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भारत-अमेरिका टू प्लस टू वार्ता, द्विपक्षीय और वैश्विक मुद्दों पर होगी चर्चा

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Published : Oct 22, 2020, 11:37 PM IST

Updated : Oct 23, 2020, 7:35 AM IST

भारत-अमेरिका टू प्लस टू वार्ता
भारत-अमेरिका टू प्लस टू वार्ता

भारत और अमेरिका के बीच 27 अक्टूबर को होने वाली 'टू प्लस टू' वार्ता में द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा होगी. इस वार्ता में भारतीय पक्ष का प्रतिनिधित्व विदेश मंत्री एस जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह करेंगे. अमेरिका की तरफ से विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ और रक्षा मंत्री मार्क टी एस्पर शामिल होंगे.

नई दिल्ली : भारत और अमेरिका के बीच 27 अक्टूबर को तीसरे दौर की 'टू प्लस टू' वार्ता होगी. जिसमें द्विपक्षीय मुद्दों के साथ-साथ क्षेत्रीय और वैश्विक घटनाक्रमों पर व्यापक चर्चा होगी. विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को यह जानकारी दी.

अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ और रक्षा मंत्री मार्क टी एस्पर दोनों देशों के बीच रक्षा, सुरक्षा और वैश्विक रणनीतिक संबंधों को और मजबूत करने के वास्ते उच्च स्तरीय वार्ता के लिए 26 और 27 अक्टूबर को भारत की यात्रा पर आएंगे. मंत्रिस्तरीय वार्ता में भारतीय पक्ष का प्रतिनिधित्व विदेश मंत्री एस जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह करेंगे.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'तीसरी मंत्रिस्तरीय वार्ता आपसी हितों के मुद्दों पर चर्चा के अलावा दोनों पक्ष क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करेंगे.'

उन्होंने बताया कि पोम्पिओ और एस्पर की उनके भारतीय समकक्षों के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी होंगी. श्रीवास्तव ने कहा कि पोम्पिओ और एस्पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से भी मुलाकात करेंगे. प्रधानमंत्री के साथ एक संयुक्त बैठक होगी.

यह पूछे जाने पर कि अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव से कुछ दिन पहले ही वार्ता क्यों निर्धारित की गई है, श्रीवास्तव ने कहा, 'राजनयिक कैलेंडर में उनके तर्क होते हैं. इससे पहले साल के अंत में दो बैठकें भी हुई थीं.'

जब पूछा गया कि किन महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की जाएगी तो विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि वार्ता के दौरान सभी 'मुख्य और वैश्विक मुद्दों' को शामिल किया जाएगा, क्योंकि दोनों देशों के बीच व्यापक साझेदारी है.

'टू प्लस टू' वार्ता के पहले दौर की बातचीत सितंबर, 2018 में दिल्ली में हुई थी, जबकि वार्ता का दूसरा दौर पिछले साल दिसंबर में वॉशिंगटन में हुआ था.

सूत्रों के मुताबिक, अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ 25-30 अक्टूबर तक चार देशों- भारत, श्रीलंका, मालदीव और इंडोनेशिया का दौरा करेंगे. अमेरिका के दो शीर्ष अधिकारियों की यात्रा का जोर रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करना होगा.

चीन के साथ बढ़ते तनाव के बीच भारत भू-स्थानिक सहयोग के लिए बुनियादी विनिमय और सहयोग समझौते (BECA) पर अमेरिका के साथ हस्ताक्षर कर सकता है.

अमेरिका के विदेश विभाग ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि दोनों देशों का फोकस निश्चित रूप से चीन होगा और इस क्षेत्र में बढ़ती चीनी आक्रामकता को कैसे रोका जाए. वार्ता का उद्देश्य यूएस-इंडिया कॉम्प्रिहेंसिव ग्लोबल स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप को आगे बढ़ाना और भारत-प्रशांत और विश्व में स्थिरता और समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए सहयोग का विस्तार करना है.

यह भी पढ़ें- पोम्पियो अगले सप्ताह आएंगे भारत, 'टू प्लस टू' वार्ता में लेंगे हिस्सा

माइक पोम्पिओ ने बुधवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि वह रक्षा सचिव एस्पर के साथ अपने भारतीय मित्रों के साथ 'टू प्लस टू' मंत्रिस्तरीय वार्ता करने के लिए उत्सुक हैं. यह वार्ता कोरोना वायरस के कारण स्थगित कर दी गई थी. खुशी है कि हम कुछ ही दिनों में वार्ता करने जा रहे हैं.

उन्होंने कहा, 'मुझे यकीन है कि मेरी बैठकों में इस बात पर भी चर्चा होगी कि कैसे स्वतंत्र राष्ट्र चीनी कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा उत्पन्न खतरों के खिलाफ मिलकर काम कर सकते हैं.'

Last Updated :Oct 23, 2020, 7:35 AM IST
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