्से तक पहुंचते हैं तो उससे ब्रोंकाइटिस (Bronchitis) का खतरा बढ़ जाता है. ब्रोंकाइटिस के चलते शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह कम हो जाता है. जिससे कि शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है. शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा कम होने पर कई प्रकार की परेशानी सामने आती है.

ये भी पढ़े: Bharat Jodo Yatra : बर्फीली फिजा में भारत जोड़ो यात्रा का समापन, कई विपक्षी दलों ने राहुल को बताया 'आशा की किरण'

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.