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अमेरिका-चीन तनाव के बीच बाइडन और शी ने दो घंटे तक की बातचीत

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Published : Jul 29, 2022, 6:33 AM IST

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन और उनके चीनी समकक्ष शी चिनफिंग राष्ट्रपति पद पर रहते हुए को पांचवीं बार सीधी बातचीत की. यह बातचीत करीब दो घंटे तक चली इस दौरान उन्होंने आर्थिक और भू राजनीतिक तनाव के बीच अपने जटिल रिश्तों के भविष्य पर चर्चा की.

Biden and Xi held talks for two hours amid US-China tensions
अमेरिका-चीन तनाव के बीच बाइडन और शी ने दो घंटे तक की बातचीत

वाशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन और उनके चीनी समकक्ष शी चिनफिंग राष्ट्रपति पद पर रहते हुए को पांचवीं बार सीधी बातचीत की. यह बातचीत करीब दो घंटे तक चली इस दौरान उन्होंने आर्थिक और भू राजनीतिक तनाव के बीच अपने जटिल रिश्तों के भविष्य पर चर्चा की. व्हाइट हाउस ने बताया कि दोनों नेताओं के बीच अमेरिका के ‘इस्टर्न डेलाइट टाइम’ (ईडीटी) के अनुसार सुबह आठ बजकर 33 मिनट पर वार्ता शुरू हुई और यह पूर्वाह्न 10 बजकर 50 मिनट तक चलती रही. यह बातचीत ऐसे समय हुई जब बाइडन उभरती नयी वैश्विक ताकतों के साथ काम करने के तरीके तलाशने के साथ-साथ चीन का वैश्विक प्रभाव रोकने के लिए भी रणनीति बना रहे हैं.

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चाइना सेंट्रल टेलीविजन ने अपनी वेबसाइट पर खबर दी कि दोनों राष्ट्र प्रमुखों ने चीन-अमेरिका संबंधों और साझा चिंताओं पर गंभीरतापूर्वक वार्ता की और विचारों का आदान-प्रदान किया. गौरतलब है कि दोनों देशों के बीच नवीनतम तनाव अमेरिकी कांग्रेस (संसद) के निचले सदन ‘हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव’ की स्पीकर नैंसी पेलोसी की संभावित ताइवान यात्रा को लेकर पैदा हुआ है. ताइवान स्वशासित द्वीप है जिसे चीन अपना हिस्सा मानता है. चीन ने कहा कि वह इस यात्रा को उकसावे की कार्रवाई के तौर पर देखेगा.

बीजिंग द्वारा जारी दोनों नेताओं के बीच हुई बातचीत के विवरण के अनुसार, शी ने इस द्वीप पर चीन के दावे पर जोर दिया. विदेश मंत्रालय ने कहा कि जो लोग आग से खेलते हैं वे इससे नष्ट हो जाएंगे. उम्मीद है कि अमेरिका इस बारे में स्पष्ट होगा. व्हाइट हाउस ने अभी तक कॉल पर अपना विवरण जारी नहीं किया है. इससे पहले चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने बुधवार को पेलोसी की प्रस्तावित ताइवान यात्रा को लेकर चेतावनी दोहराई. उन्होंने कहा कि अगर अमेरिका अपनी ही राह पर चलने के लिए जोर देगा और चीन के मूल मुद्दों को चुनौती देगा, तो निश्चित तौर पर मजबूत जवाब मिलेगा. इसके नतीजों की सभी जिम्मेदारी अमेरिका की होगी.

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पेलोसी अगर ताइवान की यात्रा करती हैं तो 1997 के बाद किसी शीर्ष अमेरिकी निर्वाचित प्रतिनिधि की इस द्वीपीय देश की पहली यात्रा होगी. राष्ट्रपति जो बाइडन ने पिछले सप्ताह पत्रकारों से कहा था कि अमेरिकी सैन्य अधिकारियों का मानना है कि अभी संसद के निचले सदन की अध्यक्ष के लिए ताइवान की यात्रा करना 'अच्छा विचार नहीं' है. अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा प्रवक्ता जॉन किर्बी ने बुधवार को कहा था कि यह अहम है कि बाइडन और शी नियमित संपर्क में रहें. व्हाइट हाउस में संवाददाताओं को जानकारी देते हुए किर्बी ने कहा कि राष्ट्रपति सुनिश्चित करना चाहते हैं कि राष्ट्रपति शी के साथ संवाद के रास्ते खुले रहें क्योंकि वे इसकी जरूरत महसूस करते हैं.

उन्होंने कहा कि ऐसे मुद्दे हैं जिन पर हम चीन के साथ सहयोग कर सकते हैं और ऐसे मुद्दे भी हैं जिन पर टकराव और तनाव है. बाइडन और शी ने आखिरी बार रूस द्वारा यूक्रेन पर हमले के कुछ समय बाद मार्च में बातचीत की थी. किर्बी ने कहा कि यह दुनिया में सबसे अहम द्विपक्षीय संबंधों में से एक है जिसका असर दोनों देशों से परे होता है. किर्बी ने वार्ता से पहले अमेरिका और चीन के बीच तनाव के कई मुद्दे गिनाए थे, जिनपर बात हो सकती है. उन्होंने कहा कि बातचीत में ताइवान को लेकर तनाव...चीन का ताइवान के बाहर हिंद-प्रशांत क्षेत्र में आक्रामक व्यवहार, आर्थिक संबंधों में तनाव, यूक्रेन-रूस युद्ध पर चीन की प्रतिक्रिया पर चर्चा हो सकती है.

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