नई दिल्ली: दिल्ली एम्स में हादसे में घायल हुए बुजुर्ग के ब्रेन डेड होने के बाद स्वजन की सहमति से अंगदान कराया गया. इस दौरान उनके दिल, लिवर, किडनी और आंखों को दान किया गया है. जिन्हें व्यस्त समय में ग्रीन कारिडोर के जरिए अलग-अलग अस्पतालों में पहुंचाया गया. इन अंगों के जरिए पांच लोगों को नया जीवन मिल सकेगा.
दरअसल, 59 वर्षीय रूपचंद्र सिंह 30 अप्रैल को अपने बेटे के साथ मोटरसाइकिल से जा रहे थे. करीब सुबह 11 बजे वह शादीपुर में एक सड़क हादसे का शिकार हो गए, जिसमें वे गंभीर रूप से घायल हो गए. इसके बाद उन्हें एम्स के ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया. लेकिन सिर में गंभीर चोट लगने की वजह से दो मई दोपहर एक बजे उन्हें ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया. शुरुआत में स्वजन को अंगदान के बारे में जानकारी नहीं थी. अंगदान के संबंध में एम्स के ओआरबीओ के ट्रांसप्लांट काउंसलर ने स्वजन के साथ लंबी बातचीत की. साथ ही उन्हें अंगदान कर चुके व्यक्ति के स्वजन से भी मिलाया गया. इसके बाद वे अंगदान करने को राजी हो गए.
ओआरबीओ (अंग पुनर्प्राप्ति बैंकिंग संगठन) की प्रमुख डॉ. आरती विज ने बताया कि आरटीए जैसी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं में परिवार के लिए अंगदान का फैसला करना बहुत कठिन है. जबकि, वे सदमे की स्थिति में हैं और अभी तक अपने नुकसान से उबर नहीं पाए हैं. हालांकि, जब एक परिवार यह साहसिक निर्णय लेता है तब सभी हितधारक समूह जैसे इलाज करने वाले डॉक्टर, प्रत्यारोपण समन्वयक, अंग प्रत्यारोपण टीम, फॉरेंसिक विभाग, पुलिस और सभी सहायक विभाग प्रक्रिया को समन्वयित करने और परिवार को संकट से निकालने के लिए बहुत तेजी से काम करते हैं.
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उन्होंने बताया कि रूपचंद्र सिंह के अंग नोट के माध्यम से प्राप्तकर्ताओं को आवंटित किए गए थे. उनका दिल अपोलो अस्पताल, लिवर एएचआरआर अस्पताल को और किडनियां एम्स दिल्ली और आरएमएल अस्पताल में आवंटित की गई. उनके कार्निया को एम्स के नेशनल आई बैंक में रखा गया है, जिसे अन्य जरूरतमंद मरीज में प्रत्यारोपित किया जाएगा.
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