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EXCLUSIVE: भारत के लिए पदक लाने का है पूरा विश्वास - पलक कोहली

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Published : Dec 24, 2020, 5:19 PM IST

17 वर्षीय पलक कोहली ने ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत की और अपने सफर और भारत के लिए पदक जीतने के सपने के बारे में बात की.

पलक कोहली
पलक कोहली

हैदराबाद : विश्व में पैरा-बैडमिंटन खिलाड़ियों की सूचि में पांचवां स्थान रखने वाले भारत की पलक कोहली ने ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत की. जन्म से ही पलक के बाएं बाथ में विकृति है. आपको बता दें कि विश्व के नंबर-6 स्थान वाले खिलाड़ियों तक पैराओलंपिक्स में आसानी से क्वॉलीफाई कर सकते हैं.

इस महीने खेल मंत्रालय ने पलक को 'टॉप्स' में जगह दी है. अब वे टोक्यो जाने के लिए बेहतर प्रैक्टिस और ट्रेनिंग कर सकती हैं. 17 वर्षीय पलक ने ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत कर अपने सफर और भारत के लिए पदक जीतने के सपने के बारे में बताया.

पलक कोहली
पलक कोहली

प्रश्न : लॉकडाउन के दौरान आपने लखनऊ में तैयारी की थी. अब आपकी ट्रेनिंग कैसी चल रही है?

उत्तर : हां... लॉकडाउन मेरे ही नहीं बल्कि सभी के लिए काफी कठिन रहा था लेकिन मेरे कोच ने पहले ही ऐसी परिस्थिति का अनुमान लगा लिया था, उन्होंने पहले ही कई उपकरण खरीद लिए थे और आउटडोर कोर्ट का इंतजाम कर लिया था ताकि मैं ट्रेनिंग कर सकूं.

प्रैक्टिस के लिहाज से तो मेरे लिए काफी फायदेमंद था. कोच ने मुझपर ज्यादा ध्यान दिया और मेरे एक्शन पर काम किया और मुझे अनोखे स्ट्रोक खेलने सिखाए और मेरे बैकहैंड को मजबूत किया.

फिलहाल मेरी ट्रेनिंग लखनऊ के गौरव खन्ना एक्सीलिया बैडमिंटन अकेडमी में शानदार चल रही है. 2017 से जब से मैंने खेलना शुरू किया है तब से मैं लखनऊ में ही ट्रेनिंग कर रही हूं.

पलक कोहली
पलक कोहली

प्रश्न : खेल मंत्रालय में निवेदन करने के बाद भी टॉप्स में शामिल करने में देरी हुई, कोई शिकायत है आपको?

उत्तर : ये किसी से शिकायत नहीं है लेकिन परिस्थितियों की बात है. ओलंपिक इयर में मैंने वर्ल्ड रैंकिंग में पांचवां पायदान हासिल किया और टोक्यो पैराओलंपिक्स के लिए क्वॉलीफाई होने के काबिल बनी. मैं यही उम्मीद कर रही थी कि 20 अप्रैल को बीडब्ल्यूएफ मेरा नाम इसमें शामिल करेगा लेकिन कोविड-19 के कारण ऐसा नहीं हो सका. तो यही परिस्थिति थी जिस कारण मुझे टॉप्स में जगह नहीं मिली.

मिनिस्टर सर ने फिर मेरा नाम टॉप्स में शामिल किया. मैं सकारात्मक रहने की कोशिश करूंगी और अपनी ट्रेनिंग पूरी लगने से करूंगी.

प्रश्न : अब किस तरह आपकी तैयारियों पर असर पड़ेगा, इस बारे में कुछ बताइए.

उत्तर : पैराओलंपिक्स 2021 के लिए तैयारियों के लिए सरकार की ओर से समर्थन मिलेगा. इससे मुझे आत्मविश्वास मिला है और मेरी नजरे टोक्यो पर है.

प्रश्न : पैराओलंपिक्स के बारे में बात करते हैं, आपके गोल और उम्मीदें क्या हैं?

उत्तर : पैराओलंपिक्स इवेंट्स में पहली बार पैरा-बैडमिंटन को शामिल किया गया है, टोक्यो पैराओलंपिक्स सभी के लिए काफी रोमांचक होने वाला है. टॉप-6 खिलाड़ी टोक्यो पैराओलंपिक्स में भाग लेंगे. ये मेरे लिए बड़ी उपलब्धि है क्योंकि मैं नंबर-5 खिलाड़ी हूं और इसमें मैं हिस्सा ले सकती हूं.

बहुत कम समय में सपना सच हो गया. साथ ही मैं टोक्यो पैराओलंपिक्स में क्वॉफीलाई करने वाली सबसे कम उम्र की खिलाड़ी बन कर काफी गर्व महसूस होगा.

प्रश्न : सिंग्ल्स इवेंट के लिए आपकी ट्रेनिंग के बारे में कुछ बताइए.

उत्तर : मैंने लंबे समय तक इंजरी झेली है. मैंने रिहैब में थी और सिंग्ल्स से दूर हो गई थी. अब मेरे पास रिकवरी का अच्छा समय है. मैं इंजरी से उभर चुकी हूं और लॉकडाउन के समय मैंने विभिन्न स्ट्रोक्स खेलने सीख लिए हैं. अब मुझे सिंग्ल्स में भी धमाकेदार वापसी करनी है और ओलंपिक्स ही सर्वश्रेष्ठ अवसर रहेगा. मुझे बहरीन में एशियन यूथ गेम्स 2021 भी खेलने हैं और मैं सिंग्ल्स में मेडल लाऊंग, इस बात का मुझे विश्वास है.

प्रश्न : अब आपका फोकस क्या है?

उत्तर : सिर्फ और सिर्फ पैराओलंपिक्स.

साभार- आयुष्मान पांडे

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