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युद्ध के पांच साल बाद भी भुखमरी से जूझ रहा यमन

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Published : Sep 18, 2020, 11:20 AM IST

यमन में लोग भुखमरी की कगार पर पहुंच गए हैं. इससे सबसे ज्यादा प्रभावित हैं. कुपोषण से कई बच्चों की मौत हो रही है. युद्ध के करण देश को संसाधनों में कमी आ गई है.

hunger in yemen
यमन में भुखमरी

सना : यमन को बर्बाद करने वाले युद्ध के पांच साल बाद भी देश के अस्पतालों में बच्चे प्रतिदिन कुपोषण से मर रहे हैं. ब्रिटिश प्रसारक स्काई द्वारा दिखाए गए एक बाल चिकित्सा वार्ड में साफ देखा जा सकता है कि एक मां अपने कुपोषित बच्चों के साथ बैठी हुई है.

जहरा मोहम्मद पहले ही एक बेटी को खो चुकी हैं. उनका कहना है कि वह अपनी दूसरी बेटी को नहीं खोना चाहतीं. ऐसा ही एक मामला अस्पताल में सामने आया जहां कुपोषण के चलते एक बच्चे की मौत हो गई.

भुखमरी और कुपोषण से जूझ रहा यमन

कुपोषण के चलते हो रही मौतों को कुपोषण जैसी समस्या को समाप्त करके ही रोका जा सकता है. इसके लिए पर्याप्त भोजन का होना अति आवश्यक है.

2014 के बाद से यमन में चल रहे संघर्षों ने अब तक एक लाख से अधिक लोगों की जान ले ली है. राष्ट्र में कोरोना वायरस महामारी का प्रकोप भी बढ़ता जा रहा है. यहां अब तक कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 2,000 से अधिक हो गई है.

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने गुरुवार को एक उच्च-स्तरीय बैठक में कहा कि यह अनुमान है कि 'युद्ध ने यमन देश की सुविधाओं और संसाधनों को कम कर दिया है.'

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उन्होंने कहा कि युद्ध के पांच साल बाद भी अफ्रीका के सबसे गरीब देश यमन में विकास नहीं हो रहा है और इसने राज्य को पतन के कगार पर लाकर छोड़ दिया है.

गुटेरेस ने कहा कि महामारी से निपटने के लिए एक वैश्विक संघर्ष विराम के लिए 23 मार्च को उनके आह्वान पर युद्धरत दलों द्वारा समर्थन के शुरुआती भाव के बावजूद, संघर्ष जारी है और हाल के हफ्तों में, संघर्ष दुर्भाग्य से और बढ़ गया है.

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