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Gudi Padwa Festival : सचिन तेंदुलकर ने पत्नी संग त्योहार मनाया

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Published : Mar 23, 2023, 11:06 AM IST

Gudi Padwa Festival : मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने पत्नी अंजलि के साथ गुड़ी पड़वा का त्योहार मनाया. तेंदुलकर ने त्योहार मनाते हुए की फोटो ट्वीट की और मराठी भाषा में शुभकामनाएं दी.

Sachin Tendulkar celebrates Gudi Padwa Festival with wife Anjali
Sachin Tendulkar

नई दिल्ली : क्रिकेट स्टार सचिन तेंदुलकर ने पत्नी के साथ मराठी नववर्ष मनाया. सचिन ने अंजली के साथ गुड़ी पड़वा पर पूजा की. उन्होंने सोशल मीडिया पर गुड़ी पड़वा की बधाई भी दी. ये त्योहार दक्षिण भारत के कई राज्यों में मनाया जाता है. गुड़ी पड़वा को फसल कटाई का त्योहार भी कहा जाता है. गुड़ी पड़वा पर बाजार में आम की आवक होती है.

  • आज गुढी उभारून ही प्रार्थना करतो की नवीन वर्षात सगळ्यांचा उद्धार होवो. गुढी पाडव्याच्या हार्दिक शुभेच्छा!#GudiPadwa pic.twitter.com/g9iLwDzFc9

    — Sachin Tendulkar (@sachin_rt) March 22, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

सचिन तेंदुलकर क्रिकेट में शतकों के सेंचुरी लगा चुके हैं. वो ये कारनामा करने वाले दुनिया के पहले क्रिकेटर हैं. उन्होंने क्रिकेट में कई ऐसे रिकॉर्ड बनाए हैं जिनको तोड़ना आसान नहीं होगा. तेदुलकर ने 462 वनडे मैच खेले हैं. जिनमें उनके नाम 18426 रन हैं. वनडे में सचिन ने 51 सेंचुरी लगाई हैं. टेस्ट में उनके नाम 15921 रन हैं. सचिन को भारत रत्न अवॉर्ड से सम्मानित किया जा चुका है.

सचिन इतने बड़े खिलाड़ी होने के बावजूद अपनी परंपराओं से जुड़े हैं. वो हर त्योहार मनाते हैं. हर साल की तरह इस साल भी उन्होंने गुड़ी पड़वा का त्योहार मनाया. हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा के दिन गुड़ी पड़वा का त्योहार मनाया जाता है. मराठी नववर्ष के रूप में इसे मनाया जाता है. गुड़ी का अर्थ है झंडा और प्रतिपदा का पड़वा. इस दिन सूरज उगने से पहले विजय के प्रतीक के रूप में घर में सुंदर गुड़ी लगाई जाती है.

यह त्योहार कर्नाटक, महाराष्ट्र, गोवा, आंध्र प्रदेश में हर्षोउल्लास से मनाया जाता है. इस दिन लोग घरों की सफाई कर रंगोली और आम या अशोक के पेड़ के पत्तों से घर के दरवाजे पर तोरण बांधते हैं. घर के आगे झंडा लगाया जाता है. बर्तन पर स्वस्तिक बनाकर उस पर रेशम का कपड़ा बांध कर रखा जाता है. इस दिन सूर्य की उपासना के साथ ही रामरक्षास्रोत, सुंदरकांड और माता भगवती की पूजा की जाती है. अच्छी सेहत के लिए नीम की कोपल गुड़ के साथ खाने की भी मान्यता है.

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