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मस्जिद पहुंचे पुतिन, कहा- रूस में कुरान का अपमान करने वाले को दिया जाता है दंड

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Published : Jun 29, 2023, 10:25 PM IST

Russian President Vladimir Putin
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन

स्वीडन में कुरान जलाए जाने की घटना सामने आई है (Sweden Quran burning). इसके बाद इस्लामिक देशों ने स्वीडन की आलोचना की है. यही नहीं घटना के बाद मोरक्को ने स्टॉकहोम में अपने राजदूत को वापस बुला लिया. उधर, रूस के राष्ट्रपति डर्बेंट की ऐतिहासिक मस्जिद पहुंचे. इस दौरान पुतिन ने कहा कि रूस में ऐसे कृत्य को अपराध की श्रेणी में रखा जाता है और दंड दिया जाता है.

डर्बेंट (रूस) : स्वीडन में कुरान जलाए जाने की कई देशों ने निंदा की है (burning of Quran in Sweden). इस बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Russian President Vladimir Putin) ने बुधवार को कहा कि कुछ देशों में कुरान के अपमान को अपराध के रूप में नहीं देखा जाता है लेकिन रूस में इसके लिए दंड दिया जाता है. उन्होंने कहा, 'हमारे देश में यह संविधान और दंड संहिता दोनों के अनुसार अपराध है.'

पुतिन रूसी संघ के दागिस्तान स्वायत्त गणराज्य के डर्बेंट में थे जहां उन्होंने डर्बेंट की ऐतिहासिक मस्जिद का दौरा किया और दागिस्तान के मुस्लिम प्रतिनिधियों से मुलाकात की. रूसी नेता को मुसलमानों की पवित्र पुस्तक कुरान की एक प्रति उपहार में दी गई. उन्होंने उपहार के लिए प्रतिनिधियों को धन्यवाद देते हुए कहा, 'कुरान मुसलमानों के लिए पवित्र है और दूसरों के लिए भी पवित्र होना चाहिए. हम हमेशा इन नियमों का पालन करेंगे.'

ये है मामला : कई साल पहले स्वीडन भाग गए 37 वर्षीय सलवान मोमिका ने बुधवार को स्टॉकहोम की सबसे बड़ी मस्जिद के सामने कथित तौर पर कुरान के कई पन्नों को आग लगा दी. स्वीडिश राजधानी में पुलिस ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की सुरक्षा के तहत उसे विरोध प्रदर्शन की अनुमति दी थी, लेकिन बाद में कहा कि उन्होंने 'आंदोलन' को लेकर उस व्यक्ति की जांच शुरू कर दी है.

कई देशों ने की आलोचना : बगदाद में विदेश मंत्रालय ने कहा, 'ये घटनाएं दुनिया भर के मुसलमानों की भावनाओं को भड़काती हैं और उनके लिए खतरनाक उकसावे का प्रतिनिधित्व करती हैं.'

इराक के प्रभावशाली शिया मौलवी मुक्तदा सद्र ने राजदूत को हटाने की मांग के लिए बगदाद में स्वीडिश दूतावास के बाहर प्रदर्शन का आह्वान किया और आरोप लगाया कि उनका देश 'इस्लाम के प्रति शत्रुतापूर्ण' है. ईरान भी निंदा में शामिल हो गया और उसने कुरान जलाने को 'भड़काऊ, गैर-विचारणीय और अस्वीकार्य' बताया.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नासिर कनानी ने कहा, 'इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ ईरान की सरकार और लोग... इस तरह के अपमान को बर्दाश्त नहीं करते हैं और इसकी कड़ी निंदा करते हैं.'

उन्होंने कहा, 'स्वीडिश सरकार से अपेक्षा की जाती है कि वह पवित्र किताबों के अपमान की पुनरावृत्ति को रोकते हुए इस संबंध में जिम्मेदारी और जवाबदेही के सिद्धांत पर गंभीरता से विचार करेगी.'

सऊदी अरब ने भी कुरान जलाने की निंदा की. सऊदी विदेश मंत्रालय ने कहा, 'इन घृणित और बार-बार की जाने वाली हरकतों को किसी भी औचित्य के साथ स्वीकार नहीं किया जा सकता है.'

अरब के सबसे अधिक आबादी वाले देश मिस्र ने ईद के मौके पर कुरान जलाने को 'मुसलमानों की भावनाओं को भड़काने वाला अपमानजनक कृत्य' कहा. काहिरा स्थित अरब लीग ने इसे ' इस्लामी विश्वास के मूल पर हमला' करार दिया.

संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति सलाहकार अनवर गर्गश ने ट्वीट किया कि पश्चिम को 'यह महसूस करना चाहिए कि उसका वैल्यू सिस्टम... दुनिया पर थोपा नहीं जा सकता.'

कुवैत ने ऐसे 'शत्रुतापूर्ण कृत्यों' के अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाने और 'इस्लाम या किसी भी पवित्र विश्वास के खिलाफ शत्रुता को उचित ठहराने के लिए स्वतंत्रता के सिद्धांत का उपयोग करने से रोकने' का आह्वान किया.

मोरक्को ने राजदूत वापस बुलाया : कुरान जलाने की छह सदस्यीय खाड़ी सहयोग परिषद और मोरक्को ने भी निंदा की, जिसने स्टॉकहोम में अपने राजदूत को वापस बुला लिया. मोरक्को ने कहा कि 'यह नया आक्रामक और गैर-जिम्मेदाराना कृत्य मक्का की महान तीर्थयात्रा और ईद अल-अधा के पवित्र पर्व के इस पवित्र समय में एक अरब से अधिक मुसलमानों की भावनाओं की उपेक्षा करता है.'

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