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टोक्यो ओलंपिक से पहले अपनी फिटनेस सुधारने में जुटे साई प्रणीत

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Published : Apr 22, 2021, 4:09 PM IST

B Saipraneeth starts preparing for Tokyo olympics
B Saipraneeth starts preparing for Tokyo olympics

प्रणीत ने ओलंपिक चैनल से कहा, "मैंने बिना किसी गलती के अपना तीन सप्ताह का समय बर्बाद कर दिया. मानसिक रूप से ये बहुत भार डालने वाला है. हर टूर्नामेंट में आपको कई बार कोविड टेस्ट करवाना होता है. परिणाम कभी-कभी गलत भी होते हैं."

नई दिल्ली: बी.साई प्रणीत टोक्यो ओलंपिक में सीधे क्वालीफिकेशन में दावेदारी करने वाले भारत के अकेले बैडमिंटन खिलाड़ी हैं. टोक्यो की दौड़ में उनका दावा ओलंपिक क्वालीफिकेशन सूची में उनकी रैंकिंग (13) के माध्यम से है. बैंकॉक में साल की शुरूआत परेशानी भरी रही, इसके बाद उन्होंने योनेक्स थाईलैंड ओपन में उन्हें नीची रैंक वाले कांताफॉन वांगचारोएन ने 32-राउंड में बाहर कर दिया.

वो कोविड-19 टेस्ट पॉजीटिव आने के बाद टोयोटा थाईलैंड ओपन में भाग नहीं ले सके.

प्रणीत ने ओलंपिक चैनल से कहा, "मैंने बिना किसी गलती के अपना तीन सप्ताह का समय बर्बाद कर दिया. मानसिक रूप से ये बहुत भार डालने वाला है. हर टूर्नामेंट में आपको कई बार कोविड टेस्ट करवाना होता है. परिणाम कभी-कभी गलत भी होते हैं."

भारत लौटने के बाद उन्होंने कड़ी मेहनत की और बाद की प्रतियोगिताओं जैसे कि स्विस ओपन और प्रतिष्ठित ऑल इंग्लैंड ओपन पर अपनी निगाहें टिका दीं. उन्होंने बासेल में क्वार्टर फाइनल तक पहुंच कर अच्छा प्रदर्शन किया. लेकिन एक बार फिर ब्रिटेन में ऑल इंग्लैंड ओपन में कोविड की स्थिति के कारण चीजों ने एक खतरनाक मोड़ ले लिया.

उन्होंने कहा, "हम नहीं जानते थे कि क्या वो हमें अंतिम क्षण तक खेलने की अनुमति देंगे. हम तीन दिनों तक कमरे में बंद रहे और वहां से सीधे मैच खेलने के लिए गए."

लेकिन, प्रणीत में जंग खाने जैसे कोई लक्षण नहीं दिखे. उन्होंने पहले दौर में अपने प्रतिद्वंद्वी को पीछे छोड़ दिया और स्विस खिलाड़ी विक्टर एक्सेलसेन से ऊपर आ गए.

पहले सेट में उन्होंने दुनिया में नंबर 2 खिलाड़ी को 21-15 से हराया और दूसरे में उन्होंने 5-0 से बढ़त बनाई. हालांकि, भारतीय खिलाड़ी की थकान ने एक्सेलसेन को वापसी करने का मौका दिया और यहां तक कि वो मैच जीतने में कामयाब रहे.

उन्होंने कहा, "ऑल इंग्लैंड टूर्नामेंट में मेरे लिए फिटनेस एक परेशानी का विषय था. यदि सब कुछ आसानी से चलता और मैं अच्छी शेप में होता, तो मैं बहुत बेहतर खेल सकता था."

हार से सबक लेते हुए प्रणीत ने टोक्यो की यात्रा से पहले अपनी फिटनेस में सुधार करने पर ध्यान केंद्रित किया है. क्योंकि, उन्हें लगता है कि तकनीकी रूप से उनके और दुनिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों के बीच ज्यादा अंतर नहीं है.

उन्होंने कहा, "मुझे अपने खेल से ज्यादा समस्या नजर नहीं आती, लेकिन मुझे और फिट रहने की जरूरत है. अगर मैं फिट रहता हूं तो बैडमिंटन का स्तर एक-दो पायदान ऊपर चला जाएगा. ऐसा नहीं है कि इससे मैं उन्हें हरा दूंगा. लेकिन, निश्चित रूप से मेरे पास शीर्ष तीन के खिलाफ जीतने के अधिक मौके होंगे."

इससे पहले प्रणीत ने अपने करियर में ली चोंग वेई, ली जुनहुई जैसे कुछ बड़े दिग्गजों को हराया था. यदि 28 वर्षीय व्यक्ति रूप से फिट रहते हैं और उनकी रणनीति सही से काम करती है, तो टोक्यो में कार्ड पर कुछ उतार-चढ़ाव हो सकते हैं.

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