नई दिल्ली: देश की राजधानी में बीते दिनों में हुई हत्याओं ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं. बता दें कि महज 24 घंटे के भीतर राजधानी के अलग-अलग इलाकों में छह लोगों की हत्या कर दी गई.
जब इसे लेकर सवाल उठाए गए तो दिल्ली पुलिस की तरफ से तर्क दिया गया कि सभी हत्याओं को रंजिश के चलते अंजाम दिया गया है.
बता दें कि राजधानी में होने वाली 35 फीसदी से ज्यादा हत्याओं का कारण आपसी रंजिश है और ऐसी हत्याओं को रोकने में पूरी तरह से पुलिस नाकाम रही है.
35 फीसदी हत्याओं का कारण आपसी रंजिश
मिली जानकारी के अनुसार इस वर्ष 31 मई तक 211 हत्याओं को दिल्ली में अंजाम दिया गया है. इनमें से लगभग 35 फीसदी हत्याओं का कारण आपसी रंजिश रही है. यह रंजिश विभिन्न कारणों से रहती है. लेकिन इस तरह की हत्या को पुलिस नहीं रोक पा रही है. हत्याओं के यह आंकड़ा बताता है कि दिल्ली में लोगों के अंदर कितना गुस्सा भरा हुआ है. अकेले जून माह की बात करें तो रंजिश के चलते दिल्ली में 10 से ज्यादा हत्याएं हो चुकी हैं.
गैंगवार ने बढ़ाई पुलिस की परेशानी
रंजिश के चलते हो रही हत्याओं में गैंगवार एक अहम हिस्सा है. राजधानी में एक दर्जन से ज्यादा ऐसे गैंग हैं. जो अपने वर्चस्व के लिए आपस में लड़ रहे हैं. यह समय-समय पर एक-दूसरे गैंग के गुर्गों को मारते रहते हैं.
वर्ष 2018 में जहां राजधानी में इस तरह की रंजिश की 20 से ज्यादा वारदातें हुई थीं. वहीं इस वर्ष भी एक दर्जन से ज्यादा ऐसी हत्याएं हो चुकी हैं. इस तरह की गैंगवार को रोकने में भी पुलिस फेल साबित हुई है.
रंजिश के चलते बीते वर्ष हुई 180 हत्याएं
वर्ष 2018 में सबसे ज्यादा 180 हत्या की वारदातें दुश्मनी या विवाद के चलते अंजाम दी गई. अब पुलिस के लिए इस तरह की हत्या को रोकना बहुत ही मुश्किल होता दिख रहा है.
वर्ष 2018 में लगभग 20 वारदातें तो केवल गैंगवार के चलते अंजाम दी गई. ऐसी कई हत्या की वारदातें जहां बाहरी दिल्ली में नजफगढ़ की तरफ अलग-अलग गैंग के बीच हुई तो वहीं दूसरी तरफ जितेंद्र गोगी और टिल्लू गैंग के बीच कई हत्याओं को अंजाम दिया गया.