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गावस्कर ने NZ से हार का ठीकरा इन दो स्टार खिलाड़ियों पर फोड़ा, बोले- खराब शॉट खेला

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Published : Jul 12, 2019, 3:20 PM IST

भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और सलामी बल्लेबाज सुनील गावस्कर का मानना है कि न्यूजीलैंड के साथ मैनचेस्टर में हुए सेमीफाइनल मुकाबले के दौरान महेंद्र सिंह धोनी को बल्लेबाजी के लिए 'ऊपर' आना चाहिए था.

Sunil Gavaskar

हैदराबाद: सलामी बल्लेबाज सुनील गावस्कर का मानना है कि न्यूजीलैंड के साथ मैनचेस्टर में हुए सेमीफाइनल मुकाबले के दौरान जब भारत ने अपने शुरुआती तीन विकेट सस्ते में गंवा दिए थे, तब महेंद्र सिंह धोनी को बल्लेबाजी के लिए 'ऊपर' आना चाहिए था.

गावस्कर विश्व कप से पहले, विश्व कप के दौरान और विश्व कप के बाद भारतीय टीम प्रबंधन की नीतियों के आलोचक रहे हैं. गावस्कर ने हमेशा भारतीय बल्लेबाजी क्रम में बदलाव की वकालत की है, जो हालात के अनुरूप होनी चाहिए लेकिन न्यूजीलैंड के हाथों मिली 18 रनों की हार वाले मैच में जो हुआ, उससे वह काफी खफा हैं.

भारतीय क्रिकेट टीम
भारतीय क्रिकेट टीम

मीडिया से बातचीत के दौरान गावस्कर ने कहा कि जब भारत ने अपने तीन टॉप बल्लेबाजों के विकेट सस्ते में गंवा दिए थे, तब हार्दिक पांड्या और ऋषभ पंत बल्लेबाजी कर रहे थे. दोनों मिजाज के लिहाज से एक जैसे बल्लेबाज हैं. उनकी जगह एक छोर पर धोनी को होना चाहिए था, जो पंत को संयमित रहने की सलाह दे सकते थे. आखिरकार पंत एक खराब शॉट खेलकर आउट हुए, जो भारत के लिए बाद में काफी महंगा साबित हुआ.

गावस्कर ने कहा, 'जब हमने 24 रन पर चार विकेट गंवा दिए थे, तब पंत और पांड्या विकेट पर थे. दोनों एक ही मिजाज के खिलाड़ी हैं. दोनों आक्रामक है. वहां तो धोनी जैसा अनुभवी और संयमित बल्लेबाज एक छोर पर होना चाहिए था, जो इनमें से किसी एक को संयमित रहकर खेलने की सलाह देता. आखिरकार दोनों बल्लेबाज गैरजिम्मेदाराना तरीके से आउट हुए और यही भारत को भारी पड़ गया.'

महेंद्र सिंह धोनी
महेंद्र सिंह धोनी

गावस्कर के मुताबिक धोनी अपने साथियों की मनोदशा को समझते हैं और यही कारण था कि वे पंत या फिर पांड्या को सही तरीके से समझाकर विकेट पर बने रहने के लिए प्रेरित कर सकते थे. बकौल गावस्कर, 'वे (धोनी) अगर विकेट पर होते तो वे पंत को समझा सकते थे, जो काफी उतावले नजर आ रहे थे. कप्तान ने अहम मुकाम पर दो ऐसे खिलाड़ियों को भेज दिया, जिनके खेलने का तरीका 'मारो बस मारो' है. उस वक्त गेंद काफी अनियमित खेल रही थी और ऐसे में विकेट पर बने रहते हुए हालात के हिसाब से खेलने की जरूरत थी. ऐसे में तो आपको ऐसे किसी व्यक्ति की जरूरत थी, जो विकेट पर ठहर कर खेल सकता था.'

हालात के विपरीय विराट कोहली ने उस मैच में धोनी को नम्बर-7 पर बल्लेबाजी के लिए भेजा था. पूरे टूर्नामेंट में धोनी इतना 'नीचे' नहीं खेले थे. इसे लेकर कोहली का अपना अलग मत था. कोहली ने मैच के बाद कहा था, 'धोनी ने हालात के हिसाब से अपनी भूमिका के साथ न्याय किया. हमने उन्हें इसीलिए विकेट पर काफी देरी से भेजा था. हम चाहते थे कि वे अंत तक विकेट पर रहें और जब छह या सात ओवर रह जाएं तो हालात के हिसाब से बल्लेबाज करें. हमारी रणनीति फ्लॉप रही क्योंकि वह रन आउट हो गए.'

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हैदराबाद: भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और सलामी बल्लेबाज सुनील गावस्कर का मानना है कि न्यूजीलैंड के साथ मैनचेस्टर में हुए सेमीफाइनल मुकाबले के दौरान जब भारत ने अपने शुरुआती तीन विकेट सस्ते में गंवा दिए थे, तब महेंद्र सिंह धोनी को बल्लेबाजी के लिए 'ऊपर' आना चाहिए था.



गावस्कर विश्व कप से पहले, विश्व कप के दौरान और विश्व कप के बाद भारतीय टीम प्रबंधन की नीतियों के आलोचक रहे हैं. गावस्कर ने हमेशा भारतीय बल्लेबाजी क्रम में बदलाव की वकालत की है, जो हालात के अनुरूप होनी चाहिए लेकिन न्यूजीलैंड के हाथों मिली 18 रनों की हार वाले मैच में जो हुआ, उससे वह काफी खफा हैं.



मीडिया से बातचीत के दौरान गावस्कर ने कहा कि जब भारत ने अपने तीन टॉप बल्लेबाजों के विकेट सस्ते में गंवा दिए थे, तब हार्दिक पांड्या और ऋषभ पंत बल्लेबाजी कर रहे थे. दोनों मिजाज के लिहाज से एक जैसे बल्लेबाज हैं. उनकी जगह एक छोर पर धोनी को होना चाहिए था, जो पंत को संयमित रहने की सलाह दे सकते थे. आखिरकार पंत एक खराब शॉट खेलकर आउट हुए, जो भारत के लिए बाद में काफी महंगा साबित हुआ.



गावस्कर ने कहा, 'जब हमने 24 रन पर चार विकेट गंवा दिए थे, तब पंत और पांड्या विकेट पर थे. दोनों एक ही मिजाज के खिलाड़ी हैं. दोनों आक्रामक है.  वहां तो धोनी जैसा अनुभवी और संयमित बल्लेबाज एक छोर पर होना चाहिए था, जो इनमें से किसी एक को संयमित रहकर खेलने की सलाह देता. आखिरकार दोनों बल्लेबाज गैरजिम्मेदाराना तरीके से आउट हुए और यही भारत को भारी पड़ गया.'



गावस्कर के मुताबिक धोनी अपने साथियों की मनोदशा को समझते हैं और यही कारण था कि वे पंत या फिर पांड्या को सही तरीके से समझाकर विकेट पर बने रहने के लिए प्रेरित कर सकते थे. बकौल गावस्कर, 'वे (धोनी) अगर विकेट पर होते तो वे पंत को समझा सकते थे, जो काफी उतावले नजर आ रहे थे. कप्तान ने अहम मुकाम पर दो ऐसे खिलाड़ियों को भेज दिया, जिनके खेलने का तरीका 'मारो बस मारो' है. उस वक्त गेंद काफी अनियमित खेल रही थी और ऐसे में विकेट पर बने रहते हुए हालात के हिसाब से खेलने की जरूरत थी. ऐसे में तो आपको ऐसे किसी व्यक्ति की जरूरत थी, जो विकेट पर ठहर कर खेल सकता था.'



हालात के विपरीय विराट कोहली ने उस मैच में धोनी को नम्बर-7 पर बल्लेबाजी के लिए भेजा था. पूरे टूर्नामेंट में धोनी इतना 'नीचे' नहीं खेले थे. इसे लेकर कोहली का अपना अलग मत था. कोहली ने मैच के बाद कहा था, 'धोनी ने हालात के हिसाब से अपनी भूमिका के साथ न्याय किया. हमने उन्हें इसीलिए विकेट पर काफी देरी से भेजा था. हम चाहते थे कि वे अंत तक विकेट पर रहें और जब छह या सात ओवर रह जाएं तो हालात के हिसाब से बल्लेबाज करें. हमारी रणनीति फ्लॉप रही क्योंकि वह रन आउट हो गए.'

 


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