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द कोरिया और जापान की ओर दागी गईं दो बैलिस्टिक मिसाइलें, ये है कारण

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Published : Jul 19, 2023, 10:14 AM IST

योनहाप समाचार एजेंसी ने सियोल की सेना के हवाले से बताया कि अमेरिका-दक्षिण कोरिया सुरक्षा वार्ता के उद्घाटन सत्र के एक दिन बाद, उत्तर कोरिया ने बुधवार को पूर्वी सागर में दो छोटी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं. दक्षिण कोरिया के ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ (जेसीएस) ने कहा कि सुबह 3:30 बजे से 3:46 बजे (स्थानीय समय) के बीच प्योंगयांग के सुनान क्षेत्र से प्रक्षेपणों का पता चला है. पढ़ें पूरी खबर...

Conflict North and South Korea
प्रतिकात्मक तस्वीर

सियोल: जापानी और दक्षिण कोरियाई सेनाओं ने बुधवार को दावा किया कि उत्तर कोरिया ने अपने पूर्वी समुद्र में दो बैलिस्टिक मिसाइलें दागी हैं. यह हमला दक्षिण कोरियाई बंदरगाह पर अमेरिका की परमाणु-सशस्त्र बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बी के पहुंचने के कुछ ही घंटों बाद किया गया. बता दें कि चार दशकों में पहली बार कोई अमेरिकी पनडुब्बी दक्षिण कोरियाई बंदरगाह पर पहुंची है. जापानी रक्षा मंत्रालय ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि बुधवार सुबह लॉन्च की गई दोनों मिसाइलें जापान के विशेष आर्थिक क्षेत्र के बाहर गिरीं.

दक्षिण कोरिया के ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ (जेसीएस) ने उत्तर कोरिया से ऐसे प्रक्षेपण बंद करने का आह्वान किया. जेसीएस ने एक बयान में कहा कि हम उत्तर कोरिया के लगातार बैलिस्टिक मिसाइल प्रक्षेपणों की कड़ी निंदा करते हैं. यह गंभीर उत्तेजक कृत्य हैं, जो कोरियाई प्रायद्वीप के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय समुदाय की शांति और स्थिरता को प्रभावित कर सकते हैं. उन्होंने याद दिलाया कि यह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का स्पष्ट उल्लंघन हैं.

जापानी रक्षा मंत्री यासुकाज़ु हमादा ने संवाददाताओं को बताया कि पहली मिसाइल 50 किमी (31 मील) की ऊंचाई तक पहुंची और 550 किमी (341 मील) की दूरी तय की. दूसरी मिसाइल 50 किमी की ऊंचाई तक पहुंची और 600 किमी (372 मील) तक उड़ान भरी. उन्होंने कहा कि जापान ने राजनयिक चैनलों के माध्यम से मिसाइल प्रक्षेपण के खिलाफ विरोध दर्ज कराया है.

यह प्रक्षेपण उत्तर कोरिया की अपनी बैलिस्टिक मिसाइल ह्वासोंग-18 के परीक्षण के लगभग एक सप्ताह बाद हुआ है. जिसके परीक्षण के बाद प्योंगयांग ने सख्त प्रतिक्रिया दी थी. उन्होंने अमेरिका और अन्य विरोधियों को चेतावनी भी दी थी. दक्षिण कोरिया की योनहाप समाचार एजेंसी ने बताया कि बुधवार को मिसाइल प्रक्षेपण सियोल और वाशिंगटन की परमाणु सलाहकार समूह (एनसीजी) की पहली बैठक के बाद हुआ.

योनहाप की रिपोर्ट के अनुसार, एक बैठक बुसान में एक नौसैनिक अड्डे पर यूएसएस केंटुकी के आगमन के साथ भी हुई. अमेरिकी सेना ने कहा कि उसे बुधवार सुबह मिसाइल प्रक्षेपण की जानकारी है. वह अपने सहयोगियों और साझेदारों के साथ करीब से सलाह-मशविरा कर रही है.

यूएस इंडो-पैसिफिक कमांड ने एक बयान में कहा कि ये प्रक्षेपण अमेरिका या उसके सहयोगियों के लिए तत्काल खतरा पैदा नहीं करते हैं. लेकिन ये घटनाएं उत्तर कोरिया के अवैध हथियार कार्यक्रम के अस्थिर प्रभाव को उजागर करती हैं. मंगलवार को अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना कर रहा एक अमेरिकी सैनिक अंतर-कोरियाई सीमा पार कर उत्तर कोरिया में भाग गया. वाशिंगटन ने कहा कि माना जाता है कि सैनिक उत्तर कोरिया की हिरासत में है, जिससे दोनों दुश्मन देशों के बीच एक नया संकट पैदा हो गया है.

सियोल में इवा विश्वविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय अध्ययन के प्रोफेसर लीफ-एरिक इस्ले ने कहा कि नवीनतम हमले का अमेरिकी पनडुब्बी के आगमन और दक्षिण कोरिया के लिए वाशिंगटन की विस्तारित निरोध पर बैठक से अधिक लेना-देना है. इस्ले ने एक बयान में कहा कि उत्तर कोरिया के बैलिस्टिक मिसाइलों की नवीनतम गोलीबारी का अमेरिकी सैनिक के अंतर-कोरियाई सीमा पार करने से कोई संबंध नहीं है.

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उन्होंने कहा कि जैसा कि प्योंगयांग दक्षिण कोरिया पर अपने परमाणु खतरों और क्षमताओं का दावा करना चाहता है, वह निस्संदेह सियोल और वाशिंगटन के परमाणु सलाहकार समूह और अमेरिकी परमाणु बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बी की यात्रा का विरोध करता है.

(एएनआई)

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