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गरीबी, असमानताओं को बढ़ा रही है महामारी : आईएमएफ

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Published : Oct 15, 2021, 5:47 PM IST

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने कहा कि कोरोना वायरस के नए वेरिएंट के उभरने से अनिश्चितता बढ़ गई है, जिससे वैश्विक अर्थव्यवस्था के सुधार की रफ्तार प्रभावित होने का खतरा पैदा हो गया है, पढ़िए विस्तार से पूरी खबर..

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वॉशिंगटन : अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने कहा कि कोरोना वायरस के नए वेरिएंट के उभरने से अनिश्चितता बढ़ गई है, जिससे वैश्विक अर्थव्यवस्था के सुधार की रफ्तार प्रभावित होने का खतरा पैदा हो गया है.

आईएमएफ ने अपनी वार्षिक बैठक के समापन के बाद एक बयान में कहा कि वायरस के वेरिएंट के उभरने से अनिश्चितता बढ़ गई है और पुनरुद्धार की राह में जोखिम बढ़ गए हैं.’’ इस बैठक में अन्य लोगों के साथ केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी भाग लिया.

आईएमएफ ने कहा कि संकट गरीबी और असमानताओं को बढ़ा रहा है, जबकि दूसरी ओर जलवायु परिवर्तन और अन्य साझा चुनौतियों का दबाव बढ़ रही हैं, जिस पर हमें तत्काल ध्यान देने की जरूरत है. बयान में कहा गया कि महामारी के प्रकोप को रोकने के लिए सार्वभौमिक टीकाकरण में तेजी लाने के जरूरत है और ऐसे में अंतरराष्ट्रीय सहयोग और तत्काल कार्रवाई पर जोर दिया गया.

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बाद में एक संवाददाता सम्मेलन में स्वीडन की वित्त मंत्री मैग्डेलेना एंडरसन, जिन्होंने बैठक की अध्यक्षता की, ने कहा कि महामारी ने वैश्विक स्तर पर गरीबी और असमानताओं को बढ़ा दिया है. उन्होंने कहा कि बैठक में मजबूत अंतरराष्ट्रीय सहयोग और सार्वभौमिक टीकाकरण के लिए तत्काल कार्रवाई पर जोर दिया गया. एंडरसन ने कहा कि इस बीच जलवायु परिवर्तन के चलते दबाव भी बढ़ रहा है और इस पर तत्काल ध्यान देने की जरूरत है. बैठक में पेरिस समझौते के अनुरूप जलवायु कार्रवाई में और तेजी लाने के लिए एक मजबूत प्रतिबद्धता जताई गई.

इसबीच आईएमएफ ने वैश्विक आर्थिक पुनरुद्धार के लिए बढ़ते खतरों और मौजूदा कोरोना वायरस महामारी तथा मुद्रास्फीति के प्रकोप से पैदा हुए खतरों के प्रति चेतावनी दी है. वैश्विक एजेंसी ने गरीब देशों में कोरोना वायरस टीकाकरण तेजी करने के लिए धनी देशों से अधिक प्रयास करने का आह्वान किया और साथ ही फेडरल रिजर्व तथा अन्य केंद्रीय बैंकों से आग्रह किया कि अगर मौजूदा मुद्रास्फीति के दबाव अस्थायी नहीं साबित होते हैं, तो वे जल्दी से इसकी रोकथाम के उपाए करें. आईएमएफ ने अपने बयान में अमीर और गरीब देशों के बीच टीकाकरण दरों में व्यापक अंतर के बारे में चिंता जताई.

(पीटीआई-भाषा)

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