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अमेरिका समेत 10 राजदूतों पर तुर्की की सख्ती, एर्दोआन ने दिए हटाने के आदेश

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Published : Oct 24, 2021, 2:24 PM IST

तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन ने शनिवार को कहा कि उन्होंने 10 विदेशी राजदूतों को 'अवांछित व्यक्ति' घोषित करने का आदेश दिया जिन्होंने जेल में बंद एक परोपकारी कारोबारी की रिहाई की मांग की है. 10 देशों के राजदूतों ने इस सप्ताह की शुरुआत में एक बयान जारी कर मामलों के निस्तारण की मांग की है जो एक अपराध के मामले में दोषी करार नहीं दिये जाने के बाद भी 2017 से जेल में हैं.

एर्दोआन ने अमेरिकी राजदूत समेत 10 राजदूतों को हटाने का आदेश दिया
एर्दोआन ने अमेरिकी राजदूत समेत 10 राजदूतों को हटाने का आदेश दिया

इस्तांबुल : तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन ने शनिवार को कहा कि उन्होंने 10 विदेशी राजदूतों को 'अवांछित व्यक्ति' घोषित करने का आदेश दिया जिन्होंने जेल में बंद एक परोपकारी कारोबारी की रिहाई की मांग की है.अंकारा में अमेरिका, फ्रांस और जर्मनी समेत दस देशों के राजदूतों ने इस सप्ताह की शुरुआत में एक बयान जारी कर कारोबारी और परोपकारी उस्मान कवाला के मामले के निस्तारण की मांग की है जो एक अपराध के मामले में दोषी करार नहीं दिये जाने के बाद भी 2017 से जेल में हैं. बयान को 'धृष्टता' करार देते हुए एर्दोआन ने कहा कि उन्होंने राजदूतों को अवांछित घोषित करने का आदेश दिया है.

उन्होंने एक रैली में कहा, 'मैंने अपने विदेश मंत्री को निर्देश दिया और कहा कि आप इन 10 राजदूतों को अवांछित व्यक्ति घोषित करने के विषय को तत्काल संभालें.' एर्दोआन ने कहा, 'वे तुर्की को पहचानेंगे, जानेंगे और समझेंगे. जिस दिन वे तुर्की को नहीं समझेंगे, वे यहां से चले जाएंगे.' राजदूतों में नीदरलैंड, कनाडा, डेनमार्क, स्वीडन, फिनलैंड, नॉर्वे और न्यूजीलैंड के राजनयिक भी शामिल हैं.

उन्हें मंगलवार को विदेश मंत्रालय में तलब किया गया था. किसी राजनयिक को 'पर्सोन नॉन ग्रेटा'(अवांछित व्यक्ति) घोषित करने का आशय सामान्य रूप से होता है कि व्यक्ति के उसके मेजबान देश में आगे बने रहने पर प्रतिबंध होता है.

कवाला (64) को 2013 में राष्ट्रव्यापी सरकार विरोधी प्रदर्शनों से जुड़े आरोपों में पिछले साल बरी कर दिया गया था, लेकिन फैसले को बदल दिया गया और इसमें 2016 के सत्तापलट के प्रयासों से जुड़े आरोपों को शामिल कर दिया गया.

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अंतरराष्ट्रीय पयर्वेक्षकों और मानवाधिकार समूहों ने कई बार कवाला और कुर्द राजनेता सेलाहत्तिन डेमिरतस की रिहाई की मांग की. यूरोप की मानवाधिकार अदालत ने 2019 में कवाला की रिहाई की मांग करते हुए कहा था कि उनका दोष साबित करने के लिए कोई सबूत नहीं है और उन्हें कैद में उनका मुंह बंद करने की खातिर रखा गया है. 'द काउंसिल ऑफ यूरोप' ने कहा था कि कवाला को रिहा नहीं किया जाता तो वह नवंबर में तुर्की के खिलाफ कार्रवाई करेगा.

(पीटीआई-भाषा)

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