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विश्वकप में इन 5 फील्डरों पर होंगी सबकी नजरें

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Published : May 19, 2019, 12:30 PM IST

क्रिकेट में यो-यो टेस्ट जैसे पैरामीटर ने खिलाड़ियों को लर्नर और फिटर बना दिया है. आधुनिक क्रिकेट में फील्डर अब गेंद को सीमा रेखा पर पहुंचने से पहले ही उसे रोक लेते हैं और अपनी टीम के लिए कुछ महत्वपूर्ण रन बचाते हैं.

Ravindra jadeja

नई दिल्ली : इंग्लैंड एंड वेल्स में 30 मई से शुरू होने जा रहे आगामी विश्वकप में फील्डरों की काफी महत्वपूर्ण भूमिका रहने वाली है, खासकर तब जब वनडे क्रिकेट में आजकल 300 या उससे ऊपर का स्कोर बनना आम बात हो गया है.

आगामी विश्व कप में पांच ऐसे फील्डर होंगे, जिनपर सबकी नजरें होगी.

रवींद्र जडेजा (भारत)

रवींद्र जडेजा
रवींद्र जडेजा

भारतीय टीम में युजवेंद्र चहल और कुलदीप यादव जैसे कलाई के स्पिनर के होने से कप्तान विराट कोहली को ये उम्मीद रहती है कि जडेजा मैदान पर कुछ अतिरिक्त करें. बतौर स्पिनर जडेजा के लिए विश्वकप टीम में जगह बनाना आसान काम नहीं था, लेकिन उनकी फील्डिंग के कारण ही चयनकर्ताओं ने उन्हें विश्वकप टीम में चुना है.

डाइव लगाकर मुश्किल कैचों को भी आसान बनाने वाले जडेजा हमेशा बल्लेबाजों पर दबाव बनाते हैं और जहां वो खड़े रहते हैं, वहां से बल्लेबाजों के लिए रन चुराना आसान नहीं होता है.

डेविड वॉर्नर (ऑस्ट्रेलिया)

डेविड वॉर्नर
डेविड वॉर्नर

आईपीएल में अपनी फिटनेस को साबित कर चुके ऑस्ट्रेलिया के वॉर्नर इस समय टीम में सबसे अच्छे फील्डर माने जा रहे हैं. टीम में एरॉन फिंच और ग्लैन मैक्सवेल के होने के बावजूद ऑस्ट्रेलिया को विश्व कप में वार्नर से उसी तरह की फील्डिंग की उम्मीद होगी, जैसा कि उन्होंने आईपीएल में की थी.

बेन स्टोक्स (इंग्लैंड)

बेन स्टोक्स
बेन स्टोक्स

पिछले विश्वकप के बाद से स्टोक्स अपनी टीम के लिए सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी के तौर पर उभरकर सामने आए हैं. इंग्लैंड की बल्लेबाजी इस समय शानदार प्रदर्शन कर रही है और स्टोक्स एकमात्र खिलाड़ी हैं, जो काफी अच्छे फील्डरों में शामिल हैं. अपनी मेजबानी में होने वाले विश्व कप में इंग्लैंड को अगर पहली बार खिताब जीतना है तो स्टोक्स की फील्डिंग काफी महत्वपूर्ण होगी.

फॉफ डु प्लेसिस (दक्षिण अफ्रीका)

फॉफ डु प्लेसिस
फॉफ डु प्लेसिस

दक्षिण अफ्रीका के कप्तान डु प्लेसिस, हाल में आईपीएल में चेन्नई सुपर किंग्स के लिए अच्छी फील्डिंग कर चुके हैं. कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को डु प्लेसिस की फील्डिंग पर बहुत विश्वास था, इसलिए वो डु प्लेसिस को हमेशा सीमा रेखा के पास खड़ा करते थे. हालांकि विश्वकप में डु प्लेसिस की भूमिका बिल्कुल अलग होगी और वह ज्यादातर बल्लेबाजों के पास ही खड़े होंगे.

आंद्रे रसेल (वेस्टइंडीज)

आंद्रे रसेल
आंद्रे रसेल

वेस्टइंडीज के विस्फोटक बल्लेबाजों में से एक रसेल आईपीएल में कोलकाता नाइट राइडर्स के लिए अपनी फील्डिंग और बल्लेबाजी का जौहर दिखा चुके हैं. 2016 के टी-20 विश्वकप में उन्होंने अपने एक शानदार थ्रो से दक्षिण अफ्रीका के बल्लेबाज हाशिम अमला को रन आउट किया था.

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क्रिकेट में यो-यो टेस्ट जैसे पैरामीटर ने खिलाड़ियों को लर्नर और फिटर बना दिया है. आधुनिक क्रिकेट में फील्डर अब गेंद को सीमा रेखा पर पहुंचने से पहले ही उसे रोक लेते हैं और अपनी टीम के लिए कुछ महत्वपूर्ण रन बचाते हैं.

नई दिल्ली : इंग्लैंड एंड वेल्स में 30 मई से शुरू होने जा रहे आगामी विश्वकप में फील्डरों की काफी महत्वपूर्ण भूमिका रहने वाली है, खासकर तब जब वनडे क्रिकेट में आजकल 300 या उससे ऊपर का स्कोर बनना आम बात हो गया है.



आगामी विश्व कप में पांच ऐसे फील्डर होंगे, जिनपर सबकी नजरें होगी.



रवींद्र जडेजा (भारत) : भारतीय टीम में युजवेंद्र चहल और कुलदीप यादव जैसे कलाई के स्पिनर के होने से कप्तान विराट कोहली को ये उम्मीद रहती है कि जडेजा मैदान पर कुछ अतिरिक्त करें. बतौर स्पिनर जडेजा के लिए विश्वकप टीम में जगह बनाना आसान काम नहीं था, लेकिन उनकी फील्डिंग के कारण ही चयनकर्ताओं ने उन्हें विश्वकप टीम में चुना है.

डाइव लगाकर मुश्किल कैचों को भी आसान बनाने वाले जडेजा हमेशा बल्लेबाजों पर दबाव बनाते हैं और जहां वो खड़े रहते हैं, वहां से बल्लेबाजों के लिए रन चुराना आसान नहीं होता है.



डेविड वॉर्नर (ऑस्ट्रेलिया): आईपीएल में अपनी फिटनेस को साबित कर चुके ऑस्ट्रेलिया के वॉर्नर इस समय टीम में सबसे अच्छे फील्डर माने जा रहे हैं. टीम में एरॉन फिंच और ग्लैन मैक्सवेल के होने के बावजूद ऑस्ट्रेलिया को विश्व कप में वार्नर से उसी तरह की फील्डिंग की उम्मीद होगी, जैसा कि उन्होंने आईपीएल में की थी.



बेन स्टोक्स (इंग्लैंड) : पिछले विश्वकप के बाद से स्टोक्स अपनी टीम के लिए सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी के तौर पर उभरकर सामने आए हैं. इंग्लैंड की बल्लेबाजी इस समय शानदार प्रदर्शन कर रही है और स्टोक्स एकमात्र खिलाड़ी हैं, जो काफी अच्छे फील्डरों में शामिल हैं. अपनी मेजबानी में होने वाले विश्व कप में इंग्लैंड को अगर पहली बार खिताब जीतना है तो स्टोक्स की फील्डिंग काफी महत्वपूर्ण होगी.



फॉफ डु प्लेसिस (दक्षिण अफ्रीका) : दक्षिण अफ्रीका के कप्तान डु प्लेसिस, हाल में आईपीएल में चेन्नई सुपर किंग्स के लिए अच्छी फील्डिंग कर चुके हैं. कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को डु प्लेसिस की फील्डिंग पर बहुत विश्वास था, इसलिए वो डु प्लेसिस को हमेशा सीमा रेखा के पास खड़ा करते थे. हालांकि विश्वकप में डु प्लेसिस की भूमिका बिल्कुल अलग होगी और वह ज्यादातर बल्लेबाजों के पास ही खड़े होंगे.



आंद्रे रसेल (वेस्टइंडीज) : वेस्टइंडीज के विस्फोटक बल्लेबाजों में से एक रसेल आईपीएल में कोलकाता नाइट राइडर्स के लिए अपनी फील्डिंग और बल्लेबाजी का जौहर दिखा चुके हैं. 2016 के टी-20 विश्वकप में उन्होंने अपने एक शानदार थ्रो से दक्षिण अफ्रीका के बल्लेबाज हाशिम अमला को रन आउट किया था.


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