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श्रीलंका की सत्ता पर काबिज होने की कोशिश में हैं फासीवादी ताकतें : विक्रमसिंघे

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Published : Jul 13, 2022, 5:32 PM IST

श्रीलंका के कार्यवाहक राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने कहा कि देश में फासीवादी ताकतें हावी हो रहीं हैं. वे प्रदर्शन की आड़ में श्रीलंका को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने सैन्य कमांडरों और पुलिस प्रमुख को आदेश दिया है कि व्यवस्था बहाल करने के लिए जो कुछ जरूरी है, किया जाए.

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रानिल विक्रमसिंघे, श्रीलंका के कार्यवाहक राष्ट्रपति

कोलंबो : श्रीलंका के कार्यवाहक राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने बुधवार को कहा कि देश के लोकतंत्र को फासीवाद से खतरा है. उन्होंने अपने कार्यालय में सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों के धावा बोलने के कुछ घंटे बाद सामान्य स्थिति बहाल करने तथा सरकारी संपत्ति को बचाने का संकल्प व्यक्त किया.

गोटबाया राजपक्षे के मालदीव जाने के बाद राष्ट्रपति नियुक्त किये गये विक्रमसिंघे ने अपने पहले टेलीविजन भाषण में कहा कि उन्होंने सैन्य कमांडरों और पुलिस प्रमुख को आदेश दिया है कि व्यवस्था बहाल करने के लिए जो कुछ जरूरी है, किया जाए.

उन्होंने कहा, 'हमें लोकतंत्र पर मंडरा रहे इस फासीवादी खतरे को समाप्त करना चाहिए. हम सरकारी संपत्ति को बर्बाद नहीं होने दे सकते. राष्ट्रपति कार्यालय, राष्ट्रपति सचिवालय और प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास में उचित सुरक्षा बहाल होनी चाहिए.'

उन्होंने कहा, 'मेरे कार्यालय में मौजूद लोग कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में जिम्मेदारी अदा करने से मुझे रोकना चाहते हैं. हम उन्हें अपना संविधान फाड़ने नहीं दे सकते. कुछ मुख्यधारा के राजनेता भी इन उग्रवादियों का समर्थन करते प्रतीत होते हैं. इसलिए मैंने राष्ट्रव्यापी आपातकाल और कर्फ्यू की घोषणा की है.'

विक्रमसिंघे ने कहा कि उन्होंने सैन्य कमांडरों और पुलिस प्रमुख को आदेश दिया है कि व्यवस्था बहाल करने के लिए जो कुछ जरूरी है, किया जाए. उन्होंने कहा कि उनके दफ्तर में प्रदर्शनकारियों के धावा बोलने के बाद वह कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में पश्चिमी प्रांत में आपातकाल और कर्फ्यू की घोषणा कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि खुफिया जानकारी के अनुसार प्रदर्शनकारियों की योजना उनके कार्यालय और संसद पर कब्जा करने की थी जिसके बाद आपातकाल लगाना पड़ा. प्रदर्शनकारी देश में सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए राजपक्षे और विक्रमसिंघे दोनों के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं.

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(PTI)

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