ETV Bharat / sports

पंत विकेटकीपर के रूप में धीरे-धीरे सुधार करेंगे: साहा

author img

By

Published : Jan 22, 2021, 4:22 PM IST

ऋषभ पंत ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ब्रिसबेन में खेले गये चौथे टेस्ट के आखिरी दिन ऐतिहासिक पारी खेल कर भारत को मैच और टेस्ट श्रृंखला (2-1) का विजेता बनाने में अहम भूमिका निभाई लेकिन उनके विकेटकीपिंग कौशल पर अब भी सवाल उठ रहे हैं, जिस पर अनुभवी विकेटकीपर रिद्धिमान साहा ने शुक्रवार को कहा कि यह युवा खिलाड़ी धीरे-धीरे इसमें वैसे ही सुधार करेगा जैसे कोई 'बीजगणित' सीखता है.

Rishabh Pant and Wriddhiman Saha
Rishabh Pant and Wriddhiman Saha

कोलकाता: राष्ट्रीय टीम के शीर्ष विकेटकीपर माने जाने वाले साहा ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि पंत की साहसिक पारी के बाद उनके लिए टीम के दरवाजे बंद हो जाएंगे. वो अपना सर्वश्रेष्ठ करना जारी रखेंगे और चयन की माथापच्ची टीम प्रबंधन पर छोड़ देना चहते हैं.

wicketkeeper Wriddhiman Saha
विकेटकीपर रिद्धिमान साहा

ऑस्ट्रेलिया में ऐतिहासिक सीरीज जीतने के बाद भारत लौटे साहा ने एक समाचार एजेंसी को दिए विशेष साझात्कार में कहा, ''आप पंत से पूछ सकते हैं, हमारा रिश्ता मैत्रीपूर्ण है और हम दोनों अंतिम 11 में जगह बनाने वालों की मदद करते हैं। व्यक्तिगत तौर पर हमारे बीच कोई मनमुटाव नहीं है.'' उन्होंने कहा, ''मैं इसे नंबर एक और दो के तौर पर नहीं देखता. जो अच्छा करेगा टीम में उसे मौका मिलेगा. मैं अपना काम करता रहूंगा. चयन मेरे हाथ में नहीं है, ये प्रबंधन पर निर्भर करता है.''

साहा ने गाबा में मैच के पांचवें दिन नाबाद 89 रन की पारी खेलने वाले पंत की तारीफ करते हुए कहा, ''कोई भी पहली कक्षा में बीजगणित नहीं सीखता. आप हमेशा एक-एक कदम आगे बढ़ते हैं. पंत अपना सर्वश्रेष्ठ कर रहा है और निश्चित रूप से सुधार (विकेटकीपिंग) करेगा. उसने हमेशा परिपक्वता दिखाई है और खुद को साबित किया है. लंबे समय के लिए ये भारतीय टीम के लिए अच्छा है.''

उन्होंने कहा, ''एकदिवसीय और टी20 प्रारूप से बाहर होने के बाद उसने जो जज्बा दिखाया वो वास्तव में असाधारण है.'' ब्रिसबेन टेस्ट के बाद पंत की तुलना दिग्गज महेन्द्र सिंह धोनी से की जाने लगी है लेकिन साहा ने कहा, ''धोनी, धोनी ही रहेंगे और हर किसी की अपनी पहचान होती है.''

Team India
बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के साथ भारतीय खिलाड़ी

साहा एडिलेड में खेले गए दिन-रात्रि टेस्ट की दोनों पारियों में महज नौ और चार ही बना सके थे. इस दौरान भारतीय टीम दूसरी पारी में महज 36 रन पर ऑलआउट हो गयी थी और इसके बाद साहा को बाकी के तीन मैचों में मौका नहीं मिला. इस 36 साल के विकेटकीपर बल्लेबाज ने कहा, ''कोई भी बुरे दौर से गुजर सकता है. एक पेशेवर खिलाड़ी हमेशा अच्छे और खराब प्रदर्शन को स्वीकार करता है, चाहे वह फॉर्म के साथ हो या फिर आलोचना के साथ.''

उन्होंने कहा, ''मैं रन बनाने में असफल रहा इसीलिये पंत को मौका मिला. यह काफी सरल है. मैंने हमेशा अपने कौशल में सुधार करने पर ध्यान दिया है और अपने करियर के बारे में कभी नहीं सोचा. जब मैंने क्रिकेट खेलना शुरू किया था तब से मेरी सोच ऐसी है. अब भी मेरा वही दृष्टिकोण है.''

साहा ने कहा कि एडीलेड में 36 रन पर ऑलआउट होने और कई खिलाड़ियों के अनुभवहीन होने के बाद ये सीरीज जीतना 'विश्व कप जीतने से कम नहीं है.'' उन्होंने कहा, ''मैं खेल नहीं रहा था (तीन मैचों में), फिर भी मैं हर पल का लुत्फ उठा रहा था.'' उन्होंने कहा, ''हमें 11 खिलाड़ियों को चुनने में चुनौती का सामना करना पड़ रहा था. ऐसे में ये शानदार उपलब्धि है.

veteran wicketkeeper Wriddhiman Saha
विकेटकीपर रिद्धिमान साहा

ये भी पढ़ें- मुझे गेंदबाजी ऑलराउंडर कहा जा सकता है, मैं बल्लेबाजी कर सकता हूं: शार्दुल ठाकुर

जाहिर है ये हमारी सबसे बड़ी सीरीज जीत है. विराट कोहली की गैरमौजूदगी में टीम की कमान संभालने वाले अजिंक्य रहाणे के बारे में साहा ने कहा कि मुश्किल परिस्थितियों में भी शांत रहने से उन्हें सफलता मिली. उन्होंने कहा, ''वह शांति से अपना काम करते थे. विराट की तरह वो भी खिलाड़ियों पर भरोसा करते हैं. विराट के उलट वो ज्याद जोश नहीं दिखाते. रहाणे को खिलाड़ियों की हौसलाअफजाई करना आता है. यही उनकी सफलता का राज है.''

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.