नई दिल्ली: राउज एवेन्यू कोर्ट ने महिला पहलवानों के कथित यौन उत्पीड़न के मामले में भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के निवर्तमान अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह को शुक्रवार को दिनभर के लिए कोर्ट में व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट दे दी. दरअसल, एडिशनल चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट (एसीएमएम) हरजीत सिंह जसपाल ने बृजभूषण शरण सिंह को उनके वकील डॉ. एपी सिंह द्वारा व्यक्तिगत पेशी छूट के लिए दायर एक आवेदन पर राहत दी.
इस आवेदन में बृजभूषण शरण सिंह के वकील ने कोर्ट को बताया कि वह एक सांसद के रूप में अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करने में व्यस्त होने के चलते कोर्ट में उस्थित होने में असमर्थ हैं. इसपर कोर्ट ने उन्हें केवल शुक्रवार के लिए व्यक्तिगत पेशी से छूट की अनुमति दी. वहीं, डब्ल्यूएफआई के निलंबित सहायक सचिव विनोद तोमर कोर्ट में पेश हुए.
इस दौरान बचाव पक्ष की ओर से दलील दी गई कि 1,100 पन्नों की विस्तृत चार्जशीट के अवलोकन के लिए और समय दिया जाए. इस पर मजिस्ट्रेट ने दोनों आरोपियों को दिल्ली पुलिस से मिली हुई चार्जशीट की कॉपी और अन्य दस्तावेजों का अध्ययन करने के लिए समय देते हुए मामले की अगली सुनवाई तीन अगस्त तक के लिए स्थगित कर दी.
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बता दें, इससे पहले 20 जुलाई को राउज एवेन्यू कोर्ट ने बृजभूषण शरण सिंह और विनोद तोमर को कुछ शर्तों के साथ 25,000 रुपये के मुचलके पर जमानत दे दी थी. इसमें एक शर्त यह भी थी कि उन्हें विदेश जाने के लिए कोर्ट से अनुमति लेनी होगी. दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ 15 जून को चार्जशीट दाखिल की थी, जिस पर कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए 18 जुलाई को बृजभूषण विनोद तोमर को कोर्ट में पेश होने निर्देश दिया था. पेश होने पर दोनों को 20-20 हजार के मुचलकों पर दो दिन की अंतरिम जमानत दी गई थी. इसके बाद दोनों को नियमित जमानत दे दी गई थी.
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