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इजरायल जैसे देश के लिए चुनौती बने हमास की पूरी कहानी

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Published : May 19, 2021, 7:55 PM IST

इजरायल और फिलिस्तीन के बीच जंग एक बार फिर चरम पर पहुंच गई है. इस बार भी हमास का नाम इस जंग में प्रमुख रूप से सामने आ रहा है. हमास के इतिहास से लेकर इजरायल से जंग में हमास की भूमिका को जानने के लिए पढ़िये पूरी ख़बर

हमास
हमास

हैदराबाद: इजरायल और फिलिस्तीन के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया क्योंकि हमास के रॉकेट हमलों और इजरायल के हवाई हमलों के बाद एक युद्ध शुरू हो गया. वो भी तब जब दुनियाभर के देश कोविड-19 के खिलाफ पहले से ही जंग लड़ रहे हैं. हमास के रॉकेट हमलों ने गाजा पट्टी के करीब एक इजरायली शहर अशकलोन और तेल अवीव को निशाना बनाया, जिसमें इजरायल में काम करने वाली एक भारतीय महिला समेत पांच लोगों की मौत हुई. हमलों के परिणामस्वरूप हमास के कई शीरष् कमांडर भी मारे गए, इसकी घोषणा खुद आतंकी समूह और इजरायल ने भी की थी. इजरायली मीडिया के अनुसार, हमास ने गाजा से 3,350 से अधिक रॉकेट दागे हैं जिनमें से 200 अकेले सोमवार को दागे गए. इजरायल के हमलों में कम से कम 130 आतंकी मारे गए हैं. गाजा में मरने वालों का आंकड़ा 200 के पार पहुंच गया है जिसमें 61 बच्चे और 36 महिलाएं सामिल हैं, जबकि इजरायल में दो बच्चों समेत 10 लोगों की मौत हुई है.

हमास (HAMAS) क्या है ?

मौजूदा इजरायल और फिलिस्तीन की जंग और इन दोनों देशों में पहले भी कई बार हुए संघर्ष हमास के जिक्र के बिना अधूरे हैं. जर्मन मीडिया ने हमास को एक कट्टरपंथी इस्लामी संगठन बताया था. मौजूदा दौर में इजरायल और गाजा के बीच भड़की जंग में मीडिया हमास को एक इस्लामी आतंकवादी समूह के रूप में दिखा रहा है. यूरोपीयन यूनियन और संयुक्त राज्य अमेरिका समेत अधिकांश पश्चिमी सरकारों में इसे एक आंतकवादी संगठन के रूप में वर्गीकृत किया है. नॉर्वे और स्विटजरलैंड इस मामले में अपवाद हैं क्योंकि दोनों ने इसपर तटस्थ स्थिति बनाई हुई है क्योंकि वो इसे साल 2007 से गाजा पट्टी पर शासन करने वाले संगठन के रूप में देखती है और राजनयिक संबंध भी बनाए हुए हैं.

हमास का इतिहास

हमास, हरकत अल-मुकावामा अल-इस्लामिया या अंग्रेजी इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन, फिलिस्तीनी राष्ट्रवादी उग्रवादी और वेस्ट बैंक और गाजा पट्टी में इस्लामी आंदोलन का संक्षिप्त नाम है. जो ऐतिहासिक फिलिस्तीन में एक स्वतंत्र इस्लामी राज्य की स्थापना के लिए समर्पित है.

-बात 1978 की है, जब यासीन ने बड़े पैमाने पर अनुयायियों के साथ यात्रा एक संगठन की स्थापना की. जिसे 'इस्लामिक कंपाउंड' के नाम से जाना गया. उन्होंने मिस्र के मुस्लिम ब्रदरहुड और गाजा, हेब्रोन, नब्लस और यरुशलम में अन्य इस्लामी समूहों का समर्थन और सहयोग प्राप्त किया.

-जैसे ही इजराइल और फिलिस्तीन के बीच संघर्ष बढ़ता गया, पहले इंतिफादा या विद्रोह का सहारा लिया. दिसंबर 1987 में, सुन्नी-इस्लामी कट्टरपंथियों के नेतृत्व में एक संगठन के रूप में हमास ने आकार लेना शुरू कर दिया.

-यासीन अब फिलिस्तीन का निर्विवादित नेता बन गया था. जिसने हमास बनाने के लिए गाजा में इस्लामिक विश्वविद्यालय से शेख सलाहा शेहादा, राफिया के एक इंजीनियर इस्सा अल नस्सार और अन्य लोगों के बीच एक हेडमास्टर अब्दुल फत्ताह दोखान जैसे अन्य लोगों का सहयोग लिया.

-1988 में पहले इंतिफादा के चरम के साथ, पीएलओ ने विद्रोह को भुनाने के लिए इजरायल के अस्तित्व के अधिकार को मान्यता देते हुए स्वतंत्रता की घोषणा की.

-1993 में, यासिर अराफात ने इजरायल के साथ शांति को लेकर ओस्लो समझौते पर हस्ताक्षर कर, 1987 में शुरू हुए पहले इंतिफादा को समाप्त किया. लेकिन हमास ने शांति प्रक्रिया को खारिज कर दिया और इजरायल के खिलाफ अपने आतंकी हमलों को जारी रखा.

-2004 में एक इजरायली हमले में यासीन की हत्या कर दी गई, लेकिन यासीन के आंदोलन को उसके डिप्टी अब्देल अजीज अल-रंतिसी ने पूरी ताकत के साथ जारी रखा. उसे 'फिलिस्तीन का शेर' भी कहा जाता था.

-साल 2006 में गाजा के आम चुनावों में हमास को पूर्ण बहुमत मिला.

-साल 2007 में, एक हिंसक तख्तापलट के जरिये तटीय इलाकों में भी अपनी पकड़ मजबूत कर ली. तबसे वेस्ट बैंक को महमूद अब्बास के अधीन उदारवादी फतह पार्टी द्वारा नियंत्रित किया गया है, जबकि गाजा हमास के नियंत्रण में रहा है.

-हमास ने गाजा पट्टी से इजरायल के खिलाफ युद्ध जारी रखा. हमास का दावा है कि वो अपनी आत्मरक्षा कर रहा है. हमास ने साल 2008/09, 2012 और 2014 में इजरायल के सशस्त्र बलों के खिलाफ युद्ध किया.

-मौजूदा वक्त में, हमास की कमान इस्माइल अब्देल सलाम अहमद हनियाह के हाथ है. जो संगठन के राजनीतिक विंग का प्रमुख और यासीन का करीबी सहयोगी माना जाता है.

हमास और इजरायल की ताकत की तुलना

ताकत की तुलना में हमास का इजरायल से कोई मुकाबला नहीं है. हथियारों के मामले में इजरायल आज दुनिया के सबसे ताकतवार देशों में शुमार है. हथियारों के मामले में ताकतवर माने जाने वाले कुछ देश इजरायल से हथियार खरीदते हैं. इससे इजरायल के हथियारों की ताकत का अंदाजा लगाया जा सकता है.

हमास के पास 180 किमी दूर तक मार करने वाली कुछ मिसालें हैं. जिनमें 122 एमएम रॉकेट, फजर-5 (75 किमी.), जे-80 (80 किमी.), जे-90 (90 किमी.), ए-120 (120 किमी.), आर-160 (160 किमी.), एम-302 (180 किमी.) शामिल हैं.

वहीं इजरायल के पास मजबूत रक्षा प्रणाली, टैंक और मिसालइलें हैं. इजरायल के पास 3501 टैंक, 3 सबमरीन, 1400 किमी तक मार करने वाली जैरिको मिसइल, 2800 किमी तक मार करने वाली जैरिको-2 मिसाइल, 5600 किमी. तक मार करने वाली जैरिको-3 मिसाल के अलावा कई लडाकू विमान हैं.

गाजा पट्टी में स्थिति क्या है ?

गाजा पट्टी दुनिया के सबसे घनी आबादी वाले क्षेत्रों में से एक है. समुद्री सीमा के अलावा इजरायल और मिस्र से इसकी सीमाएं लगती हैं. लेकिन अर्थव्यस्था के मामले में इसकी स्थिति बहुत बुरी है. गाजा की आबादी का बड़ा हिस्सा बहुत गरीब है और विदेशी सहायता पर निर्भर रहता है.

-2005 की शुरुआत में पीए के अध्यक्ष महमूद अब्बास और इजरायल के प्रधानमंत्री एरियल शेरोन ने दुश्मनी को खत्म करने की घोषणा की क्योंकि इजराइल कुछ फिलिस्तीनी क्षेत्रों से सैनिकों को वापस बुलाने के लिए तैयार था.

-2006 के फ़िलिस्तीनी विधान परिषद के चुनावों में, हमास ने फ़तह पर आश्चर्यजनक जीत हासिल की और अधिकांश सीटों पर कब्जा कर लिया. दोनों समूहों ने अंततः एक गठबंधन सरकार बनाई, जिसमें हमास के इस्माइल हनीयेह प्रधानमंत्री बने.

-2007 में हमास का गाजा पट्टी जबकि फतह के नेतृत्व वाले आपातकालीन कैबिनेट के पास वेस्ट बैंक का नियंत्रण था.

-अप्रैल 2011 में हमास और फतह के अधिकारियों ने घोषणा कर दी कि दोनों पक्ष मिस्र द्वारा मध्यस्थता से बातचीत में एक सुलह समझौते पर पहुंच गए हैं.

-2012 की शुरुआत में हमास के नेताओं ने सीरिया को मिस्र और कतर के लिए छोड़ दिया और फिर सार्वजनिक रूप से सीरियाई विपक्ष को अपना समर्थन दे दिया. हमास के लिए ईरानी समर्थन, जो कुछ अनुमानों के अनुसार प्रति वर्ष $200 मिलियन से अधिक था, बहुत कम हो गया था.

-गाजा पट्टी में हमास सरकार, जो अभी भी ईरानी सहायता में कटौती के बाद संघर्ष कर रही है, 2013 में मिस्र के राष्ट्रपति के प्रशासन के समय और भी अधिक वित्तीय दबाव में थी.

-2013 के अंत तक हमास गाजा पट्टी में सार्वजनिक क्षेत्र के कर्मचारियों के वेतन का भुगतान करने के लिए संघर्ष कर रहा था.

-अप्रैल 2014 में हमास गाजा पट्टी में अपने शासकीय भूमिका को पूरी तरह से त्याग दिया और गैर-पक्षपाती मंत्रियों से बनी एक नई पीए कैबिनेट के गठन के लिए फतह से सहमति जताई.

-हमास ने इस क्षेत्र पर हुकूमत जारी रही, यहां तक ​​कि 2017 में एक अंतरिम प्रशासनिक समिति का गठन भी किया. हमास अक्सर रिहायशी इलाकों से इजरायल पर रॉकेट दागता है और अपार्टमेंट ब्लॉकों में कमांड पोस्ट संचालित करता है. इस तरह वो नागरिकों को मानव ढाल के रूप में उपयोग करता है.

-हमास मुख्य रूप से मिस्र से हथियारों की तस्करी के लिए गुप्त रूप से भूमिगत सुरंग खोदता है, हालांकि मिस्र की सरकार इस गतिविधि पर नकेल कसती रही है.

हमास के समर्थक

-कतर हमास का सबसे महत्वपूर्ण वित्तीय समर्थक और विदेशी सहयोगी है. कतरी अमीर शेख हमद बिन खलीफा अल-थानी 2012 में हमास सरकार का दौरा करने वाले किसी देश के पहले नेता थे.

-अब तक, अमीरात ने हमास को 1.5 बिलियन यूरो (1.8 बिलियन डॉलर) दे चुका है.

-हमास को तुर्की का भी समर्थन प्राप्त है. हमास द्वारा इजरायल के खिलाफ रॉकेट हमले शुरू करने से ठीक पहले बातचीत में, तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन ने हमास के नेता इस्माइल हनीयेह के लिए राजनीतिक समर्थन व्यक्त किया.

इजरायल के साथ संघर्ष

-2007 में हमास द्वारा गाजा पट्टी पर नियंत्रण करने के बाद, इजराइल ने हमास के तहत गाजा पट्टी को एक शत्रु घोषित कर कई प्रतिबंध लगा दिए. जिसमें बिजली कटौती, आयात प्रतिबंध और बॉर्डर बंद करने जैसे फैसले शामिल थे.

-जून 2008 में इजरायल और हमास पिछले 6 महीनों से निर्धारित संघर्ष विराम को लागू करने पर सहमत हुए. हालांकि ये युद्ध विराम कुछ वक्त में ही खतरे में आ गया क्योंकि दोनों तरफ से युद्ध विराम के उल्लंघन के आरोप लगने लगे.

-तीन सप्ताह से अधिक के युद्ध में करीब 100 से अधिक लोगों की मौत हुई जबकि हजारों लोग घायल हुए. इजरायल और हमास ने एक तरफ संघर्ष विराम की घोषण की.

-14 नवंबर, 2012, 'इज़ अल-दीन अल-क़सम बलों के प्रमुख, अहमद सईद खलील अल-जबरी प्रारंभिक हमले में मारे गए थे.

-2014 में 12 जून को वेस्ट बैंक में तीन इजरायली किशोरों के लापता होने के बाद इजरायल और हमास के बीच तनाव बढ़ गया था.

-इजरायली सुरक्षा बलों ने लापता लड़कों की तलाश के लिए और हमास के साथ अन्य आतंकवादी समूहों के सदस्यों पर नकेल कसने के लिए वेस्ट बैंक में बड़े पैमाने पर अभियान चलाया. वेस्ट बैंक में हमास के कई नेताओं सहित सैकड़ों फिलिस्तीनियों को आतंकवादियों से संबंधों के संदेह में गिरफ्तार किया गया था. 30 जून को तीनों लड़के हेब्रोन के बाहर वेस्ट बैंक में मृत पाए गए.

-अगस्त की शुरुआत में इजरायल के नेताओं ने जमीनी अभियान पूरा होने की घोषणा कर दी और इजरायली सैनिकों और टैंकों को गाजा पट्टी से वापस बुला लिया.

-संघर्ष के दौरान कई छोटे-छोटे संघर्ष विराम के लिए सहमत होने के बाद, इजरायल और फिलिस्तीनी नेताओं ने अगस्त के अंत में एक अंतिम संघर्ष विराम पर पहुंच गए.

-2,100 से अधिक अनुमानिक फिलीस्तीनियों की मौत और गाजा पट्टी में व्यापक नुकसान के बावजूद, हमास के नेताओं ने इजरायल के हमलों का सामना करने की अपनी क्षमता को श्रेय दिया और जीत की घोषणा कर दी.

-साल 2018, गाजा में बॉर्डर पर कई विरोध प्रदर्शन हुए जिसमें प्रदर्शनकारियों ने इजरायल में सीमा पार करने का प्रयास किया और आग लगाने वाली पतंग और गुब्बारे इजरायल में भेजे. स्थिति 14 मई को चरम पर पहुंच गई जब लगभग 40,000 लोगों ने विरोध प्रदर्शन में भाग लिया. लगभग 60 लोगों की मौत हो गई और करीब 2,700 लोग घायल हो गए.

-मई 2021 में यरुशलम में जो तनाव बढ़ा वो 2014 के बाद हुई सबसे बड़ी हिंसा थी. इजरायली पुलिस और फिलिस्तीनी प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पों के बाद सैकड़ों लोग घायल हो गए, हमास ने प्रतिक्रिया में यरूशलेम और दक्षिणी, मध्य इजरायल में रॉकेट लॉन्च किए जिसके बाद इजरायल ने हवाई हमले किए.

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