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EXCLUSIVE: BCCI के मामलों को चलाने में निरंतरता होनी चाहिए : निरंजन शाह

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Published : Sep 28, 2022, 10:13 PM IST

निरंजन शाह ने 1965-66 में प्रथम श्रेणी क्रिकेटर के रूप में शुरुआत करते हुए 1972 में सौराष्ट्र क्रिकेट एसोसिएशन (एससीए) के सचिव का पद संभाला. उसके बाद वह लगातार क्रिकेट प्रशासन से जुड़े रहे हैं. ईटीवी भारत कोलकाता ब्यूरो चीफ संजीब गुहा ने उनसे विशेष बातचीत की है. क्या कुछ कहा उन्होंने, जानें.

Niranjan Shah interview  निरंजन शाह का एक्सक्लूसिव इंटरव्यू  bcci agm  बीसीसीआई की वार्षिक आम बैठक  Niranjan Shah  निरंजन शाह
Niranjan Shah

कोलकाता: जो भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के कामकाज को जानता है, उन्हें यह भी पता होगा कि बोर्ड के सचिव के तौर पर निरंजन शाह (Niranjan Shah) ने दशकों तक कैसे काम किया है. 1965-66 में प्रथम श्रेणी क्रिकेटर के रूप में शुरुआत करते हुए उन्होंने 1972 में सौराष्ट्र क्रिकेट एसोसिएशन (एससीए) के सचिव का पद संभाला. सौराष्ट्र क्रिकेट का हिस्सा रहने के अलावा शाह सचिव और उपाध्यक्ष के रूप में बीसीसीआई से भी जुड़े रहे. निरंजन शाह आईपीएल के उपाध्यक्ष भी रहे.

सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई के नए संविधान की मंजूरी दे दी है. इसके तहत कार्यकाल और कूलिंग ऑफ पीरियड के नियमों में बदलाव देखने को मिलेगा. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) की पहली वार्षिक आम बैठक (AGM) 18 अक्टूबर को मुंबई में होने वाली है. इससे पहले ईटीवी भारत ने बुधवार को पूर्व सचिव निरंजन शाह के साथ एक विशेष बातचीत की.

सवाल: आप सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले को कैसे लेते हैं जिसमें आप लोग चाहते थे कि कुछ ढील दी जाए?
जवाब: अदालत के फैसले ने मौजूदा पदाधिकारियों के लिए एक और कार्यकाल का मौका दे दिया है. अन्यथा, वे कूलिंग ऑफ पीरियड के कारण एक कार्यकाल पूरा करके पद छोड़ देते. इसलिए यह अच्छा है कि मामलों को चलाने में निरंतरता बनी रहेगी.

सवाल: क्या अदालत के फैसले से आपकी पीढ़ी के क्रिकेट प्रशासकों को मदद मिलेगी?
जवाब: यह फैसला अब हमारे लिए किसी तरह उपयोगी नहीं है क्योंकि 11 साल की सीमा है और हम में से कई लोग इसे पूरा कर चुके हैं या पूरा करने वाले हैं. लेकिन हम इससे खुश हैं.

सवाल: क्या आप बोर्ड के कामकाज से जुड़े रहेंगे?
जवाब: यह नए पदाधिकारियों पर निर्भर करता है कि वे बोर्ड के मामलों को चलाने में हमारी सेवाएं चाहते हैं या नहीं. अगर वे हमारी सेवाएं चाहते हैं, तो हम निश्चित रूप से अपना योगदान देंगे.

सवाल: जब पदाधिकारियों को चुनने की बात आती है तो क्या बोर्ड पर कोई राजनीतिक दबाव होता है?
जवाब: हम पर कोई राजनीतिक दबाव नहीं है. बोर्ड लोकतांत्रिक प्रक्रिया के तहत चलता है और सभी संघ भी लोकतांत्रिक तरीके से चलते हैं.

सवाल: आप, एन श्रीनिवासन, अजय शिर्के और कई अन्य लोग हैं जिनका बोर्ड में बहुत बड़ा योगदान रहा है. आप इसे कैसे देखते हैं?
जवाब: सुप्रीम कोर्ट ने जो फैसला किया है उससे हम संतुष्ट हैं. हमें इस बात की खुशी है कि ऐसा मुमकिन हो सका है. हमारी पारी पूरी हो चुकी है. मैं अपने बारे में बात कर सकता हूं और कह सकता हूं कि बोर्ड प्रशासन में आने वाली युवा पीढ़ी के साथ मैं ठीक हूं.

पदाधिकारियों के बारे में आपकी पसंद...
जवाब: यह किसी की पसंद पर निर्भर नहीं करता है. राज्य के प्रतिनिधि तय करेंगे कि बीसीसीआई अध्यक्ष या सचिव कौन होगा. लेकिन मुझे लगता है कि निरंतरता बनाए रखी जानी चाहिए और मौजूदा फैसलों के अनुसार पदाधिकारियों के पास तीन साल का कार्यकाल और है.

सवाल: क्या आप ऐसे पांच लोगों के नाम बता सकते हैं जिन्हें आपको लगता है कि बोर्ड के शीर्ष पदों पर होना चाहिए?
जवाब: मैं किसी का विशेष रूप से नाम लेना पसंद नहीं करता. कौन आएगा और कौन अपने पद पर बना रहेगा, यह सब प्रतिनिधियों पर निर्भर करता है.

सवाल: क्या आप युवाओं को अपनी मदद की पेशकश करेंगे?
जवाब: हम बिल्कुल अपना मार्गदर्शन देंगे जब भी इसकी आवश्यकता होगी, लेकिन प्रतिदिन के आधार पर नहीं.

सवाल: आपको क्या लगता है कि एन श्रीनिवासन अब भी बीसीसीआई प्रशासन में उपयोगी होंगे?
जवाब: ओह हाँ! मुझे 100 प्रतिशत विश्वास है कि जब भी बोर्ड को श्री श्रीनिवासन से किसी मार्गदर्शन की आवश्यकता होगी, उन्हें अपने विचार और अनुभव साझा करने में खुशी होगी.

सवाल: आप लोग कब पदाधिकारियों के नाम तय करेंगे?
जवाब: मुझे लगता है कि इस सप्ताह बीसीसीआई के वरिष्ठ सदस्य बैठक करेंगे और भविष्य के लिए कुछ फैसला करेंगे.

सवाल: क्या आप एजीएम के दौरान चुनाव की उम्मीद कर रहे हैं?
जवाब: नहीं मुझे नहीं लगता कि पदाधिकारियों के पदों के लिए चुनाव होंगे. सभी के एकमत होने की संभावना है.

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