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कभी थीं क्रिकेट कोच, अब लॉन बॉल्स में लगातार उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए पिंकी का अर्जुन अवार्ड के लिए हुआ चयन

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Dec 24, 2023, 2:36 PM IST

Updated : Dec 25, 2023, 6:04 AM IST

Delhi lawn bowls player Pinky
Delhi lawn bowls player Pinky

Lawn Bowls player Pinky: देश के लिए पदक जीतना मामूली बात नहीं होती. लेकिन इसकी खासगी तब और बढ़ जाती है, जब लोग खिलाड़ी की वजह से खेल से परिचित हों. दिल्ली की पिंकी भी उन्हीं खिलाड़ियों में से एक हैं, जिनकी वजह से देश के लोग अब 'लॉन बॉल्स' खेल को भी जान रहे हैं. हाल ही में उन्हें अर्जुन अवार्ड के लिए चयनित किया गया है.

अंतरराष्ट्रीय लॉन बॉल्स खिलाड़ी पिंकी से खास बातचीत

नई दिल्ली: बीते 20 दिसंबर को केंद्र सरकार द्वारा देश के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-अलग खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए पदक जीतने वाले खिलाड़ियों के लिए अर्जुन अवॉर्ड की घोषणा की गई. इन पुरस्कारों की सूची में देश भर के खिलाड़ियों के साथ ही दिल्ली के भी तीन खिलाड़ियों के नाम शामिल हैं, जो अलग-अलग खेलों से संबंधित हैं. दिल्ली के तीन खिलाड़ियों में नसरीन खो-खो, पिंकी लॉन बॉल्स और पवन सहरावत कबड्डी में पदक जीतने के कारण अर्जुन अवॉर्ड के लिए चुने गए हैं. इनमें लॉन बॉल्स खिलाड़ी पिंकी से ईटीवी भारत ने खास बातचीत कर उनके अब तक के अनुभव व लक्ष्य के बारे में जाना. साथ ही उनके अब तक के सफर को लेकर भी विस्तार से बात की गई. आइए जानते हैं उन्होंने क्या कहा..

सवाल- आपका लॉन बॉल्स खेल की तरफ रुझान कैसे बढ़ा? आप कितने समय से आप लॉन बॉल्स खेल रही हैं?

जवाब- मैं 2007 से इस खेल को खेल रही हूं. इस खेल में मुझे लाने का श्रेय डीपीएस स्कूल आरके पुरम के पूर्व वाइस प्रिंसिपल डॉ. डीआर सैनी को जाता है. मैंने 2009 में इसका पहला इंटरनेशनल टूर्नामेंट खेला था. इसके बाद जितने भी एशियाई चैंपियनशिप आयोजित किए गए, उन सभी में मेरे पदक हैं. इसके अलावा 2022 में बर्मिंघम में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में भी टीम ने गोल्ड मेडल जीता था, जिसमें मैं भी शामिल थी. साथ ही लॉन बॉल्स की जितनी भी राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताएं हुई उनमें भी मेरे गोल्ड मेडल है.

अंतरराष्ट्रीय लॉन बॉल्स खिलाड़ी पिंकी
अंतरराष्ट्रीय लॉन बॉल्स खिलाड़ी पिंकी

सवाल- लॉन बॉल्स किस तरह का खेल है और यह कैसे खेला जाता है?

जवाब- यह एक ऐसा स्पोर्ट है, जिसमें सिंगल, डबल, तीन और चार खिलाड़ी तक खेलते हैं. इस खेल की अवधि 2 घंटा 15 मिनट होती है. इसमें अगर एकल खिलाड़ी हैं, दोनों तरफ उनके पास एक-एक चार बॉल होती हैं.

सवाल- आप कौन से वर्ग में खेलती हैं? आप टीम के साथ खेलती हैं या सिंगल खेलती हैं?

जवाब- मैं सीनियर वर्ग में में तीन या चार खिलाड़ियों की टीम में खेलती हूं.

सवाल- सरकार ने अर्जुन अवार्ड के लिए आपका चयन किया है. इस उपलब्धि पर कैसा महसूस कर रही हैं?

जवाब- अर्जुन अवार्ड के लिए चयनित होने पर मैं बहुत खुश और गौरवान्वित महसूस कर रही हूं. मैं चार-पांच साल से इस अवार्ड के लिए आवेदन कर रही थी. इस बार मुझे पूरी उम्मीद थी कि मैंने कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल जीता है तो इस बार यह जरूर मिलेगा. अब इस पुरस्कार के लिए मेरा चयन हुआ है तो लग रहा है कि मेरी मेहनत वाकई रंग लाई है.

सवाल- पहले आपकी क्रिकेट में रुचि थी. फिर क्रिकेट से इस खेल की तरफ आपका कैसे रूझान हुआ?

जवाब- 2007 में मैंने बतौर क्रिकेट कोच डीपीएस स्कूल जॉइन किया था. उस समय वहां के वाइस प्रिंसिपल डीआर सैनी हुआ करते थे. 2010 में दिल्ली में होने वाले कॉमनवेल्थ गेम्स की तैयारी चल रही थी. पहली बार हमारे स्कूल की टीम गुवाहाटी में नेशनल गेम्स में गई, जहां में टीम को एस्कॉर्ट कर रही थी. उस समय हमारे स्कूल का एक प्लेयर बीमार हो गया. तब मुझे लॉन बॉल्स खेलने के लिए कहा था.

इसके बाद लॉन बॉल्स में स्कूल की टीम को कांस्य पदक मिला और मुझे रजत पदक, जिसपर वाइस प्रिंसिपल डीआर सैनी ने मुझे आगे भी इस खेल को खेलने के लिए प्रेरित किया. फिर 2009 में जब कैंप लगा तो इस खेल के लिए मेरा भी चयन किया गया. तब से मैं लगातार राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की सभी प्रतियोगिताएं खेल रही हूं.

कॉमनवेल्थ सहित कई अंतरराष्ट्रीय खेलों में रह चुकी हैं पदक विजेता
कॉमनवेल्थ सहित कई अंतरराष्ट्रीय खेलों में रह चुकी हैं पदक विजेता

सवाल- अपनी इस सफलता का श्रेय किसे देना चाहेंगी?

जवाब- इसका श्रेय मैं अपने फेडरेशन को देना चाहती हूं जो इस खेल को लेकर आए. विशेष तौर से डॉक्टर राजा रणधीर सिंह, सुनैना कुमारी, महासचिव लोकेंद्र, मैनेजर अंजू और फेडरेशन के मौजूदा अध्यक्ष रवि बेंगनी. इन सब के सहयोग के बिना शायद हम यहां तक नहीं पहुंचते. इन लोगों ने मुझे हमेशा गाइडेंस दी और टूर्नामेंट में आने जाने के लिए पैसे का इंतजाम किया. इसके अलावा मैं अपने परिवार माता-पिता और अपने दोस्तों को भी इसका श्रेय देती हूं, जिन्होंने मेरा पूरा साथ दिया.

सवाल- आपकी 12 साल की यात्रा में सबसे ज्यादा चुनौतीपूर्ण समय कब रहा?

जवाब- मेरे लिए सबसे चुनौतीपूर्ण समय 2022 का था, जब उस साल होने वाले कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए टीम का चयन होने जा रहा था. उसी साल मेरा तलाक हुआ था, जिससे मैं बहुत तनाव में थी. 2019 में ही मेरी शादी हुई थी और फिर 2020 में ही चीजें बिगड़नी शुरू हो गईं. इसके बाद 2021 में डाइवोर्स फाइल हुआ, लेकिन कोविड की वजह से 2022 में डाइवोर्स फाइनल हुआ. लेकिन मैंने हार नहीं मानी और मेहनत की. मेरा टीम में चयन भी हुआ और हम सभी ने मिलकर अच्छा प्रदर्शन करने के साथ कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल भी जीता.

सवाल- लॉन बॉल्स का खेल बहुत ज्यादा चर्चित नहीं है. क्या इस खेल के लिए देश में सुविधाओं की कमी है?

जवाब- पहले इस खेल को कोई नहीं जानता था, लेकिन जबसे हमने कॉमनवेल्थ में गोल्ड मेडल जीता है, तब से लोगों ने इस खेल को जाना. अब धीरे-धीरे इसकी टीमें भी बढ़ रही हैं. पहले नेशनल गेम्स में लॉन बॉल्स की सिर्फ सात-आठ टीमें आती थीं, लेकिन इस बार 17-18 टीमें गईं तो अच्छा लगा. दिल्ली में एक डीपीएस आरके पुरम जहां में टीचर हूं, वहां पर इसका मैदान है और एक मैदान यमुना स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में है. वहीं इसके लिए एक-एक मैदान रांची व कोलकाता में भी है. मैं चाहती हूं कि दिल्ली सरकार लॉन बॉल्स के लिए दिल्ली में स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स बनाए. वहीं, इसके उपकरण भी विदेश में बनते हैं. अगर यह देश में बनने लगे तो हमारे लिए आसानी होगी.

सवाल- क्या आपके मन में भी इस तरह का विचार आता है कि क्रिकेट व हॉकी के खिलाड़ियों के मुकाबले अन्य खेलों के खिलाड़ियों को उतना प्रोस्ताहित नहीं किया जाता है?

जवाब- जब हम लोगों ने 2022 में कॉमनवेल्थ में मेडल जीता था, तो केंद्र सरकार ने हमें भी प्रोत्साहन राशि दी थी और हमारा जोरदार स्वागत हुआ था. लेकिन यह बात जरूर है कि क्रिकेट या हॉकी टीम के खिलाड़ियों की तरह हमें उतना ज्यादा प्रोत्साहित नहीं किया गया. न सरकार की तरफ से कोई नौकरी का ऑफर दिया गया. इतना ही नहीं, हमें किसी निजी कंपनियों की तरफ से ब्रांड अम्बेसडर बनाने का या प्रोत्साहन राशि देने की पेशकश की गई.

सवाल- लॉन बॉल्स में अच्छा प्रदर्शन करने, मेडल जीतने के अलावा और आपका क्या सपना है? भविष्य में क्या करना चाहती हैं?

जवाब- क्रिकेट में मेरी हमेशा से रुचि होने के कारण सचिन तेंदुलकर से मिलना मेरा सपना है. इसके अलावा मैं मशहूर बिजनेसमैन आनंद महिंद्रा से भी मिलना चाहती हूं क्योंकि उनकी कंपनी की गाड़ी 'थार' बनाती है, जो मेरी पसंदीदा कार है.

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सवाल- अब आपका अगला लक्ष्य क्या है. अगले कौन से टूर्नामेंट में आप भाग लेने जाने वाली हैं?

जवाब- अगला टूर्नामेंट मार्च में एशियाई चैंपियनशिप है, जो थाईलैंड में होगा. उसके लिए जनवरी तक टीम का चयन होकर कैंप शुरू हो जाएगा. कैंप कहां शुरू होगा अभी यह तय नहीं है. मैं नया साल शिरडी में मनाती हूं. वहां से आने के बाद मैं चैंपियनशिप की तैयारी शुरू कर दूंगी. कोशिश यही रहेगी कि इस बार फिर से गोल्ड मेडल जीतकर आऊं.

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Last Updated :Dec 25, 2023, 6:04 AM IST
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