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आईपीएल बबल में सेंध लगाने वालों को डीडीसीए ने दिया एक्रीडिटेशन: BCCI ACU प्रमुख

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Published : May 6, 2021, 4:54 PM IST

DDCA gave IPL accreditation to arrested men at stadium: BCCI-ACU chief
DDCA gave IPL accreditation to arrested men at stadium: BCCI-ACU chief

आईएएनएस के पास मौजूद एफआईआर कॉपी के अनुसार, "दो मई को हैदराबाद और राजस्थान के मैच के दौरान, लगभग 7.30 बजे जब सब-इंस्पेक्टर और उनके साथ कर्मचारी गेट नंबर आठ से वीआईपी लाउंज में जा रहे थे, तब उन्होंने लाउंज गैलरी में दो युवकों को उनके मास्क के साथ देखा. कुछ गड़बड़ होने के संदेह पर एसआई ने उन्हें अपना मास्क लगाने के लिए कहा और उनकी उपस्थिति के बारे में उनसे पूछताछ शुरू कर दी."

नई दिल्ली: बीसीसीआई की भ्रष्टाचार निरोधक ईकाई (ACU) के प्रमुख शब्बीर हुसैन खंडवाला ने कहा है कि आईपीएल बायो बबल का नियम तोड़ने और सट्टेबाजी के उद्देश्य से फर्जी आईकार्ड के माध्यम से अरुण जेटली स्टेडियम में प्रवेश करने वाले दो लोगों को दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (DDCA) ने ही आईपीएल का एक्रीडिटेशन दिया था.

दोनों व्यक्ति कथित रूप से दिल्ली के अरुण जेटली स्टेडियम के अंदर से फोन पर अवांछनीय लोगों को मैच और अन्य जानकारियां प्रदान कर रहे थे. दिल्ली पुलिस ने इस मामले में दोनों के खिलाफ मामला दर्ज करके जांच शुरू कर दी है.

खंडवाला ने एक विशेष इंटरव्यू में कहा कि एसीयू अब राज्य क्रिकेट संघों को अस्थायी आधार पर कर्मचारियों को नियुक्त करते समय अधिक सावधानी बरतने का निर्देश देगा. दिल्ली पुलिस ने जिन दो लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है, उन पर फर्जी एक्रीडेशन बनाकर रविवार को दिल्ली में राजस्थान रॉयल्स और सनराइजर्स हैदराबाद के बीच होने वाले मैच में घुसने की कोशिश करने का आरोप है.

उन्होंने कहा, "दिल्ली लेग में तीन दिनों के बाद, हमने किसी को काम पर आते देखा-एक अस्थायी कर्मचारी जो स्वीपर के रूप में कार्यरत था. वह एक कोने में छिपा था और मोबाइल पर किसी से बात कर रहा था. हमारे एक अधिकारी को उस पर शक हुआ. उन्होंने उससे सवाल पूछा कि 'तुम यहां क्या कर रहे हो?' और 'तुम कहां काम करते हो ? उन्होंने उसे अपना मोबाइल दिखाने को कहा, लेकिन तभी दोनों भाग निकले. लेकिन जांच में हम पता लगा सकते थे कि वो कहां कार्यरत थे. हमें उसका आधार कार्ड मिला और फिर हमने पुलिस को इसकी जानकारी दी. पुलिस ने मामला दर्ज करके जांच शुरू कर दी. जांच के दौरान पाया गया कि अन्य दो लोग भी इन गतिविधियों में लिप्त थे. इसलिए उन्हें गिरफ्तार कर लिया. यह बीसीसीआई एसीयू और स्थानीय (दिल्ली) पुलिस द्वारा एक साथ किया गया था."

यह पूछे जाने पर कि उन्हें आईपीएल एक्रीडेशन कार्ड कैसे मिला? इस पर खंडवाला ने कहा, " मुझे लगता है कि डीडीसीए ने उन्हें एक्रीडेशन दिया था. यह मुझे बताया गया है. यह हमारे लिए जांच का विषय है. हम इसका अध्ययन करेंगे और कर्मचारियों को नियुक्त करते समय सावधानी बरतने के लिए राज्य संघों को निर्देश जारी करेंगे, खासकर अस्थायी कर्मचारियों के लिए."

आईएएनएस के पास मौजूद एफआईआर कॉपी के अनुसार, "दो मई को हैदराबाद और राजस्थान के मैच के दौरान, लगभग 7.30 बजे जब सब-इंस्पेक्टर और उनके साथ कर्मचारी गेट नंबर आठ से वीआईपी लाउंज में जा रहे थे, तब उन्होंने लाउंज गैलरी में दो युवकों को उनके मास्क के साथ देखा. कुछ गड़बड़ होने के संदेह पर एसआई ने उन्हें अपना मास्क लगाने के लिए कहा और उनकी उपस्थिति के बारे में उनसे पूछताछ शुरू कर दी."

पूछताछ में सामने आया है कि दोनों युवकों ने धोखाधड़ी के जरिए फर्जी कार्ड बनवाया था और वे इसके जरिए आईपीएल में सट्टेबाजी कर रहे थे. दोनों के खिलाफ आईपीसी की धारा 419, 420, 468, 471, 188, 269, 120, 34 आईपीसी के तहत केस दर्ज किया गया है.

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