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Clashes in Palestinian refugee camps : लेबनान कैंप में फिलिस्तीनी गुटों के बीच तीसरे दिन भी घातक झड़पें, 11 की मौत

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Published : Aug 1, 2023, 11:06 AM IST

लेबनान में फिलिस्तीनी शरणार्थी शिविर में हिंसा भड़कने से अब तक कम से कम 11 लोगों की मौत हो चुकी है. प्रतिद्वंद्वी गुट सोमवार को लगातार तीसरे दिन दक्षिणी लेबनान में लड़ाई में लगे हुए हैं. पढ़ें पूरी खबर...

Clashes in Palestinian refugee camps
प्रतिकात्मक तस्वीर

बेरूत : लेबनान के सबसे बड़े फिलिस्तीनी शरणार्थी शिविर के अंदर प्रतिद्वंद्वी सशस्त्र समूहों के बीच तीन दिनों की लड़ाई में कम से कम 11 लोगों की मौत हो गई है जबकि दर्जनों अन्य घायल हो गए हैं. लेबनान की सेना ने सोमवार को दक्षिणी बंदरगाह शहर सिडोन के पास ईन अल-हिलवेह शिविर के आसपास के क्षेत्र को सील कर दिया. क्योंकि लेबनानी और फिलिस्तीनी समूहों के बीच युद्धविराम के प्रयासों के बावजूद झड़पें जारी रहीं. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इन शिविरों में 63,000 से अधिक शरणार्थी रह रहे हैं.

  • A series of tit-for-tat killings have escalated into open violence in the Palestinian refugee camp of Ein el-Hilweh, in the Lebanese city of Sidon.

    At least nine people have been killed and dozens wounded ⤵️

    🔗: https://t.co/1P2xGgmN8N pic.twitter.com/aATMbYdX9J

    — Al Jazeera English (@AJEnglish) July 31, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

अल जजिरा की रिपोर्ट के मुताबिक, दर्जनों परिवार घनी आबादी वाले शिविर से भागने में सफल रहे हैं लेकिन हजारों की संख्या में लोग अंदर फंसे हुए हैं क्योंकि वहां से भागना बहुत खतरनाक है. कुछ लोगों ने आसपास के मस्जिदों में शरण ली है. उन्होंने कहा, फिलिस्तीनी शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र एजेंसी ने शिविर में अपने सहायता अभियान और सेवाएं निलंबित कर दी हैं.

  • Heavy fighting renewed in Lebanon's Palestinian refugee camp of Ain al-Hilweh, raising the death toll since clashes began on Saturday to nine.

    The clashes between members of Fatah movement and other factions have forced over 200 residents to flee their homes pic.twitter.com/Xuiux22usH

    — Middle East Eye (@MiddleEastEye) July 31, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

एसोसिएटेड प्रेस समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, लेबनानी सेना के प्रवक्ता ने कहा कि सोमवार को मरने वालों की संख्या बढ़कर 11 हो गई है. कथित तौर पर कम से कम 40 लोग घायल हुए हैं. हिंसा शनिवार को शुरू हुई जब एक अज्ञात बंदूकधारी ने महमूद खलील नामक एक सशस्त्र समूह के सदस्य को मारने की कोशिश की. लेबनानी राज्य मीडिया और फतह डिवीजन के एक कमांडर के अनुसार, एक अन्य फिलिस्तीनी गिरोह ने शनिवार को फतह गुट के एक वरिष्ठ और उसके चार अंगरक्षकों की हत्या कर दी, जिससे लेबनान के सबसे बड़े फिलिस्तीनी शरणार्थी शिविर ईन अल-हिलवेह में हिंसा भड़क गई. इसके अगले दिन शिवर में खूनी झड़पें शुरू हो गईं.

  • Unbelievable‼️
    Over the past days, Palestinian terror groups have been battling with one another in the Palestinian refugee camp Ein el-Hilweh in south Lebanon.

    The tragic results:

    - 11 dead, including a UN staff member
    - 400 injured
    - Thousands forced to flee their homes
    - 2… pic.twitter.com/emGThWsKCs

    — Ambassador Gilad Erdan גלעד ארדן (@giladerdan1) July 31, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

अल जजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, स्थानीय लेबनानी सांसद ओसामा साद ने सोमवार दोपहर को लेबनानी अधिकारियों, सुरक्षा बलों और फिलिस्तीनी गुटों के बीच एक बैठक के बाद नए युद्धविराम की घोषणा की. लेकिन उसके बाद भी लड़ाई जारी रही. इससे पहले, फिलिस्तीनी प्राधिकरण के अध्यक्ष महमूद अब्बास ने एक बयान में कहा कि लेबनान सरकार कानून और व्यवस्था लागू करने के लिए जो कर रही है उसका हम समर्थन करते हैं. उन्होंने कहा कि हम फिलिस्तीनी शरणार्थी शिविरों और सुरक्षा और कानून बनाए रखने सहित लेबनान की संप्रभुता का समर्थन करते हैं.

न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, शिविर में हुई झड़पों में भारी हथियार जैसे मशीन गन और रॉकेट चालित ग्रेनेड इस्तेमाल हुए थे. संयुक्त राष्ट्र फिलिस्तीनी शरणार्थी एजेंसी यूएनआरडब्ल्यूए ने कहा कि सोमवार को मरने वालों की संख्या बढ़कर 11 हो गई, 40 घायल हो गए और लगभग 2,000 निवासी अपने घर छोड़कर भाग गए. लेबनानी स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि शिविर के बाहरी इलाके में एक सरकारी अस्पताल को खाली करा लिया गया और उसके मरीजों को या तो घर भेज दिया गया या अन्य अस्पतालों में भेज दिया गया.

ईन अल-हिलवेह इज़राइल के निर्माण के बाद फिलिस्तीनी शरणार्थियों के लिए 1948 में लेबनान में स्थापित 12 शिविरों में से एक है. लेबनान और फिलिस्तीन मुक्ति संगठन के बीच 1969 में हुए समझौते के बाद, लेबनानी सेना आम तौर पर शिविरों में प्रवेश करने से बचती रही है, लेकिन कुछ लेबनानी अधिकारियों ने हाल की झड़पों के मद्देनजर शिविरों पर नियंत्रण लेने के लिए सेना को बुलाया है. राज्य द्वारा संचालित राष्ट्रीय समाचार एजेंसी के अनुसार, संसद सदस्य और काटाएब पार्टी के प्रमुख सैमी गेमायेल ने सोमवार को 'शिविरों को निरस्त्रीकरण करने और उन्हें लेबनानी सेना की हिरासत में रखने' का आह्वान किया.

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लेबनान में फिलिस्तीनियों के पास काम करने और संपत्ति रखने के अधिकार सीमित हैं, और उनमें से अधिकांश गरीबी में रहते हैं. अमेरिकन यूनिवर्सिटी ऑफ बेरूत में ग्लोबल एंगेजमेंट के निदेशक रामी खौरी ने अल जजीरा को बताया कि हिंसा अरब-इजरायल संघर्ष और फिलिस्तीन की जायोनी विजय का बार-बार होने वाला दुष्प्रभाव है. उन्होंने कहा कि इस तरह का तनाव नियमित रूप से सामने आता है.

(एजेंसियां)

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