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IIT-ISM Dhanbad धनबाद के वैज्ञानिकों ने खोज लिया प्लास्टिक का इको फ्रेंडली विकल्प, ये हैं इसके फायदे

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Published : Jun 17, 2023, 10:44 AM IST

IIT ISM Dhanbad scientists find eco-friendly alternative to plastic
IIT-ISM Dhanbad धनबाद

आईआईटी-आईएसएम धनबाद के दो वैज्ञानिकों का प्रयास रंग लाया है, क्योंकि दोनों ने लंबी मेहनत के बाद प्लास्टिक का इको फ्रेंडली विकल्प ढूंढ़ लिया है..जानिए कैसा है वह विकल्प

धनबाद : आईआईटी-आईएसएम धनबाद के दो वैज्ञानिकों ने लंबे रिसर्च के बाद प्लास्टिक का इको फ्रेंडली विकल्प ढूंढ़ लिया है. वैज्ञानिकों की मानें तो इसकी लागत प्लास्टिक से कम तो होगी ही, यह गुणवत्ता और उपयोगिता की दृष्टि से भी बेहतर होगा. इस उत्पाद का लैब परीक्षण कर लिया गया है. इस रिसर्च का पेटेंट नवंबर 2022 में ही करा लिया गया था.

दरअसल, यह नया उत्पाद जूट का है, जिसे वाटर रेसिस्टेंट बनाया गया है. यानी यह पानी से नहीं भीगेगा. इसमें खाने की सामग्री, चिप्स, शैंपू, लिक्विड आदि की सुरक्षित और टिकाऊ पैकिंग की जा सकेगी. इसमें रखे अनाज और अन्य सामग्री बाहर की नमी से सुरक्षित रहेगी.

IIT ISM Dhanbad scientists find eco-friendly alternative to plastic
IIT-ISM Dhanbad धनबाद के दोनों वैज्ञानिक प्रोफेसर डॉ. आदित्य कुमार और रिसर्च स्कॉलर डॉ. पूनम चौहान

इस उत्पाद को विकसित करने में डिपार्टमेंट ऑफ केमिकल इंजीनियरिंग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. आदित्य कुमार और रिसर्च स्कॉलर डॉ. पूनम चौहान की टीम ने काफी मेहनत की है. उन्होंने लगभग ढाई वर्ष के रिसर्च के बाद इसे विकसित किया है. उन्होंने कहा कि, हमारी कोशिश रही कि पर्यावरण के लिए बड़ी समस्या बन चुकी प्लास्टिक के स्थान पर ऐसा प्रोडक्ट बनाया जाए ताकि उसे रिप्लेस किया जा सके.

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प्रो. आदित्य के मुताबिक, रिसर्च में सस्ती सामग्री का उपयोग किया गया है. जूट पर प्रसार विधि से केमिकल का छिड़काव किया गया. इस प्रक्रिया में किसी भी बड़े उपकरण का प्रयोग नहीं किया गया है. कोटिंग में उपयोग की गई सामग्री बायो डिग्रेडेबल और पर्यावरण के अनुकूल है. इसका मानव के स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा. कोटिंग की लागत 70 रुपए लीटर होगी. रिसर्च में वाटर रेसिस्टेंट जूट का उत्पादन व्यावसायिक स्तर पर करने की संभावनाओं के बारे में भी रोशनी डाली गई है.

--आईएएनएस

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